Book Title: Rajasthani Hindi Sankshipta Shabdakosh Part 01
Author(s): Sitaram Lalas
Publisher: Rajasthan Prachyavidya Pratishthan

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Page 764
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir www.kobatirth.org निति ( ७५५ ) निधड़क निति-स्त्री० [सं० न्यात] १ जाति, समुदाय । २ देखो 'नित'।। १४ देखो "नियांण'। -वि० अधिक, बहुत । -अध्य० ३ देखो 'नीति'। १ आखिरकार, अंत में । २ अच्छी तरह से । ३ निश्चित नितीठ, नितीठो-देखो 'नत्रीठ, नत्रीठो' । रूप से। नितु-देखो 'नित'। निदांनि, निदांनिइ, निदानी-वि० अंतिम, आखिरो। -पु० रोग नितुर-वि० [सं० निः स्तुल] नीच । परीक्षक, वैद्य। -स्त्री० रोग परीक्षण विद्या । देखो नितेई-स्त्री० [सं० नि-तत्त्व] वह गाय या भैंस जिसके दूध में | _ 'निदान'। घी कम हो। | निदांळु, निदांळुवौ-देखो 'निद्रार्छ । नित्त-देखो 'नित। निदाग-वि० बेदाग, निष्कलंक । नित्ततायी, नित्तोतायो-वि० [सं० नित्यतूर] (स्त्री० नित्तताई, निदाघ-पु० [सं०] १ गर्मी, प्रातप, ताप, उष्णता । २ धूप, नित्तोताई, नित्तोतायी) १ अधिक प्यार से उद्दण्ड एवं घाम। ३ ग्रीष्मकाल । ४ पुलस्त्य ऋषि का एक पुत्र । इतरा हुमा । २ अधिक गर्व या अहकार वाला। ५ पसीना। -कर-पु. सूर्य, रवि । ताप । –काळ-पु. नित्य-वि० [सं०] १ रोजाना, प्रतिदिन, हमेशा। २ सदा, ग्रीष्म ऋतु । सर्वदा, शाश्वत । -पु. नित्य कर्म, नित्य नियम । -करम, निदाडियो, निदाढ़ियो-वि० [सं० नि-दंष्ट्रा] १ बिना दाढ़ी, क्रिया-स्त्री० स्नान, ध्यान आदि नित्य के काम। मूछ का । २ पुरुषत्वहीन । -चरया-स्त्री० दिनचर्या । प्रतिदिन का कार्य । -नियम, निदिध्यास, निदिध्यासन-पु० [सं० निदिध्यासः] ध्यान, स्मरण; नेम-पु० नियमपूर्वक किये जाने वाले नित्य के कार्य । जाप । -प्रति-क्रि०वि० रोजाना, प्रतिदिन । निदेस, निदेसण-पु० [सं० निदेशः] १ प्राज्ञा, प्रादेश, हुक्म । नित्यपिड-स्त्री० [सं०] प्रतिदिन एक ही घर से लिया जाने | २ मार्ग दर्शन, निर्देश । ३ शासन । ४ कथन । वाला पाहार । (जैन) निद्दळणी (बौ)-क्रि० [सं० निर्दलनम्] १ संहार करना, नित्यप्रळय (प्र.)-पु० [सं० नित्य प्रलय] एक प्रकार का प्रलय ।। मारना । २ नाश करना, नष्ट करना। नित्यांन-प्रव्य० [सं० नित्य] हमेशा, प्रति दिन, रोजाना। निहा-देखो 'निद्रा'। -पु. प्रात.काल किया जाने वाला दान ।। निद्दस-देखो "निदेस'। नित्या-स्त्री० [सं०] १ उमा, पार्वती। २ एक शक्ति का नाम । निद्ध-वि० १ स्निग्ध, चिकना (जैन) । २ देखो 'निधि' । ३ मनसादेवी। निद्धधस-पु० [सं० निद्धन्धसः] निद्धन्धस । नित्याभियुक्त-पु० [सं०] स्वल्पाहारी योगी। निद्धडणी (बौ)-क्रि० १ परास्त करना, हराना। २ अधीन नित्यासी-पु० [म० नित्याशी] भोजन । करना। नित्रीठ, नित्रीठो-देखो 'नत्रीठ'। निद्धनव-देखो 'नवनिधि' । निवडली-देखो निद्रा'। निद्धि-देखो "निधि'। निदरसना-स्त्री० स० निदर्शना| एक अर्थालंकार विशेष ।। निद्र-देखो 'निद्रा'। निद्रा-स्त्री० [स०] १ नींद, सुप्ति । २ सुस्ती। ३ मूछित निदरसी-वि० [सं० निदसिन्] प्रकट करने वाला, बताने वाला। अवस्था । -लखउ-वि० निद्रासक्त । -लुद्ध, लुध, निदाण-पु० [स० निदाप] १ फसल या पौधों के बीच उगी लुधी-वि. निद्रा के वशीभूत । घास साफ करने की क्रिया, निराई। २ देखो 'निदान'। निद्रा ,निद्रालु, निद्राळी-वि. निद्रावस्था में, नींद के वशीभूत । निदांरणरणो (बो)-क्रि० [सं० नि-दाप-लवने] १ फसल में उगे निधंक-वि० १ दृढ़, मजबूत, अटल । २ देखो 'निधड़क' । घास को साफ करना, निराई करना। [सं० निर्दलनम्] निध-वि० अटल, अडिग । -पु० १ सतान, प्रौलाद । २ गाय, २ नाश करना, संहार करना, मारना । धेनु । ३ देखो 'निधि' । निदांणी-देखो 'निदाण' । निधईसवर-देखो 'निधीस्वर'। निदान-पु० [सं० निदान] १ रोग की पहिचान, रोग का निधगुण-पु० [सं० गुणनिधि गणेश, गजानन । निर्णय । २ रोग लक्षण । ३ रोग की जांच । ४ मूल निधड़क-क्रि०वि० [देश॰] १ बिना किसी भय या डर के, कारण । ५ अन्त छोर । ६ बांधने की रस्सी। ७ बागडोर। निर्भय होकर। २ बिना किसी सोच या चिंता से, ८ पवित्रता। ९ कारण। १० परिणाम, फल, नतीजा । निःसंकोच होकर । ३ बिना किसी रोक-टोक के, बेरोक । ११ प्रधानता। १२ अंत, नाश। १३ देखो 'निधांन' ।। -वि०१ चिता रहित, निर्भय । २ दृढ़, अटल । For Private And Personal Use Only

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