Book Title: Bhagwati Sutra Part 13
Author(s): Ghasilal Maharaj
Publisher: A B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti

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Page 952
________________ ૨૭ भगवती सूत्रे युक्तेन अन्ये चत्वारो भङ्गा भवन्ति, एवं शीतपदेन बहुवचनान्तेनैव अन्ये चत्त्रारो भङ्गा भवन्ति, तथा शीतोष्णपदाभ्यामेते एव चत्वारो भङ्गा मिलित्वा षोडश एते भवन्ति, तथा लघुपदेन बहुवचनान्तेन एते एव चत्वारः तथा लघुशीतपदाभ्यां बहुवचनान्ताभ्यामेते एव चत्वारो भङ्गाः, एवं लघूष्णपदाभ्यां चत्वारो भङ्गाः, एवं लघु शीतोष्पदैरपि चत्वारो भङ्गाः, तदेवमेतेऽपि षोडश भवन्ति एतदेव वचनान्त किया गया है बाकी का रूक्ष स्निग्धपद के एकवचनान्त और बहुवचनान्त सम्बन्धी कथन पूर्वोक्त जैसा ही है इस प्रकार के कथन में भी चार भङ्ग बने हैं । 'देसे कक्खडे, देसे मउए, देसे गरुए, देसे लहुए, देला सीया, देसे उसणे, देसे निद्धे, देसे लक्खे' इस प्रकार के कथन में 'शीतपद' को बहुवचनान्त किया गया है इस कथन में भी ४ भंग हुए प्रकट किये गये हैं यहां पर भी रूक्ष, स्निग्ध को एकवचन और बहुवचन में रखकर भङ्ग रचना हुई है 'देसे कक्खडे, देसे मउए, देसे गरुए, देखे लहुए, देसा सीया, देसा उसिणा, देसे निद्धे, देसे लक्खे' इस प्रकार के कथन में भी चार भंग पूर्वोक्तरूप से रूक्ष स्निग्ध, पद को एकता और अनेकता से हुए हैं, यहां पर शीन और उष्णपदों में बहुवचनान्ता हुई है । इस प्रकार से ये सब भंग मिलकर १६ भंग हो जाते हैं । 'देते कक्खडे, देखे मउए, देले गरुए, देसा लहुया, देसे सीए, देखे उसणे, देले निद्धे, देसे लक्खे ४' इस प्रकार के कथन में એકવચનાન્ત અને બહુવચનાન્ત સ`બંધીનું કથન પહેલા કહ્યા પ્રમાણે જ છે. आा प्रभाऐना उथन प्रारभां पशु यार लगी थाय छे ' देखे कक्खडे देसे मउ देसे गरुए देसे लहुए देखा खीया देसे उचिणे देखे निद्धे देसे लुक्खे' એકદેશમાં કર્કશ એકદેશમાં મૃદુ એકદેશમાં ગુરૂ એકદેશમાં લઘુ અનેક દેશામાં શીત એકદેશમાં ઉષ્ણ એકદેશમાં સ્નિગ્ધ અને એકદેશમાં રૂક્ષ સ્પવાળા હાય છે. આ પ્રકારના કથનમાં શીત પદને મહુવચનથી કહ્યું છે. આ કથન પ્રકારના પશુ ચાર ૪ ભંગા પહેલાં ખતાવ્યા છે. અહિયાં પણુ રૂક્ષ અને स्निग्धने शेऽवयन भने महुवयनमां येोलने लगोनी रथना थ छे. 'देसे कक्खडे देसे मउए देसे गरुर देते लहुए देसा सीया देखा उसिणा देसे निद्धे ऐसे लुक्खे' था अारना उथन अारमा पशु ४ यार लगे पूर्वेत ३ये इक्ष સ્નિગ્ધ પદના એકપણા અને અનેકપણાથી થયા છે. આમાં શીત અને ઉષ્ણુ પદામાં મહુવચનના પ્રયાગ થયા છે. આ રીતે આ તમામ ભ ંગા મળીને ૧૬ सोण थ लय छे. 'देसे कक्खडे देसे मउए देखे गरुए देसा लहुया देसे सीए देखे उसणे देसे ' निद्धे देसे लुक्खे४' था अारना उथन अारभां यथ

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