Book Title: Rajasthani Hindi Sankshipta Shabdakosh Part 01
Author(s): Sitaram Lalas
Publisher: Rajasthan Prachyavidya Pratishthan

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Page 757
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir नाहानी ( ७४८ ) निकट नाहानौ-देखो 'नैनौ' । (स्त्री० नाहानी) । निंदया-देखो 'निदा'। नाहि, नाही-१ देखो' नाभि' । २ देखो 'नहीं' । निंद्यावरत-पु० [सं० निन्द्यावर्त | एक प्रकार का वृक्ष । माह, नाहू-१ देखो, नाभि' । २ देखो' नाथ' । निद्रा-१ देखो 'निंदा। २ देखो "निद्रा'। नाहेट-स्त्री० मवेशी की तलाश। निनांण-देखो 'निदारण' । नाहेद-देखो 'नासे टू'। निंबारक-पु० [सं० निंबार्क] १ निवादित्य द्वारा प्रवर्तित एक निगळपो (बी)-कि० [सं० निर्गलनम्] १ मिट्टी के बर्तन का सम्प्रदाय । २ निबादित्य । परिपक्वावस्था में होना, पक्का होना । २ पक्का होना, | निबादित्य-पु० [सं०] निंबार्क सम्प्रदाय के प्रादि प्राचार्य । पकना। [सं० निर्गद] ३ रोगादि से मुक्ति पाना । | निबु-देखो 'नींबू'। ४ बिना चबाये गले से नीचे उतारना, गटकमा, गिटना। निंबोळी, निबोळी-स्त्री० [सं० निव- फल] १ नीम का फल । मिळो (बी)-क्रि० १पकामा, दृढ़ करना, परिपक्वावस्था में २ स्त्रियों के कण्ठ का आभुपगा विशेष । करना । २ मिट्टी के ताजे पात्र में पानी डाल कर रखना। | निवार-देखो' निवार'। निगे-देखो 'निगाह'। निहंग, निहग-देखो 'निहंग' । निद-१ देखो "निंदा' । २ देखो 'नींद'। निहसरणो, (बी)-देखो 'निहसणौ' (बी)। निदक-वि० [सं०] निंदा करने वाला, पालोचक । नि-ग्रव्य मि०] १ उपसर्ग । २ एक संयोजक शब्द, और, तथा। निदड़ली-देखो 'नींद'। [सं०नु] ३ सदेह व अनिश्चितता सूचक अव्यय । ४ देखो'नी' । निदरणा-स्त्री० १ निरीक्षण (जैन)। २ देखो 'निंदा'। पु० १ नृत्य, नाच । २ निश्चय । -स्त्री० ३ दुर्गति । निदरणी (बी)-क्रि० [सं० निदन] १ निंदा करना, पालोचना -वि० १ दरिद्र । २ देखो 'नी' । करना, बदनामी करना । २ अपकीर्ति करना। [सं० नदि] निअ-देखो 'निज' । ३ दीपक का बुझना। ४ निद्रावश होना, सोना । निद्राळ-देखो 'निद्राळ'। निदरा-देखो 'नींद'। निभाई-देखो 'न्यायी'। निदवरणौ (बौ)-१देखो 'निंदणी' (बौ)। २ देखो'नींदारणो' बो)। निप्रादर-देखो 'निरादर'। निदाण-देखो 'निदारण'। नियामत-देखो नियामत' । निदा-स्त्री० [सं०] १ किमी के दोषों का वर्णन, बुराई, कटवी। निछावर, निउछावरि-देखो 'निछरावळ' । २ अपकीति, बदनामी। ३ आलोचना । ४ देखो 'नींद'। निउजणी, (बो)-देखो 'नियोजणी (बी)! निवारणी (बी)-क्रि० १ दीप बुझाना । २ देखो 'नींदाणी' (बी) । निउत्रणी, (बौ)-देखो "निमंत्रणौ (बौ)। निदाळ-देखो 'नींदाळ' । निउण-देखो 'निपुण' । निदाळवी-देखो 'निंदाळु'। निउत-देखो नियुक्त' । निदाळ, निदाळवी-वि० १ निंदा करने वाला, निंदक । २ नींद | निऊ-देखो'नेऊ' । के प्रभाव वाला, उनिदा । निकंटक-पु० [सं० निष्कंटक] १ इन्द्रासन । २ देखो 'निस्कंटक' । निंदावणी (बी)-देखो 'नींदाणों' (नौ) । निकंद, निकंदरण-पु० [सं० नि-कंद] नाश, विनाश । -वि. नाश निंदास्तति-स्त्री० [सं०] निंदा के रूप में की जाने वाली करने वाला। स्तुति । व्याजस्तुति । निकंदणी-वि० [सं०नि-कंद] (स्त्री निकंदणी) नाश करने वाला, निदित-वि० [सं०] जिसकी निंदा की गई हो, अपकीति वाला, मारने वाला। दूषित । बुरा । बदनाम । निकदणी (बौ)-क्रि० [सं० निकंद] १ संहार करना, मारना । निंदिया-१ देखो 'निदा'। २ देखो 'नींद' । २ नष्ट करना, मिटाना । निदीजणी (बौ)--क्रि० १ निदित होना, बदनाम होना । निकंदन, (नि,नी)-स्त्री० [सं० निकंदनम्] देवी, शक्ति, दुर्गा । २ देखो 'नींदीजणी' (बौ)। -वि. नाश करने वाली, मंहार करने वाली। निंदुक-देखो 'निंदक'। निंदोरणी (बौ)-देखो 'निदोवरणी' (बी)। निकंध-देखो 'निकंद' । निदोवणी (बौ)-क्रि० [सं० नि + उंदन] १ साफ करना। निकख-पु० [सं० निष्कख] हीरा । २ पानी में डालना। ३ भिगोना, तर करना । निकट-क्रि०वि० [सं०] १ पास, समीप, नजदीक । २ पार्श्व में, निध-वि० [सं०निंद्य | निंदनीय, बुरा, पालोचना करने योग्य ।। बगल में। रिपते वा संबंध की रष्टि से पास । -वि० घनिष्ठ । For Private And Personal Use Only

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