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चोवीस दण्डकः ।
( १०७)
समुद्घात द्वार:इन में समुद् घात तीन पावे-१ वेदनीय २ कषाय ३ मारणांतिक ।
१० संज्ञी असंज्ञी द्वारःतीन विकलेन्द्रिय तथा संमूर्छिम तिर्यच पंचेन्द्रिय, असंज्ञी।
११ वेद द्वार:इन में वेद एक- नपुसंक।
१२ पर्याप्ति द्वार:पर्याप्ति पावे पांच १ आहार पर्याप्ति २ शरीर पर्याप्ति इन्द्रिय पर्याप्ति ४ श्वासोश्वास पर्याप्ति ५ भाषा पर्याप्ति ।
१३ दृष्टि द्वार:चे इन्द्रिय, त्रेन्द्रिय, चौरिन्द्रिय तथा तिर्यंच संमूर्छिम पंचेन्द्रिय के अपर्याप्ति में दृष्टि दो १ समकित दृष्टि २ मिथ्यात्व दृष्टि । पयाप्ति में एक मिथ्यात्व दृष्टि ।
१४ दर्शन द्वार बेइन्द्रिय, बीइन्द्रिय में दर्शन एक १ अचक्षु दर्शन चारिन्द्रय और तिथंच संमूर्छिम पंचेन्द्रिय में दो-१ चक्षु दर्शन २ अचक्षु दर्शन।
१५ ज्ञान द्वार अपर्याप्ति में ज्ञान दो:-१ मति ज्ञान २ श्रुत ज्ञान, अज्ञान दो १ मति अज्ञान २ श्रुत अज्ञान, पर्याप्ति में अज्ञान दो।
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