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भगवती सूत्रे
हादगा सुक्कल य ३' स्यात् कालच नील लोहितथ हारिद्रौ च शुक्ल' वेति तृतीयो भङ्गो भत्रति ३ । 'सिय कालए य नीलए य लोहियगा य हालिदए य सुक्किए य४' स्यात् कालच नीलथ लोहितौ च हारिद्रथ शुक्लश्चेति चतुर्थो सङ्गो भवति ४ ; 'सिय कालए य नीलगाय लोहियए य हालिए य सुक्किल्लए यह स्यात् कालथ नीलौ च लोहितव हाद्रिश्च शुतखेति पञ्चमो भङ्गो:
हालय सुल्लिए य ३' वह अपने एक प्रदेश में कृष्णवर्ण वाला एक दूसरे किसी प्रदेश में नीलेवर्ण वाला किसी एक प्रदेश में लोहित वर्ण वाला और अनेक प्रदेशों में दो प्रदेशों में पीतवर्ण वालां और एक प्रदेश में शुक्लवर्ण वाला हो सकता है ३ 'सिय कालए य नीलए य लोहिया य हालिए य सुक्किल्लए य ' अथवा कदाचित् यह एक प्रदेश में कृष्णवर्ण वाला किसी एक प्रदेश में नीले वर्ण वाला किन्हीं दो प्रदेशों में लोहितवर्ण वाला एक प्रदेश में पीतवर्ण वाला और एक प्रदेश में शुक्लवर्ण वाला हो सकता है ४ अथवा - 'सिय कालए य नीलगाय लोहियंए य हालिएं य सुकिल्लए य ५' कदाचित् वह एकप्रदेश में कृष्णवर्ण वाला दो प्रदेशों में नीलेवर्ण वाला किसी एक प्रदेश में लोहितवर्ण वाला किसी एक प्रदेश में पोतवर्ण वाला और किसी एक प्रदेश में शुक्लवर्ण वाला हो सकता है ५ अथवा -
સફેદ વણુ વાળા હાય છે. આ પ્રમાણે આ બીજો ભંગ છે. ૨ અથવા પ્રિય कालए य नीलए य लोहियए य हालिएगा. य सुक्किलए य 3' ते 'पोताना પ્રદેશમાં કાળાવવાળા હૈાય છે. ખીજા એકપ્રદેશમાં નીલવર્ણવાળા હોય છે. કોઈ એક પ્રદેશમાં લાલણવાળા હોય છે, એ પ્રદેશમાં પીળાવણુ વાળા હોય છે. તથા એક પ્રદેશમાં સફેન્નુવણુ વાળાં હાય છે.એ રીતે આ ત્રીજો ભગ थाय छे. 3 'सिय कालएं य नीलए य- लोहियगा य दालिदए य सुकिल्लए य ४' અથવા કાઇવાર તે પેાતાના એકપ્રદેશમાં કાળાવણુ વાળા હોય છે. એકપ્રદેશમાં નીલવણું વાળા ઢાય છે. એ પ્રદેશમાં લાલવણુ વાળા હાય છે. કોઈ એકે પ્રદેશમાં પીળાવણુ વાળા હાય છે તથા કેઇ એક પ્રદેશમાં સફેદવણુ વાળા ડાય छे, में रीते या याथो अंग थाय छे, अथवा दुखिय काढए य नीलगा य लोहियए य हालिए य सुकिल्लए य५ अर्धवार ते पोताना मे प्रदेशभां अणा वाणु वाणी हाथ है. में प्रदेशमां नीसवधु वाणी होय हे. ये अहेशभां - सासवर्षा वाणी होय छे, थोड अद्देशसां श्रीजाववाणी होय छे, तथा खेड - શમાં સફેદ વધુ જ્ઞાળે હાય છે.- એ રીતે આ પાંચમા ભંગ થાય છે, પ્
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