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पाण्डुलिपियों के प्रकार/1593
युग में 'मिथ' में पेपीरस पर कुण्डली ग्रन्थ ही लिखे गये। भारत में कम ही सही कुण्डली ग्रन्थ लिखे जाते थे । 'भागवत पुराण' कुण्डली ग्रन्थ ब्रिटिश म्यूजियम में रखा हुआ है ।। जैनियों के विज्ञप्ति पत्र' भी कुण्डली-ग्रन्थ का रूप ग्रहण कर लेते थे। बड़ौदा के प्राच्यविद्यामंदिर में हस्तलिखित सचित्र सम्पूर्ण महाभारत कुण्डली ग्रन्थ के रूप में सुरक्षित हैयह 228 फीट लम्बी और 51 फीट चौड़ी कुण्डली है जिसमें एक लाख श्लोक हैं । तेनह्नांग से डॉ० रघुवीर 8000 बलयितात्रों की प्रतिलिपियाँ लाये थे।
'कुण्डली ग्रन्थ' रखने के पिटक के साथ
1. यह पुराण 5 इंच चौड़ी और 55 फुट लम्बी कुण्डली में है, सचिन है ।
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