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पाण्डुलिपि-ग्रन्थ-रचना-प्रक्रिया/39
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'वचनर' तो इसे ठीक करने के
लिये व च र लिखा जायगा।
चन का अर्थ होगा कि 'न' पहले 'च' दुजे पढ़ा जायगा। अधिक उलट सुलट हो तो कम से 3,4 और अन्य अंकों का प्रयोग भी
हो सकता है। 6. स्वर-संधि की भूल स्वर संध्यंशदर्शक चिह्न
अ%5, आ 7 . ss, इ-ce६६ ई-ई.. , 3-65. अ.कर ए:ए. ऐए ओ-3, औ अम
अं7. पाठ भेद* पाठ भेद दर्शक चिह्न प्र० पा०, प्रत्यं० पाठां०, प्रत्यन्तरें
पाठांतर 8. पाठ भेद पाठानुसंधान दर्शक चिह्न
3.... 33.पंन
जं. नी. पं.नी 9. मिलित पदों में पदच्छेद दर्शक चिह्न या भ्रान्ति
वाक्यार्थ समाप्ति दर्शक चिह्न या पाद विभाग दर्शक चिह्न
यह मिलित पदों के ऊपर लगाया
जाता है। 10. विभाग-भ्रान्ति* विभाग दर्शक चिह्न 11. पदच्छेद भ्रांति* एकपद दर्शक चिह्न
ऐसे दो चिह्नों के बीच में प्रस्तुत पद में पदच्छेद-निषेध सूचित होता है। 11, 12, 13, 23, 32, 41, 53, 62, 73, 82
12. विभक्ति वचन*
भ्रांति
विभक्ति बचन दर्शक चिह्न
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