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जूरण
( ४८० )
जेठा
जूरण, जरिणम-देखो 'जूण' ।
जूसण (णी)-पु० [सं०युष, फा० जोशन] १ कवच । २ आवरण। जूत, जूतड़-१ देखो 'जूतौ' । २ देखो 'जुत'।
-वि० १ लिपटा हुग्रा, चिपका हुआ । २ मावेष्टित । जूतरणौ (बौ)-देखो 'जुतणी' (बी)।
जूसणा-स्त्री० १ सेवा (जैन)। २ देखो 'जूसर'। जूताखोर-वि० १ जूतों से मार खाने का प्रादि । २ बेशर्म, जूसर-पु० [सं० युग-सर] १ जूमा । २ कवच । निर्लज्ज ।
जूसरणी (बी)-क्रि० १ कवच पहनना । २ बैलों के कंधों पर जूती, जूतीड़, जूती-पु० [सं० युक्त] पांवों में पहने की चमड़े। जुमा रखना।
प्रादि की पगरक्षकी, उपानह पादत्राण, बूट, जूता । जूहणौ (बो)-क्रि० युद्ध करना, जूझना । -वि० युक्त, साथ, सहित ।
जूहवइ-पु० [सं० यूथपति] १ यूथपति (जैन)। २ गौ वर्ग का जूथंग, जय-पु० [सं० यूथ] १ समूह, झुण्ड, यूथ । २ समुदाय । । स्वामी (जन)।
३ दल, सेना । -नाय, प, पत, पति, पती, पाळ-पु० जूहार-देखो 'जुहार'। सेनापति, दल-नायक।
जूहारणी (बौ)-क्रि० अभिवादन करना। जयका-स्त्री० [सं० यूथिका] सोन जुही ।
जूहारी-१ देखो 'जुपारी' । २ देखो 'ज'वारी'। ३ देखो 'जवार'। जूथप-पु० [सं० यूथप] १ समूह, दल । २ सेनापति ।। जूहिय, जूहिया-देखो 'जूही' । जूथार-पु० हाथी।
जूही-देखो 'जुही'। जूनउं, जनु-देखो 'जूनौ' । (स्त्री० जूनी)
जे-पु० १ बेटा, पुत्र । २ समूह । ३ सिंह । ४ टांड । -क्रि०वि० जूनेजा-स्त्री० सिंधी मुसलमानों की एक शाखा ।
[सं० यदि] १ यदि, अगर, जो । २ संयोजक अव्यय । जनौ-वि० [सं० जीणं] १ पुराना. प्राचीन । २ जीर्ण- ३ क्योंकि । -सर्व०१ वह, वे, जो। २ जिस। शीर्ण, टूटा-फूटा, जर्जर । ३ बुड्ढा, वृद्ध । -देव-पु० जेई-स्त्री० मोटी लकड़ी के एक शिरे पर लकड़ी के दो सींग महादेव, शिव।
___लगाकर बनाया हुआ एक कृषि उपकरण । जूप-पु० [सं० यूप] पशु बलि करने का स्थान ।
जेउ-सर्व जिस । -अध्य० षष्ठी विभक्ति, के । जूपणौ-वि० (स्त्री० जूपणी) १ जुतने वाला । २ प्रज्वलित होने | जेखल-पु० [सं० ज्यास्खल] सूअर, शूकर । वाला।
जेखाधीस-पु० [सं० यक्षाधीश] कुबेर । जपणो (बौ)-१ देखो 'जुतणी' (बौ)। १ देखो 'जुपणी' (बौ)। जेज-स्त्री० १ विलम्ब, देरी। २ समय, अवधि । ३ किसी कार्य जूय-पु० [सं० यूप] १ यज्ञ-स्तंभ । २ हाथ-पावों का सामुद्रिक की पूर्णता के लिए अवशिष्ट समय । चिह्न विशेष।
जेजकार-देखो 'जैकार'। जूयढइ-पु० [सं० द्यूत] जूमा, द्यूत (जैन)।
जेश-देखो 'जेज'। जूया-पु० [सं० यूका] १ जू, यूका (जन)। २ देखो 'जूवा'। जेझळ-स्त्री० ज्वाला, आग । जूर-देखो 'हजूर'।
जेट-स्त्री०१ तह पर तह किया हमा वस्तुओं का ढेर, समूह, जूल-देखो 'झूल'।
राशि । २ गड्डी । ३ प्रावृत्ति । ४ देखो 'जेठ'। जूलसाई-स्त्री० १ सामग्री । २ तैयारी।
जेटणी (बो)-क्रि० १ तह पर तह लगाकर रखना । २ खूब जूवटउं, जूवटु, जूवढें (टौ)-पु० [सं० द्यूत-वृत्तकम्] १ द्यूत, खाना। ३ जमाना। जुमा । २ देखो 'जुनी'।
जेटौ-पु० समूह, ढेर । जूवरण, (गु, ग)-देखो 'जोबन' ।
जेट्टा, जेट्ठा-देखो 'जेस्ठा'। जबताइ (ई)-स्त्री० १ युवती । २ युवापन, जवानी।
जेट्ठामूळ, जेट्ठामूळमांस-पु० ज्येष्ठ मास । जूवळ-पु० [सं० युगल] पैर, चरण । -वि० दोनों, युगल ।
जेठ्ठामुळी-स्त्री० ज्येष्ठमास की पूर्णिमा । जूवारण, जूवांन-देखो 'जवान' । जूबा-वि० [सं० युवा] १ युवा, जवान । २ पृथक, अलग । | जेठ (डौ)-पु० [सं० ज्येष्ठ] (स्त्री० जेठांणी, नी) १ पति का भिन्न । ४ देखो 'जूबाजूवी' ।
बड़ा भाई । २ ज्येष्ठ मास । ३ ज्येष्ठा नक्षत्र । -वि. जूवाछवी-स्त्री० परात में छाछ भरकर उसमें चांदी का छल्ला । बड़ा, ज्येष्ठ, अग्रज।
डाल कर वर-वधू को खेलाया जाने वाला एक खेल । | जेठळ (ल)-पु० [सं० ज्येष्ठ] १ ज्येष्ठ भ्राता, बड़ा भाई। जूवाड़ो-देखी -जुनो।
२ देखो 'जेठ' । ३ देखो 'जुधिस्ठर'। जूवारी-देखो 'जुवारी'।
जेठा-देखो 'जेस्ठा।
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