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210/पाण्डुलिपि-विज्ञान
13-फ >
क
फ
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फर फरड़ाटो आयो
कर करड़ाटो आयो 14- >म।
जय कुंण जाण ।
जम कुंण जाण । 15-म > स।
मान निहोरा कित रह्या । सान निहोरा कित रह्या ।
16-ह > ड।
ह. है . है,
17-ड > द ।
हडूकियो > डकियो डेल्ह > देल्ह (सुप्रसिद्ध कवि का नाम) (ब) भ्रामक वर्ण
प्रपतनपत । नपत
त्रपत
2-हलन्त 'र' के लिए दो अक्षरों के बीच ...-'" चिह्न भी लिखा मिलता है (अनेक
प्रतियों में) । सत्रहवीं शताब्दी की प्रतियों में अपेक्षाकृत अधिक । उदाहरणार्थ :
घावा » धान्य मावा > मान्या
इससे ये भ्रम हो सकते हैं :(अ) सम्भवतः धा और या को मिलाया गया है (धाख्या > धा-या)। (ब) सम्भवतः इन दोनों के बीच कोई अक्षर, मात्रादि छूट गया है। (स) सम्भवतः इसके पश्चात् शब्द समूह या अोल (पंक्ति) छूट गई है।
इसको कोई चिह्न-विशेष न समझकर 'र' का हलन्त रूप (-) समझना चाहिए
यह (-) अन्तिम अक्षर के साथ जुड़े हुए रूप में मिलती है, पृथक् नहीं। (स) प्रमाव से लिखे गये बर्ण इस शीर्षक के अन्तर्गत उल्लिखित ( अ ) विवादास्पद (Controversial) और
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