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कमेड़ी
करकट
कमेड़ी-स्त्री० १ फाखता नामक पक्षी, पंडुखी। २ पशुओं के करंडव-पु० हंस-जाति का एक पक्षी। मीग का एक रोग।
करंडियौ-देखो 'करंड'। कमेडौ-पृ० १ ऊंटो के खाने का एक सफेद फूलों वाला पौधा। करंद्रराज-पु० [सं० करि-इंद्र-राज] गजराज ऐरावत । २ नर पंडक पक्षा। चढ़कर।
करंबक-देखो 'करबौ' । कमेत, कमेतीय--पु० लाल रंग का घोड़ा । ---पिलंग-पु. करंबित-पु० फूलों का ढर या गुच्छा।
शुभ रंग का घोड़ा। -सोनहरी-पु० शुभ रंग घोड़ा। | कर-पु० [सं०] १ हाथ । २ हाथ का अगला भाग । ३ किरगा । कमेद्धारी-स्त्री० एक प्रकार की तलवार ।
४ हाथी की सूड । ५ चुंगी, लगान । ६ पोका । ७ चौबीस कमेर-पु० कुबेर ।
अंगुल का एक माप । ८ हस्त नक्षत्र । ९ हाथी। कमैत-देखो 'कमेत।
१० झरना । ११ विषयवासना । १२ रहट का एक पुर्जा । कमरौ-पु. कृषि मजदूर।
-अल, माले-प्र० करतल, हथेली संज्ञा शब्दों के अगाड़ी कमोद-पु० १ कुई। २ रंग विशेष का घोड़ा। ३ तेरहवी बार लगने वाला प्रत्यय । ---कंधू-पु० बदरी फल, बेर ।
उलट कर बनाया हया शराब । ३ एक प्रकार का बढ़िया --कड़ो-पु० रीढ़ की हड्डी । अस्थिपंजर। --कारू-पु० चावल । ४ देखो 'कुमुद' ।
कुम्हडा । --काळ-पु० सांप, सर्प । ---कोच-पु० कमोदण (दरिण, दणी, नो)-स्त्री० [सं० कुमुदिनी] १ मफेद कर कवच । हाथ का दस्ताना । - ग, गि गा
कमल का पौधा । २ कुई । ३ कुमुद पुष्षों का समुह ।। पु० हाथ । लगाम | कटारी। तलवार । -ग्रहण-पृ. ४ चांदनी । —हितू-पु. चन्द्रमा ।
पाणिग्रहण । -ग्राही-वि० कर ग्रहण करने वाला। कमोदी-पु० [सं० कुमुदिन] चन्द्रमा ।
-ठाळ, ठाळग-स्त्री० तलवार । भाला।-डंड-पु० तीर। कम्म-१ देखो 'करम' । २ देखो क्रम'।
--तळ-स्त्री० हथेली । सिंह का पंजा । अंत गुरु की चार कम्मर-स्त्री० कटि, कमर । --सूत-प० करधनी, मेखला। मात्रा । छप्पय छंद का ४५ वां भेद । -ताळ, कम्पळ-१ देखो 'कंबळ' । २ देखो 'कमळ' ।
.--ताळीक-स्त्री० तलवार, खड्ग । प्रथम गुरु ढगरण के कम्मेडी-देखो 'कमेडी'।
भेद का नाम । एक. वाद्य विशेष । --ताळी-स्त्री० कय-स्त्री० [सं०] कनपटी।
दोनों हथेलियों से की जाने वाली प्रावाज । -धार-स्त्री० कयकारण--देखो 'केकाण'।
शस्त्र । ----पल्लव-पु० हाथ की अंगुली । -बाळ-स्त्री. कयर-देखो 'केर' ।
तलवार । --भूसण-पु० हाथ का गहना । कंगन । कयळी-देखो 'कायळी' ।
--मठ-पृ० कृपण, कंजूस । --माळ, माळी, म्याळ-स्त्री. कयवार-देखो 'कैवार'।
तलवार । -साख, साखा-स्त्रो अंगुली । --सीकर-पु. कया-कि०वि० १ मे. किस तरह, क्यो। २ देखा 'काया। हाथी की सूड का पानी। कयांहीक-क्रि०वि० सं० कोश] कैसे ही । कभी। करमळ, (ळि, यळ)-देखो 'करतळ' । -वि० १ कुछेक । २ कितने क ।
करक-पक मि० करक क:], कम इल । २ करवा । कयागरी-वि० प्राज्ञाकारी।
नारियल की खोपड़ा। ४ ग्रनार । ५ हाथ । मौलमिरी। कयामत-स्त्री० [अ० १ पला । २ भयंकर विपत्ति । ३ बहुत | ७ कचनार । ८ करील वृक्ष । ६ महशुल' । १. एक पक्षी ।
बड़ी हलचल । ४ सृष्टि का अंत, जब मुर्दे उठ खड़े होंगे। ११ प्रोला । उपल । १२ पृथ्वी की बिपवत् रेखा के उत्तर कयास-प० [अ० १ खयाल, ध्यान. विचार । २ अनुमान । .. या दक्षिण में २३ अक्षांश पर निकलने वाली कल्पित कयाहिक-देखो कपाहिक' ।
खाणे । १३ बारह राशियों में से एक । १४ कंकडा । कयौ-सर्व० कौनसा।
१५ अग्नि । १६ जलपात्र । १७ आईना । १८ सफेद घोड़ा। करक (उ, डइ, डो)-पु०१ अस्थिपंजर, कंकाल। २ रीढ़ की १९एक लग्न । २० शक्ति बल । २१ खेत । २२ नीस, पीडा,
हड्डी। ३ पशुओं के बोलने का शब्द । ४ सुखी हड्डी। दर्द । २३ खटकन । २४ सूखी हड्डी, करंक । २५ रीढ़ करंग-कुरंग ।
| करकड़ो-पु० १ रीढ़ की हड्डी । २ हड़ी अस्थि । करंगळ-देखो 'कंगळ ।
करकट (क)-पु० [सं० कर्कट] १ ककड़ा । २ गिरगिट । ३ कर्क करंड (क)-पु० [स करंड:] १ बाम की पिटारी । २ लकडी की राशि । ४ सारस पक्षी । ५ लोकी, घोया । ६ कमल की
पेटी जिममें देवी की मूति रखी जाती है। ३ मजपा। मोटी जड़ । ७ड़ा करकट । ८ घास-फस । ९ सफेद रंग ४ तलवार।
का घोड़ा । -जोग, योग-पृ. ज्योतिष का अशुभ योग ।
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