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338 पाण्डुलिपि-विज्ञान
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तुन्ह्वाङ को 476 गुफाओं का डॉ० लोकेशचन्द्र द्वारा प्रस्तुत किया गया रेखाचित्र-विशाल रेगिस्तानी क्षेत्र में यह फैली हुई हैं । हान वंश के समय जहाँ चीनी सैनिकों को मशालें देश की रक्षा करती थीं । इन्हीं मशालों के कारण इसका नाम तुन् (धधकती) ह्वाङ (केतु) पड़ा।
रेगिस्तान, पहाड़, नदी के कारण यह सुरक्षित स्थान माना गया ।
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