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100/पाण्डुलिपि-विज्ञान
नाम--(4124) चन्द्रभानु राय पृष्ठ--480 नाम-(4216) चन्द्रमती देवी जन्मकाल-सं० 1950 पृष्ठ-520 नाम--(4312) चन्द्रमाराय शर्मा रचनाकाल--म० 1982 पृष्ठ ---557 नाम--(4437) चन्द्रशेखर शास्त्री जन्मकाल. -मं० 1957 पृष्ठ----574 नाम----(4521) चन्द्रकला
रचनाकाल-मं० 1987 सरोजकार ने उपर्युक्त 'चन्द' कवियों के अतिरिक्त निम्नलिखित दो अन्य कवियों हा उल्लेख किया है
प्रथम-चन्द कवि । यह सामान्य कवि थे। इन चन्द कवि के सम्बन्ध में सरोज सर्वेक्षणकार ने लिखा है कि कायस्थों की निंदा का एक कवित्त सरोज में प्रस्तुत किया है ।
द्वितीय-चन्द कवि के सम्बन्ध में सरोजकार ने लिखा है कि इन्होंने शृंगार रस में बहुत सुन्दर कविता ही है । हजारा में इनके कवित्त हैं। सरोज सर्वेक्षण कार ने इन चन्द कवि का अस्तित्व सं० 1875 के पूर्व स्वीकार किया है।
मिश्रबन्ध विनोद और 'सरोज सर्वेक्षण' से 'चन्द कवि' नामधारी कवियों के इस सर्वेक्षण के उपरान्त कुछ अन्य स्रोतों से भी 'चन्द' नाम के कवियों का पता चलता है, उन्हें यहाँ देना ठीक होगा।
एक कवि चन्द का उल्लेख 'जयपुर का इतिहास में है। इस 'चन्द कवि' के ग्रन्थ 'नाथ वंश प्रकाश' का उल्लेख इसमें हुआ है। ये चौमू नरेश रणजीतसिंह तथा कृष्णसिंह
और जयपुर नरेश जगतसिंह के समकालीन थे। 'नाथ वंश प्रकाश' में से 'जयपुर का इतिहास' में जो उद्धरण लिखे गये हैं-वे निम्नलिखित प्रकार हैं--- (अ) जहाज (भाज) की लड़ाई में रणजीत सिंह की विजय--..
"शहर फतेहपुर में फते-करी नंद रतनेश ।
झाज गयो पापाण तजि, लखि रगाजीत नरेण ।" (प्रा) महाराजा जगत सिंह (जयपुर) की सेनाओं द्वारा जोधपुर को घेरने का उल्लेख
गही कोट की अोट को, मान प्रभा बलमन्द ।
लूटि जोधपुर को लियो कृष्ण सुभाग बलन्द । 1. शर्मा, हनुमानप्रसाद-जमपुर का इतिहास, पृ. 226. 2. बही, पृ. 226. 3. वही, पृ. 231.
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