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(१३४)
थोकडा संग्रह।
नरक आयुष्य चार प्रकारे बांधे-१ महा प्रारम्भ २ महा परिग्रह ३ मद मांस का आहार ४ पंचेन्द्रिय वध ।
तिर्यच आयुष्य चार प्रकारे बांध-१ कपट २ महा कपट ३ मृषावाद ४ खोटा तोल खोटा माप ।
मनुष्य प्रायुष्य चार प्रकारे बांध-१ भद्र प्रकृति २ विनय प्रकृति ३ सानुक्रोष । दया ) ४ अमत्सर (इर्षा रहित )।
देव आयुष्य चार प्रकारे बांधे-१ सराग संयम २संयमा संयम ३ बालतपोप कर्म ४ अकाम निर्जरा ।
। आयुष्य कर्म चार प्रकारे भोगवे ।
१ नेरिये नरक का भोगवे २ तिर्यच, तिर्यंच का भोगवे ३ मनुष्य, नुष्य का भोगवे ४ देव, देव का भोगवे ।
आयुष्य कमे की स्थिति नरक व देव की स्थिति जघन्य दश हजार वर्ष और अन्तर मुहूर्त की उत्कृष्ट तेतीश सागर और करोड पूर्व का तीसरा भाग अधिक।
मनुष्य व तिर्यच की स्थिति जघन्य अन्तर मुहूर्त की उत्कृष्ट तीन पल्य और करोड पूर्व का तीसरा भाग अधिक ।
___ नाम कर्म का विस्तार नाम कर्म के दो भेदः-१ शुभ नाम २ अशुभ नाम ।
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