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( २१६)
थोकडा संग्रह।
भाव ६१ उदय भाव २ उप शम भाव ३ क्षायक भाव ४ क्षयोपशम भाव ५ परिणामिक भाव ६ सन्निवाइ भाव ।
१ उदय भाव के दो भेदः-१ जीव उदय निष्पन्न २ अजीव उदय निष्पन्न जीव उदय निष्पन्न में ३३ बोल पावेः-४ गति, ६ काय, ६ लेश्या, ४ कपाय, ३ वेद एवं २३ और १ मिथ्यात्व २ अज्ञान ३ अविरति ४ असंज्ञीत्व ५ श्राहारिक पना ६ छमस्थ पना ७ सयोगी पना ८ संसार परियट्टणा : असिद्ध १० अ. केवली एवं सर्व ३३ बोल । अजीव उदय निष्पन्न में ३० बोल पावः-५वर्ण २ गन्ध ५ रस ८ स्पर्श ५ शरीर और ५ शरीरके व्यापार एवं ३० दोनों मिलाकर (३३+३०) ६३ बोल उदय भाव के हुवे।
उपशम भाव में ११ बोल पावे। चार कषाय का उपशम ४,५ रागका उपशम ६ द्वेष का उपशम ७ दर्शन मोहनीय का उपशम ८ चारित्र मोहनीय का उपशम एवं ८ मोहनीय की प्रकृति, और ६ उपसमिया दंशण लाद्धि (समकित ) १० उवसमिया चरित्त लद्धि ११ उवसमिया अकषाय छ उमथ वीतराग लद्धि एवं ११।।
क्ष यक भाव में ३७ बोल-५ज्ञानावरणिय दर्शना वरणिय, २ वेदनीय, १ राग, १ द्वेष, ४ कषाय,
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