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प्रमेयचन्द्रिका टीका श०२० उ०५ सू० पुद्गलस्य वर्गादिमत्वनिरूपणम् ५६६ उष्णो देशः स्निग्धो देशौ हतौ इति द्वितीयो भङ्गः २ । 'देसे सीए देसे उसिणे देसा निदा देसे लुक्खे ३' देशः शीतो देश उष्णो देशौ स्निग्धौ देशौ रूक्ष इति तृतीयो भङ्गः ३ । 'देसे सीए देसा उसिणा देसे निद्वे देसे लुक्खे' देशः शीतो देशौ उष्णौ देशः स्निग्धो देशो रूक्ष इति चतुर्थों भङ्गः ४ । 'देसे सीए देसा उसिगा देसे नि: देसा लुक्खा ५' देशः शीतो देशौ उष्णो देशः स्निग्धो देशों रुक्षौ इति पञ्चमो भङ्गः ५ । 'देसे सीर देसा उसिणा देसा निद्धा देसे लुक्खे ६' देशः शीतो देशौ उष्णौ देशौ स्निग्धौ देशो रूक्ष इति षष्ठो भगः ६ । 'देसा वाला हो सकता है एकदेश में स्निग्ध स्पर्शवाला हो सकता है और एक देश में रूक्ष स्पर्श वाला हो सकता है यह प्रथम भंग है १, द्वितीय भंग इस प्रकार से है-'देसे सीए देले उसिणे देसे निद्ध देला लुक्खा ' यहां चतुर्थ पद को अनेक वचनान्त करके यह द्वितीए मंग बनाया है र तृतीय भंग इस प्रकार से है-'देख लीए देले उसिणे देसा निद्धा देसे लुक्खे २'यहां तृतीय पद को अनेक वचनान्त करके यह तृतीय भाग बनाया गया है३' 'देसे सीए देशा उलिणा देसे निद्धे देले लुक्खे ४' यह चतुर्थ भंग है, इसमें द्वितीय पद को अनेक वचनान्त करके यह चतुर्थ भंग बनाया गया हैं ४, देसे लीए देखा उलिणा देसे निद्धे देना लक्खा ५' यह पांचयां भंग है इस में द्वितीय पद और चतुर्थ पद को अनेक बच. नान्त किया गया है, 'देसे सीए देसा उसिका देसा णिद्धा देसे लक्खे' यह छठा भंग है, इस द्वितीय तृतीय पद को अनेक वचनान्त किया દેશમાં તિબ્ધ સ્પર્શવાળ હોઈ શકે છે અને એક દેશમાં રૂક્ષ સ્પેશવાળા
श: छ. म पडे 1 छ. भीn At मा प्रभार छ, 'देसे सीए देसे निद्धे, देखा लुक्खार' महियां याथा ५४ने मने क्यनवाणु मनावीन भी भी डर छ २ श्रीन A1 मा प्रभारी छ. 'देसे सीए देसे उसिणे, देसा निद्धा देसे लुखे३' मा रीत alon य२शुने मने क्यनवाणा मनपाथी मा श्रीन 1 ४ामा मान्य। छ. 'देसे सीए, देसा उसिणा वेसे निद्धे देसे लक्खे४' मा या छे. मी ५६ने मन वयनवा मनावाने डामा सावेद छ.४ 'देसे सीए देसा उसिणा देसे निद्धे देसा लुक्या' । पांयमे छे. मामा मा य मनयाथु २२ मने क्यनथी वामां माव्यु छ. 'देसे सीए देखा उसिणा देसा णिद्धा देजे लुक्खे६' मा प्रभायना मा ७४ो 1 छे. मामा भी मन an