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प्रमेयचन्द्रिका टीका शं०१९ उ०७ सू०१ असुरकुमाराद्यावासनिरूपणम् ४०५ असुरकुमाराणां भवनावासा कियच्छतसहस्रसंख्यकाः ? इति प्रश्नः, भगवानाह'गोयमा' इत्यादि 'गोयमा' हे गौतम ! 'चरसढि असुरकुमारमवणावाससयसहस्सा पन्नत्ता' चतु पष्टिरसुरकुमारभवनावासशतसहस्राणि प्रज्ञप्तानि हे गौतम ! असुरकुमाराणां भवनावासा' चतुःपष्टिलक्षप्रमाणका अवन्तीति, "किं मया पन्नत्ता' किं मया कि वस्तुनिर्मिताः असुरकुमाराणां भवनावासाः प्रज्ञप्ताः ? इति प्रश्ना, भगवानाह-'गोयमा' इत्यादि । 'गोयमा' हे गौतम ! 'सबरयणामया' सर्वरत्नमेयाः सर्वतो रत्नेनैव निर्मिता असुरकुमाराणां भवनावासाः 'अच्छा' अच्छाः स्वच्छाः स्फटिकादिवन्निर्मलाः 'सण्हा' श्लक्ष्णाः चिक्कणाः श्लक्ष्णपुद्गलैनिर्मितत्वात् 'जाव पडिरूया' यावत्मतिरूपाः सुन्दराकृतिकाः, अत्र यावत्पदेन 'लव्हा, घट्टा, मट्ठा, नीरया, निम्मला, निप्पंका, निक्कंकडच्छाया, सप्पभा, समरीइया, . टीकार्थ-इस सूत्र द्वारा गौतम ने प्रभु ले ऐसा पूछा है-'केवड्या णं
भते.' हे भदन्त । अस्लुरकुमारों के भवनापास कितने लाख कहे गये हैं ? इस प्रश्न के उत्तर में प्रभु ने कहा है कि-'गोथमा ! चउसाहि.' असु. रकुमारों के भवनावास ६४ लाख कहे गये हैं।
अष गौतम प्रभु से 'किमया' ऐसा पूछ रहे हैं कि हे भदन्त ! ये ६४ लाख असुरकुमारों के भवनावास किस वस्तु लय हैं ? 'गोयमा ! सम्धरणामया०' उत्तर में प्रभु ने कहा है कि हे गौतम ! ये सब भवनावास सर्व तरफ से रत्नों मय हुए हैं। अतः ये स्फटिक के जैसे निर्मल हैं चित्रने पुद्गलमय होने के कारण स्वयं चिकने हैं यावत् प्रति. रूप-सुन्दराकारवाले हैं यहां यावत्पद से 'लण्हा, घट्टा मट्ठा, नीरया, ' Ast-मा सूत्रथा गौतम स्वामी प्रभु से पूछयु छ ४-'केव• इया ण, भवे.' है भगवन् असुमाराना सपनापास 26L साथ ४ा छ ? साना त्तरभां प्रभु ४३ छ'गोयमा चउसदि.' गौतम ! मसूर કુમારના. ભવનાવાસો ૬૪ ચોસઠ લાખ કહેવામાં આવ્યા છે. . शशथी गौतम स्वामी प्रभुने म पूछे ४-'कि मया' 3 समवन् આ ૬૪ ચોસઠ લાખ અસુરકુમારોના ભવનાવાસ કઈ વસ્તુથી બનેલા या प्रश्न उत्तरमा प्रभु छ है-'गोयमा ! सवरयणामया०' है गीतम! આ તમામ ભવનાવાસે ચારે બાજુથી રથી જ બનેલા છે. તેથી તે સ્ફટિકના જેવા નિર્મલ લાગે છે ચિકણા પદથી બનેલા હોવાથી તે ચિકણ છે, યાવત્ પ્રતિરૂપ-સુંદર આકારવાળા છે. અહિયાં યાવત્પદથી 'लण्हा, घट्टा, मदा, नीरया, रिम्मला, निप्पंज्ञा, निकंकडच्छाया सप्पभा, समरीइया, सउन्जोया, पासाइया, दरिसणिज्जा अभिरूवा' मा पहाना स थये।