________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
90/पांडुलिपि-विज्ञान
(ग) क्या कहीं कटे-फटे हैं ? कहाँ-कहाँ ?........ 5. प्रत्येक पत्र की लम्बाई-चौड़ाई (इंचों या सेन्टीमीटरों में)........ 6. प्रत्येक पृष्ठ पर पंक्ति संख्या...."
प्रत्येक पंक्ति में अक्षर संख्या....." पांडुलिपि का लिप्यासन प्रकार"....
इट
शिला चर्म ताम्र या अन्य धातु का ताड़-पत्र भूर्जपत्र छाल, पेपीरस आदि कपड़ा कागज......"प्रकार सहित........ लिपि-प्रकार...... देवनागरी, मारवाड़ी, कैथी आदि लिखावट क्या एक ही हाथ की या कई हाथों की........ लिखावट के सम्बन्ध में अन्य विशिष्ट बातें........ प्रत्येक पन्ने पर लिपि की मापी.........
(औसत में) लिपिकार/लिपिकारों के नाम" स्थान....... लिप्यंकन की तिथि........ रचनाकार के आश्रयदाता...'
(परिचय) 13. लिपिकार के प्राश्रयदाता....
(परिचय) 14. रचना का उद्देश्य
प्रतिलिपि करने का उद्देश्य 16. पुस्तक का रख-रखाव
बुगचा, थैला, सामान्य वेष्टन, पुढे, तख्तियाँ, डोरी, ग्रन्थि, अन्य छादन"...... 17. विषय का संक्षिप्त परिचय-अध्यायों की संख्या के उल्लेख के साथ................ 17. (i) विषय का कुछ विस्तृत परिचय 18. प्रादि (उद्धरण)
15.
1. लिपि के माप से यह पता चलेगा कि अक्षर छोटे हैं या बड़े है ।
For Private and Personal Use Only