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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra 136 पाण्डुलिपि - विज्ञान 8. स्मृति स्तम्भ ये गोत्र या गोत्र शालिका www.kobatirth.org स्तम्भ ग्रन्थ अभिलेख ईंटों पर अभिलेख तो अन ईंटों पर ग्रन्थ भी लिखे गए । गिलगेमश की गाथा ईंटों पर लिखी मिली, इसका उल्लेख गिनती हम अन्यत्र कर चुके मिले हैं। हैं । भारत में कुछ बौद्ध ग्रंथ ईंटों पर उभारे गए मिले हैं । कुछ राजाओं ने श्वमेघ युद्ध किए, जैसे-दाममित्र एवं शीलवर्मन् ने । इनके अश्वमेघ सम्बन्धी अभिलेख ईंटों पर लिखे मिले हैं । I 9. छाया-स्तम्भ इन स्मृति स्तम्भों पर स्मृत व्यक्ति की मूर्ति उकेरी रहती है । भी कहे जाते हैं । अपने कुटुम्ब के किसी व्यक्ति की स्मृति में खड़े किए जाते हैं । 9. मृण्मय - मृण्मय लेख कई रूपों में मिलते हैं, तथा---- 1. ईंट पकायी हुई एवं कच्ची 2. धोंधे ईंट की सामग्री, दोनों प्रकार की प्रभूत मात्रा में मिली है - पकायी हुई ईंटों पर भी और बिना पकायी (कच्ची) ईंटों पर भी 1 कभी-कभी मिट्टी की ईंटें न बनाकर उसके धोंधे (मिट्टी को सानकर एक ढेर का आकार देकर टीम के रूप में) उस पर लेख अंकित कर उसे पका लिया जाता था । धार्मिक मनी तियों के लिए विशेषतः ऐसे धोंधों पर लेख लिखे गये । Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 10. यूप स्तम्भ ( यज्ञोपरान्त बलि को बाँधने के लिए बनाये 3. मुहर - मुद्रा ये मृष्मुद्राएँ भी बहुत संख्या में मिली हैं। मोहनजोदड़ो एवं नालंदा से मिली For Private and Personal Use Only गए स्तम्भ) इन पर भी लेख मिले हैं । मुद्राएँ प्रसिद्ध हैं । 4. घट घड़ों या उनके ढक्कन पर भी लेख उत्कीर्ण हुए मिले हैं ।
SR No.020536
Book TitlePandulipi Vigyan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSatyendra
PublisherRajasthan Hindi Granth Academy
Publication Year1989
Total Pages415
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size12 MB
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