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134/पाण्डुलिपि-विज्ञान स्तम्भीय
स्तम्भों पर लेख उत्कीरणं करने की पुरानी परम्परा है । सम्भवतः प्राचीनतम स्तम्भ लेख अशोक (272-232 ई. पू.) कालीन हैं । इन पर खुदे लेखों में इन्हें शिला-स्तम्भ कहा : गया है । ये स्तम्भ निम्न प्रकार के मिलते है :
कालकुड का वीरस्तम्भ (पालिया)
स्तम्भ
1. शिलास्तम्भ
2. ध्वजस्तम्भ
3. जयस्तम्भ 4. कीर्तिस्तम्भ (जैसे-होलियो-डोरस का किसी विजय पर किसी किसी यशस्वी के गरुड़ध्वज) मन्दिर के सामने विजेता राजा की प्रशस्ति पुण्य कार्य के खड़े किये जाते हैं और के लिए (जैसे समुद्रगुप्त लिए खड़ा किया इन पर लेख भी रहता का एरण का और यशो- जाता है ...
धर्मन का मन्दसौर का) (क्रमशः)
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