________________
भगवती सूत्रे
१२४
रूपाणि समुद्रस्य परभागे चक्षुर्विषयातीताः पदार्थाः सन्ति किमिति मनुकस्य प्रश्नः, 'हंता अस्थि' हन्त, सन्तीत्युत्तरम् । पुनः पृच्छति मनुकः 'तुज्झे आउसो' यूयं खल्ल आयुष्मन्तः 'समुदस्स पारगयाई रुवाई पासह' समुद्रस्य पारगतानि रूपाणि पश्यय समुद्रपारवर्तिपदार्थजातस्य किं स्वरूप मितोऽवस्थिताः पश्यथ किमिति मद्रुकस्याशयः । ते कथयन्ति 'णो इट्टे सम' नायमर्थः समर्थः नैव पश्याम इतिभावः । ' अस्थि णं आउसो' सन्ति खलु आयुष्मन्तः ! 'देवलो गाई रुवाई' देवलोकगतानि रूपाणि मादृशानामविषयाः देवलोकगताः पदार्थाः सन्ति किमिति प्रच्छकाशयः, कथयन्ति ते अन्ययूथिकाः 'हंता अस्थि' हन्त सन्ति तत्रापि देवलोके पदार्था इति 'तुझे णं आउली' यूयं खलु आयुमन्तः ! 'देवलोगगया' रूश पासह' देवलोकगवानि रूपाणि परपथ, पर चक्षुर्दिषयातीत (दृष्टि से देखने में नहीं आवे ऐसे) पदार्थ है क्या ? उत्तर में उन्होंने कहा- 'हंना अस्थि' हां मद्रक | समुद्र के दूसरे तट पर पदार्थ हैं । पुनः मद्रुक ने उनसे प्रश्न किया । 'तुज्झेगं आउसो ! समुदस्स पारगयाई रुवाई पासह' हे आयुष्मन्तो ! क्या तुम लोग समुद्र के अपर पारवर्ती पदार्थों के रूपको देखते हो ? उत्तर में उन्होने कहा 'जो इणट्ठे समट्टे' हे मद्रुक ! यह अर्थ समर्थ नहीं है । अर्थात् समुद्र के अपर पारवर्ती पदार्थो के रूप को हम नहीं देखते हैं। अब मदुक ने उनसे पुनः ऐसा पूछा 'अस्थि णं आउसो ! देवलोगगधाई रुवाई' हे आयुष्मन्तो ! देवलोक में रहे हुए पदार्थ जो कि हम लोगों के विषय है क्या ? उत्तर में अन्ययूथिकों ने कहा- 'हंता अस्थि' हां मदुक ! देवलोक में पदार्थ हैं । पुनः मनुकने उनसे पूछा- 'तुज्झेगं आउसो ! देवलोगगयाई रुवाई
ન જોઈ શકાય તેવા પદાર્થો છે કે નહિ? તેના ઉત્તરમાં તેએએ કહ્યું કે~~ "हंता ! अस्थि " । भद्रुङ! समुद्रना जील स्निारे पहार्थों छे, ते पछी इरीने भदुई पूछयु } "तुझे णं आउसो समुहस्स पारगयाई रुवाई पासह" हे भायुમતા કહે! તમેા સૌ સમુદ્રના ખીજા કિનારા પર રહેલા પદાર્થોના રૂપ જોઇ शो छ। ? तेना उत्तरमां तेथे मे छु ! "जो इणट्टे समट्टे" हे भगु सभुદ્રના ખીજા કિનારે રહેલા પદાર્થાંના રૂપને મે જોઇ શકતા નથી ફરીને भद्रुङ श्रावर्डे तेोनि पूछयूँ – “अत्थि णं आउसो ! देवलोगगयाई रुवाई" હું આયુષ્મ'તા ! દેવલાકમાં પદાર્થો વિદ્યમાન છે? તેના ઉત્તરમાં અન્યयूथिये उछु -- "हता अस्थि" । भडु देवखेाभां पार्थो रडेला छे. इरीथी भटुर्डे तेमाने पूछयु -- "तुझे णं आउसो देवलोगगयाई रुवाई 'पाग्रह" हे आयुष्भ'तो ! तते देवोभां रडेला ३यो लेह शो छो?