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136 पाण्डुलिपि - विज्ञान
8. स्मृति स्तम्भ
ये गोत्र या गोत्र शालिका
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स्तम्भ
ग्रन्थ
अभिलेख
ईंटों पर
अभिलेख तो अन
ईंटों पर ग्रन्थ भी लिखे गए । गिलगेमश की गाथा ईंटों पर लिखी मिली, इसका उल्लेख गिनती हम अन्यत्र कर चुके मिले हैं। हैं । भारत में कुछ बौद्ध ग्रंथ ईंटों पर
उभारे गए मिले हैं ।
कुछ राजाओं ने श्वमेघ युद्ध किए, जैसे-दाममित्र एवं शीलवर्मन् ने । इनके अश्वमेघ सम्बन्धी अभिलेख ईंटों पर लिखे मिले हैं ।
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9. छाया-स्तम्भ
इन स्मृति स्तम्भों पर
स्मृत व्यक्ति की मूर्ति उकेरी रहती है ।
भी कहे जाते हैं । अपने
कुटुम्ब के किसी व्यक्ति की
स्मृति में खड़े किए जाते
हैं ।
9. मृण्मय - मृण्मय लेख कई रूपों में मिलते हैं, तथा----
1. ईंट पकायी हुई एवं कच्ची 2. धोंधे
ईंट की सामग्री, दोनों प्रकार की प्रभूत मात्रा में मिली है - पकायी हुई ईंटों पर भी और बिना पकायी (कच्ची) ईंटों पर भी
1
कभी-कभी मिट्टी की ईंटें न बनाकर उसके धोंधे (मिट्टी को सानकर एक ढेर का आकार देकर टीम
के रूप में) उस पर लेख अंकित कर उसे पका लिया जाता
था । धार्मिक मनी
तियों के लिए विशेषतः ऐसे धोंधों पर लेख
लिखे गये ।
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10. यूप स्तम्भ ( यज्ञोपरान्त बलि को
बाँधने के लिए बनाये
3. मुहर - मुद्रा ये मृष्मुद्राएँ भी बहुत संख्या में मिली हैं। मोहनजोदड़ो एवं नालंदा से मिली
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गए स्तम्भ) इन पर भी लेख मिले हैं ।
मुद्राएँ प्रसिद्ध
हैं ।
4. घट
घड़ों या
उनके ढक्कन
पर भी लेख उत्कीर्ण हुए
मिले हैं ।