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प्रापो
प्राभारी
प्रापी-पु० १ स्वत्व । २ अस्थित्व । ३ अपना असली रूप । प्राबदारखांनौ-पु० १ पेयजल कक्ष या स्थान । २ महाराजा या
४ अपनी सता । ५ प्रात्मा । ६ ब्रह्म । ७ भरोसा, राजा के पेयजल के प्रबंध का विभाग । विश्वास । ८ अहंकार, गर्व । ९ जोश । १० होश-हवास । प्राबध-देखो 'पायुध'। ११ शक्तिबल । १२ अवतार । -पाप-सर्व अपने आप आबनूस-पु. [फा०] एक प्रकार का जंगली वृक्ष । स्वत:।
प्राबनूसी-वि० १ काला । २ आबनूस की लकड़ी का। प्राप्त-वि० [सं०] १ प्राप्त । २ किसी विषय का पूर्ण ज्ञाता, माबपासी-स्त्री० सिंचाई । कुशल । ३ विश्वस्त । ४ पूर्ण तत्वज्ञ का कहा हुअा |
प्राबरत-देखो 'पावरत'। प्रामाणिक । -पु० ऋषि ।
प्राबरी-वि० प्रतिष्ठित ।
प्राबरु (रू)--स्त्री० [फा०] इज्जत, मान, प्रतिष्ठा । -दारप्राफत-स्त्री० [अ०] १ विपत्ति, संकट । २ परेशानी, उलझन ।
वि० इज्जतदार, प्रतिष्ठित । ३ दुःख, कष्ट । ४ बाधा, रुकावट ।
पाबळ-स्त्री० [सं० बल] शक्ति, बल, सामर्थ्य । -बायरीप्राफताब-पु० [फा०] सूर्य ।
वि० अशक्त, कमजोर । प्राफताबगीरी-स्त्री० एक प्रकार का राज्य छत्र, सूरजमुखी। प्राबहवा-स्त्री० [फा०] जलवायु, मौसम । आफताबी-वि० १ सूर्य संबंधी। २ कांतिमान, चमकीला। प्राबाद-वि० [फा०] १ बसा हुआ । २ प्रसन्न, खुश ।
--पु० पान के आकार का पंखा जिस पर सूर्य का चिह्न हो। | ३ उपजाऊ। प्राफरणी, (बी)-क्रि० १ वायु प्रकोप से पेट फूलना । आफरा प्राबादी-स्त्री० [फा०] १ बस्ती, जन-स्थान । ३ जनसंख्या । अाना । २ सूजन आना।
पाबी-वि० [फा०] १ पेयजल संबंधी । २ हल्के रंग का, फीका। प्राफरीबाद (वाद)-पु० धन्यवाद, साधुवाद ।
-स्त्री० १ चमक-दमक । २ तलवार का पानी।
प्राबू, प्राबूड़ी-पु० [सं० अर्बुद] १ अरावली पहाड़ का एक प्राफरी-पु० [सं० प्रास्फार] १ पेट का वायु प्रकोप, अाफा, |
" हिस्सा अर्बुदाचल । २ इसके समीप बसा एक नगर । गैस । २ अजीर्ण।
पाबूव-पु. १ आबू पहाड़ । २ इस प्रदेश के निवासी। प्राफळ-स्त्री० १ प्रयत्न, कोशिश । २ युक्ति उपाय ।
प्राबो-देखो 'अाभौ'। अाफळरणो, (बौ)-कि० [सं० प्रास्फारणम्] १ श्रम करना, | प्राभ-१ देखो 'प्राभा' । २ देखो 'पाब' । ३ देखो 'पाभी'।
परिश्रम करना । २ प्रयत्न करना, प्रयास करना । ३ चेष्टा | प्रामग्रंधारी-स्त्री० स्त्रियों की कंचुकी बनाने का बहुमूल्य कपड़ा। करना । ४ तड़फना । ५ हैरान होना, तंग होना। ग्रामडयो-देखो 'भाभी', ६ टककर बेना, भिड़ना । ७ लड़ना । ८ तेजी से चलाना ।
आभड़, (चेट, छेट, छौत)-पु० १ अछूतोस्पर्श का दोष, अशौच । अाफू-पु० अफीम, अमल।
२ स्पर्श । अाफूमाफे, प्राफेई, प्रार्फ-क्रि०वि० अपने-आप, स्वतः ।
पापडणी, (बौ)-क्रि० १ छूना, स्पर्श करना । २ व्याप्त होना । माफीबाद-देखो 'आफरीबाद' ।
३ लिपटना, आलिंगन करना । ४ भिड़ना, टक्कर लेना। पाबंद, (वंद)-स्त्री० आमदनी, पाय ।
५ शौच लगना। प्राब-पु० [फा०] १ पानी, जल । २ चमक आभा, कान्ति ।। प्राभमंडल-पु० अाकाश मंडल ।
३ शोभा, रौनक, छबि । ४ प्रतिष्ठा, मान। ५ तलवार की प्राभय -पु० [सं० अभ्रम्] १ बादल, मेघ । २ अाकाश, प्रासमान । चमक का पानी । ६ शराव । -कार-पु० शराब का व्यापारी, प्राभरण, आभूरण, अभूसरण (पौ)-पु० [सं० प्राभरणम्] कलाल । --कारी-स्त्री० शराब का व्यवसाय । इस | आभूषण, गह्ना । व्यवसाय पर निगरानी रखने वाला विभाग। -खोरौ-पु० प्राभा-स्त्री० [सं०] १ चमक, दमक, कान्ति । २ रूप, सौंदर्य । जल पात्र । ----दार--वि० चमकीला । कान्तिमान । -१० ३ झलक, छबि । ४ ज्योति, प्रकाश । ५ शोभा । तोपों की देखभाल करने वाला । पानी पिलाने वाला ६ प्रतिबिंब । ७ बादल मेघ । नौकर।
प्राभानरां-स्त्री० तलवार । प्राबवणी. (बो)-क्रि० १ परिश्रम करना । २ युद्ध करना । प्राभार-पु० [सं०] एहसान, उपकार । धन्यवाद । ३ टक्कर लेना।
प्राभारी-वि० [सं०] एहसान मंद, उपकार मानने वाला। प्राचड़छेट (छोट)-देखो 'प्राभइछेट' ।
कृतज्ञ ।
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