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प्रमेयचन्द्रिका टीका श०२० उ०५ सु०१ पुद्गलस्य वर्णादिमत्वनिरूपणम् ५९१ चित् कालश्च नीनश्च प्रदेशद्वये कालत्वं प्रदेशद्वये नीलत्वं चेति प्रथमो भगः १ । 'सियकालए य नीलगा य' स्यात् कालश्व नीलकाथ, एकः प्रदेशः कृष्णः प्रदेशत्रयं च नीलमिति द्वितीयो भङ्गः २। 'सिय कालगा य नीलए य' स्यात् कालकाश्च नीलश्च प्रदेशत्रयस्य कृष्णत्वमेकस्मिन् प्रदेशे नीलत्वमिति तृतीयो भङ्गः ३। "सिय कालगाय नीलगा य' स्यात्-कदाचित् कालाश्च नीलाच, तत्र बहवोऽशाः कृष्णा, वहयोऽशा नीला इति कन्या चतुर्थों भङ्गो भवति कृष्णनीलयोः परस्पर व्यत्यासेनेति ४ । 'सिय कालए य लोहियए य' स्यात्-कदाचित् कालश्च लोहितश्चेति काललोहितघटितो मङ्गः । 'एस्थ वि चनारि भंगा' अत्रापि काळलोहि'यदि वह चतुःप्रदेशिक स्कन्ध दो वर्णों वाला होता है तो वह इस प्रकार से दो वर्णों वाला हो सकता है 'सिय कालए य नीलए य दो प्रदेशों में यह कदाचित् कृष्ण वर्ण वाला भी हो सकता है और दो में नील वर्ण घाला भी हो सकता है यह प्रथम भंग है 'मिय कालए य नीलगाय २' कदाचित् वह एकदेश में काला भी हो सकता है और तीन प्रदेशों में नीला भी हो सकता है यह द्वितीय भंग है। 'सिय कालगा य नीलए य ३'कदा चित् उसके तीन प्रदेश कृष्णवर्ण वाले हो सकते हैं और एक प्रदेश उसका नीला भी हो सकता है । 'सिय कालगाय नीलगा य' अनेक अंश उसके कदाचित् कृष्ण हो सकते हैं और अनेक अंश नीले भी हो सकते हैं इस प्रकार से कृष्ण गुण की मुख्यता लेकर और नील गुग को उसके साथ योजित कर ४ भंग हुए हैं। अब कृष्णवर्ण के साथ लोहित वर्ण को योजित करके जो ४भंग बनते हैं वे प्रकट किये जाते हैं-'सिय 'जइ दुवन्ने तयार प्रदेशवाणाध में पाया डाय छ. तामा प्रमाणे लाश छे. 'सिय कालए य नीलए य' थित मे प्रदेशमा ४ વર્ણવાળો પણ હોઈ શકે છે અને બે પ્રદેશમાં નીલ વર્ણવ ળા પણ હોઈ शई छ. मा ५ छ.१ 'सिर कालर य नीलगा य'२ हथित ते એક દેશમાં કાળા વર્ણવાળે પણ હોઈ શકે છે. અને ત્રણ પ્રદેશોમાં નીલાपावाणी डा श छ. मारीतना मा मीन है.२ 'सिय कालगा य नीलए य३' यायित तना ३ प्रश ण श छ અને તેને એક પ્રદેશ નીલ વર્ણવાળા પણ હોઈ શકે છે. આ ત્રીજો ભંગ છે. ૩ 'सिय कालगा य नीलगा यह तन मन मशहायित् वाणा पर હોય છે. અને અનેક અશે નીલ વર્ણવાળા પણ હોઈ શકે છે. આ રીતે કૃષ્ણ ગુણની મુખ્યતામાં નીલ ગુણને તેની સાથે જવાથી ઉપર કહ્યા પ્રમાણેના ચાર ભંગો બને છે
હવે કૃષ્ણ વર્ણ સાથે લાલ વર્ણને જીને જે ચાર ૪ ભંગો બને છે ते मतामा भाव 2. 'सिय कालए य लोहियए य' हायित् तेना में प्रदेश।