Book Title: Bhagwati Sutra Part 13
Author(s): Ghasilal Maharaj
Publisher: A B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti

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Page 940
________________ ९१२ भगवतीपत्रे देसे सीए देसा उसिणा देसे निद्धे देसे लुक्खे' देशः कर्कशो देशो पृदुको देशो गुरुको देशो लघुको देशः शीतो देशा उष्णा देशः स्निग्धो देशो रूक्ष इति द्वितीय चतुष्कस्य प्रथमो भङ्गः १, देशः कःशो देशो मृदुको देशो गुरुको देशो लघुको देशः शीतो देशा उप्णा देशः स्निग्धो देशाः रूक्षा इति द्वितीयकस्य द्वितीयो भङ्गः २, देशः कर्कशो देशो मृदु को देशो गुरु को देशो लघुको देशः शीतो देशा उष्णा देशाः स्निग्धाः देशो रूक्ष इति द्वितीयचतुष्कस्य तृतीयो भङ्गः से है-'देसे कक्खडे, देसे मजए, देसे गहए, देसे लहुए, देखे सीए, देना उसिणा, देसे निद्धे, देसे लाखे १' यह द्वितीय चतुष्क का प्रथम भङ्ग है-इसके अनुसार वह एकदेश में कर्कश, एकदेश में वृद्ध, एकदेश में गुरु, एकदेश में लघु, एकदेश में शीत, अनेक देशों में उष्ण, एकदेश में स्निग्ध और एकदेश में रूक्ष स्पर्शवाला हो सकता है १, इसका द्वितीय भङ्ग इस प्रकार से है-'देशः कर्कशः, देशः मृदुका, देशी गुरुषः, देशो लघुकः, देशः शीतः, देशा उषणाः, देशः स्निग्धा, देशा रूक्षाः' इसके अनुसार वह एकदेश में कर्कश, एकदेश में मृदु, एकदेश में गुरु, एकदेश में लघु, एकदेश में गील, अनेक देशों में उष्ण, एकदेश में स्निग्ध और अनेक देशों में रूक्ष स्पर्शवाला हो सकता है २, इसका तृतीय भंग इस प्रकार से है-'देशः कर्कशः, देशः मृदुका, देशो जुरुकः, देशो लघुका, देशः शीतः, देशा उगाः, देशाः स्निग्धार, देशो रक्षः३' इसके अनुनार वह एकदेश में कर्कश, देश में हवे यतुम"on मत आवे छे. १ मा प्रमाणे छ. 'देखे कक्खडे, देसे मउए, देसे गरुए, देसे लहुए देसे सीए देसा उसिणा, देसे निद्धे देसे लक्खेतपाताना महेशमा ४४श मेशमा भृढ शंभ Y३ એક દેશમાં લઘુ એકદેશમાં શીત અનેક દેશમાં ઉણું એક દેશમાં સ્નિગ્ધ અને એકદેશમાં રૂક્ષ સ્પર્શવાળ હોય છે. આ બીજી ચતુર્ભ ગીને પહેલે म छे. अथवा ते 'देशः कर्कशः देशः मृदुकः देशो गुरुकः देशो लघुकः देशः शीतः देशा उष्णाः देशः स्निग्धः देशाः लक्षाः२' पाताना देशमा ४४श એકદેશમાં મૃદુ એકદેશમાં ગુરૂ એકદેશમાં લઘુ એકદેશમાં શીત અનેક દેશોમાં ઉણ એકદેશમાં સિનગ્ધ અને અનેક દેશોમાં રૂક્ષ સ્પર્શવાળે હોય છે. આ भील तुमाना भी २ अथवा त 'देशः कर्कशः देशः मदुकः देशो गुरुकः देशो लघुक, देशः शीतः देशा उप्णाः देशाः स्निग्धाः देशो रूक्षः३' પિતાના દેશમાં કર્કશ એકદેશમાં મૃદુ એકદેશમાં ગુરૂ એકદેશમાં લઘુ

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