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लिपि-समस्या 209
2-ट> ढ।
बट बट गया इवांणी (अज्ञानी पृथक्-पृथक् हो गए) (मेल-मिलाप न रखकर)
बढ बढ गया इवाणी (अज्ञानी कह बढ़ गए) 3--भ > म।
भरेड़ी > मरेड़ी 4--स >म ।
सिसियर > मिसियर
(चन्द्रमा) (काला, काले वर्ग का, काले वर्ण के समूह का) 5--छ> ध।
छमछम करती आई।
धमधम करती आई। 6-च>व।
चांदणो > वांदणो 7----ज > त।
जाण्यो तेरो जत। न जा , जाण्यो तेरो तत। ज
8--ण्य >ण।
पापा
जाण्यो पण पाण्यो नहीं + (आना किन्तु लाया नहीं)
जाणो पण प्राणो नहीं - (जानते हो किन्तु लाते नहीं) 9-त > ट।
"तूटेगो 'टूटेगो
त ट
र
.
10- >घ।
धण जों यां काई मिल । (स्त्रियों को देखने से क्या मिलता है)
घण जों यां काई मिले । [अधिक (आतुरता) दिखाने से क्या मिलता है] 11-न > त। न न त
नातो तेरे नाम रो। (तेरे नाम का नाता है)
तातौ तेरै नाम रो। (तेरे नाम का प्रेमी हूँ) 12-4 > म। पपम,
पड़े पड़ ताल समंदा पारी। (समुद्रों के पार तक खबर होती है) म. मड़ ताल समंदा पारी (सरोवरों, समुद्रों के पार तक लाशें ही लाशें हैं ।)
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