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refer टीका श०२० उ०५ ०१ पुनलस्य वर्णादिमत्व निरूपणम्
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'सम्वे सीए त्ति' त्रयाणामपि प्रदेशानां शीतपरिणामस्त्रात् सत्रः शीतः 'देसे निद्धे त्ति' देशः स्निग्धः त्रयाणां मध्ये एकप्रदेशस्य स्निग्धत्वात् २, 'देसे लक्खे' देशो रूक्ष इति त्रयाणां प्रदेशानां मध्ये द्विपदेशात्मको देशो रूक्षः एकपरिणामयोर्द्वयोरेकपदेशावगाहनादिना एकत्वेन विवक्षितत्वात् इति प्रथमभङ्गविवेकः १ । 'सव्वे सीए देसे निद्धे देमा लुक्वा' सर्वः शीतो देशः स्निग्धो देशौ रूक्षौ - सर्वोsriशः शीत एकदेशः farst तदनेकदेशौ रूक्षौ भिन्नपरिणामतयाऽनेकवच नान्तस्तृतीयः पादइति द्वितीय भङ्गः २ । तृतीये द्वितीयपादस्तु अनेक वचनान्तस्तदेव दर्शयति 'सच्चे सीए देसा निद्रा देसे लक्खे' सर्वः शीतो देशी में रूक्ष हो सकता है ? इसका तात्पर्य ऐसा है कि त्रिप्रदेशिक स्कन्ध के तीनों प्रदेशों में शीन परिणामता होने से वह सर्व रूप में शीत हो सकता है, प्रदेशों के मध्य के एक प्रदेश में स्निग्यता होने से वह देश में स्निग्ध हो सकता है तथा तीनों प्रदेशों के बीच में द्विपदेशात्मक एक देश रूक्ष हो सकता है क्योंकि एक परिणाम वाले दो प्रदेशों को एक प्रदेशावगाहन् आदि होने से यहां एकत्व की विवक्षा की गई है । इस प्रकार से यह प्रथम भंग है । द्वितीय अंग इस प्रकार से है- 'सव्वे सीए, देखे निद्धे देसा लुक्खा' वह अपने सर्व अंश में शीत हो सकता है एकदेश उसका स्निग्ध हो सकता हैं और अनेक देश रूप दो प्रदेश उसके रूक्ष हो सकते हैं । यहाँ भिन्न परिणामवाला होने से तृतीय पद अनेक वचनान्त है २, तथा तीसरे भंग में द्वितीय पद अनेक वचनान्म है जैसे- 'सव्वे सीए देसा निद्धा देसे लक्खे ३' वह अपने सर्वश में शीत हो सकता है
'सव्वे सीए' त्र प्रदेशवा' संधना अद्देशेोभां शीतसतायालु होवाथी ते सर्व शेते शीत होर्ध शडे छे. 'देसे निद्धे' - वायु प्रदेशोनी मध्य ४ अहेशभां स्निग्धता होवाथी ते देशमां स्निग्ध हो रा . र 'देसे लुक्खे' भने लु अहेशा पैकी દ્વિદેશાત્મક એક દેશ રૂક્ષ થઈ શકે કેમ કે એક પરિણામવાળા એ પ્રદેશેાના એક પ્રદેશાવગાહન હાવાથી એકત્વની વિવક્ષા કરવમાં આવી છે૩ આ રીતના मा पहेला लंग छे जीले लौंग या प्रमाये जाने . - ' सव्वे सीए देसे निद्धे देसा लक्खा' ते पोताना सर्वाशथी शीत होई शडे हे भने तेना द्वेश સ્નિગ્ધ હાઈ શકે છે. અને અનેક દેશ રૂપ તેનાં બે પ્રદેશ રૂક્ષ હાઇ શકે છે અહી ભિન્ન પરિણામવાળુ' હાવાથી આનું ત્રીજું પદ્ય અનેક વચનવાળું मने छे, तथा न्रीन लौंग मीनु यह ने वयनवाणु छे नेम है- 'सव्वेसीए देसा निद्धा देसे लुक्खे३' ते 'ताना सर्वांशी शीत हे। शडे छे. तथा
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