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रख-रखाव/361
Majumdar, P. C. Birch-bark and Clay-coated Manuscripts.
भोजपत्र तथा मृदुलोपित पांडुलिपियों पर यह कृति 'द इंडियन प्रारकाइब्ज' के खंड-11, अंक-1-2, 1956 में
प्रकाशित । Ranbir Kishore
The Preservation of Rare Books and Manuscripts. दुर्लभ ग्रन्थों और पांडुलिपियों की सुरक्षा पर यह कृति 'द सनडे स्टेट्समेन' मार्च 1, 1955 में प्रकाशित । Preservation and Repair of Palm-leaf Manuscripts. ताड़पत्र की पांडुलिपियों की सुरक्षा और चिकित्सा पर यह कृति 'द इंडियन आरकाइब्ज' खण्ड-14 (जनवरी 1961
दिसम्बर 1962) में प्रकाशित । Talwar, V. V.
Record Materials : Their Deterioration and Preservation. अभिलेख सामग्री के रुग्ण होने और सुरक्षा पर यह कृति 'जनरल ऑव द मध्य-प्रदेश इतिहास परिषद', भोपाल,
अंक-11 (1962) में प्रकाशित । उक्त साहित्य से प्रस्तुत विषय पर कुछ और अधिक जानकारी मिल सकती है।
यहाँ हमने ऐतिहासिक दृष्टि से प्राचीन और उसके साथ नवीन वैज्ञानिक रक्षाप्रणालियों पर प्रकाश डाला है। यह कहने की आवश्यकता नहीं है कि पांडुलिपि-विज्ञान के विद्यार्थी के लिए रख-रखाव के विषय में इतना ज्ञान अत्यन्त अपेक्षित है। उपसंहार :
... अब इस ग्रन्थ का समापन करते हुए इतना ही कहना और शेष है कि 'पांडुलिपिविज्ञान' की वस्तुतः यह प्रथम पुस्तक है। इसमें विविध क्षेत्रों से प्रावश्यक सामग्री लेकर एक सूत्र में गूंथ कर एक नये विज्ञान की आधार-शिला प्रस्तुत की गई है, भरोसा यह है कि इससे प्रेरणा लेकर यह विज्ञान और अधिक पल्लवित, पुष्पित एवं फलित होगा ।
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