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372/पाण्डुलिपि-विज्ञान
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"भारतीय विषयों पर यूरोपीय भाषामों में लिखे 2000 हस्तलेख हैं। पूर्वी भाषाओं के हस्तलेख 20,000 हैं । यहाँ 8300 संस्कृत के, 3200 अरबी के, 4800 फारसी के, 1900 तिब्बती के, 160 हिन्दी के, 30 बंगला के, 140 गुजराती के, 250 मराठी के, 50 उड़िया के, 60 पश्तों के, 270 उर्दू के, 250 बर्मी के, 110 इंडोनेशिया के, 111 मो-सो के, 21 स्यामी के, 70 सिंघली के, 23 तुर्की के हस्तलिखित ग्रन्थ हैं। और भी बहुत से अभिलेख हैं। (21 दिसम्बर, 1969 के धर्मयुग में प्रकाशित श्री जितेन्द्र कुमार मित्तल, प्राध्यापक, प्रयाग विश्वविद्यालय के लेख, इंगलैण्ड में भारतीय अनुसंधान की विरासत के आधार पर ।)
भारतीय संग्रहालय जिनमें पाण्डुलिपियाँ सुरक्षित हैं क्रमांक नाम
स्थापित 1. मद्रास संग्रहालय
1851 ई० 400 ताम्र पत्र ऐतिहासिक महत्त्व के
विवरण
2. नागपुर संग्रहालय
3. लखनऊ संग्रहालय
1863 ई० नागपुर में भौंसले राजवंश की पाण्डु
लिपियाँ हैं। 1863 ई० सचित्र पोथियाँ, कुण्डली प्रकार की
पोथी आदि हैं। 1890 ई० जैनधर्म के कल्पसूत्रों की पाण्डुलिपियाँ,
ताम्रलेख ताड़पत्रीय पोथियाँ, चित्रित
जन्मपत्रियाँ आदि हैं। 1908 ई० इसमें शिला लेखांकित नाटक सुरक्षित
4. मूरत विचेस्टर संग्रहालय
5. अजमेर संग्रहालय
1920 ई० रामचरितमानस की सचित्र प्रति ।
6. भारत कला भवन,
वाराणसी
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