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276, पाण्डुलिपि-विज्ञान
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टिप्परिणयाँ सरकार ने इन ऐतिहासिक घटनाओं का उल्लेख किया है1. गंग राजा की विजय 1078 2. इस राजा ने सोमवंशियों 1147 से जीता
ई० के बीच इससे यह निष्कर्ष भी निकाला कि गंगवंश की विजय से पूर्व तो भौमकार वंश का राज्य होगा ही, वरन् वह सोमवंश के शासन से भी पूर्व होगा ।
डी. सी. सरकार का विवरण
सरकार कीलहान के इस अनुमान की काट करते हैं-इसके लिए वे गंगवंश के अनन्तवर्मन कोडगंवा की पुरी-कटक क्षेत्र की विजय का उल्लेख करते हैं। इस गंग राजा का समय 1078-1147 (47) ई० निश्चित है, अतः उड़ीसा के पुरी कटक क्षेत्र पर गंगवंश का अधिकार 12 वीं शती के प्रथम चरण में हो गया था। तब भौमकार इस क्षेत्र में 13वीं शती तक कैसे विद्यमान रह सकते हैं ? दूसरे, उक्त गंगराजा ने पुरी-कटक को सोमवंशियों से छीना था या जीता था। अतः भौमकारों का शासन इस क्षेत्र पर उन सोमवंशियों से भी पूर्व रहा होगा, जो गंगवंश से पूर्व पुरीकटक क्षेत्र पर शाशन कर रहे थे। अतः कीलहान का अनुमान इन ऐतिहासिक घटनामों से कट जाता है। फलतः भौमकारों का समय 1100 ई० से पूर्व होगा।
2. बी--इसी प्रसंग में सरकार यह भी कहते हैं कि भौमकारों ने अपने लेखों में सदा अंक प्रतीकों (numeral symbols) का उपयोग किया है, (Figure) का नहीं। इस तथ्य से यही सिद्ध होता है कि उनका 1000 ई० के बाद राज्य नहीं चला।
कीलहान के अनुमान के आधार को सरकार ने अभिलेख-लिपि-विज्ञान से भी काटा है-अंक प्रतीकों का प्रयोग 1000 ई० तक रहा। बाद में संख्या का प्रयोग होने लगा । अतः सिद्ध है कि लेखों में 'संख्या' का प्रयोग प्रचलित होने से पूर्व, यानी 1000 ई० से पूर्व के भौमकारों के लेख हैं, क्योंकि उनमें अंक-प्रतीक हैं। अत: भौमकार भी 1000 ई० से पूर्व हुए।
इस प्रकार सरकार ने भौमकारों के काल की निचली सीमा भी निर्धारित कर दी।
अभिलेख-लिपि-विज्ञान अक्षरों के
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