Book Title: Pandulipi Vigyan
Author(s): Satyendra
Publisher: Rajasthan Hindi Granth Academy

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Page 357
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir शब्द और अर्थ की समस्या/323 मसंवृत वर्णमाला . BILSAD MEHRAULY INS WANSEMERA MADHUC TASODHARMAN INS RÅ MAHANAMAN NS KA BHA - E OF oday -- ४.५ Bdges : arg - -- : {{{<s rbar RA في حياة 2 -ech oshar mpeg. NCHAL CHCHAI N CHCNO NRN . (ऐ) लुप्ताक्षरी शब्द ___ पांडुलिपि में ऐसे शब्द भी मिल जाते हैं, जिनमें कोई अक्षर ही छूट गया है । ऐसे शब्दों का उद्धार 'प्रसंग' को देखकर प्रयुक्त शब्द को जानकर लुप्ताक्षर की पूर्ति से होता है । कीर्तिलता में एक चरण है, 'बादशाह जे वीराहिमसाही' । इसमें इवराहिम शाह का 'विराहिम साह हो गया है। संदेश रासक में 'संझासिय' में 'सज्झसिय' का 'ज' लुप्त है। लंक है 'लक्क' । (ओ) आगमाक्षरी पांडुलिपियों में ऐसे शब्द भी मिलते हैं जिनमें एक या दो मक्षरों का भागम होता (ौ) विपर्य स्ताक्षरी शब्द मात्रा का विपर्यय तो देख चुके हैं, वर्ण-विपर्यय भी होता है । कभी-कभी भाषावैज्ञानिक नियमों से और कभी-कभी लेखक प्रमाद से भी भक्षर-विपर्यय हो जाता है। For Private and Personal Use Only

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