Book Title: Rajasthani Hindi Sankshipta Shabdakosh Part 01
Author(s): Sitaram Lalas
Publisher: Rajasthan Prachyavidya Pratishthan

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Page 786
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra मोचौ www. kobatirth.org ( ७७७ ) नोचौ - वि० [सं० नीच ] ( स्त्री० नीची) १ जो न्यूनता, झुकाव, उतार या तल के पास की स्थिति में हो । २ उच्चता की तुलना में कम । ३ झुका हुम्रा, नत । ४ ढलुवा, ढालू । ५ निश्चित सीमा से नीचे आया हुआ । ६ नीच, निकृष्ट ७ क्षुद्र, ओछा । मध्यम, धीमा । - क्रि०वि० नीचे की तरफ । (ब) नीट (बी), नीट्टी (बी) ४० १ फेंकना, छोड़ना । २ प्रहार करना । नीजण, नोजणि (णी) - देखो 'निरजण' । नीजांमा पु० [देश०] मस्ताह, केवट नीजुड़णी (बी) - देखो 'निजोडो' (यो) | नीशांण (सी) वि० [सं० निध्वनि] ध्वनि रहित, शान्त, - चुप । २ देखो 'नीकरणी'। नीझर, नोकरण १ देखो 'निरकरण' नीमरणी पु० [सं० निर्भर १ सू २ देखो 'निरभर' । नीकरण (बौ) - क्रि० [सं० निर्भर ] १ टपकना, भरना, चूना । -- २ प्रांसू बहना । मांगो (बी) कि० पार पहुंचाना। नोठ - क्रि०वि० [सं० निष्ठा ] १ मुश्किल से, कठिनाई से । २ बहुत प्रतीक्षा के बाद वि० मुश्किल, कठिन नीरगी (बी) देखो ''बो नीटर देखो 'निस्टर' । नीडा, नोडांनीड, नीडांनीहि कि०वि० बड़ी मुश्किल से, कठिनाई से। जैसे-तैसे । नापणी नीतारणौ (बौ) - क्रि० [सं० निस्तरणम् ] १ पानी आदि में घुले पदार्थ को तल में बैठने देना । २ ऐसी व्यवस्था करके द्रव पदार्थ को स्वच्छ करना । ३ स्वच्छ हुए द्रव पदार्थ को धीरे-धीरे दूसरे पात्र में लेना । ४ सारहीन करना, तत्त्वहीन करना । नीतिमती [सं० नीति) १ समाज की बुराई न करते हुए अपनी भलाई करने की क्रिया । २ लौकिक व शास्त्रोक्त मर्यादा के अनुसार प्राचरण ३ अच्छा प्राचरण, सदाचार । ४ व्यवहार की रीति, पद्धति । ५ कार्य सिद्धि या स्वार्थ सिद्धि के लिये प्रयुक्त युक्ति ६ चाल-चलन, व्यवहार । ७ अनुशासन ८ उपयुक्तता । ६ राज्य या शासन चलाने की प्रमुख चार पद्धतियां । १० राजनीति । ११ सिद्धान्त । १२ उपयुक्त कार्य या व्यवहार । वि० नीतिकुशल मान बंत वांन वि० नीति को मानने वाला, नीति परायण, सदाचारी - सास्त्र- पु० वह ग्रंथ या शास्त्र जिसमें आचार-व्यवहार तथा शासन के विधान का वर्णन हो । नीतीतायौ, नोत्ततायौ, नीत्तीतायौ - देखो 'नित्तौतायो' । नीद, नीवडली, नीवड़ी-देखो 'निद्रा' | नीदाळ, नीदाळू, नीदाळू - देखो 'निद्राळू' । नोड, नोई, मोडलड़ी-देवो 'निद्रा'। नीतार - पु० १ पानी या द्रव पदार्थ में घुली वस्तु पैदे में बैठ जाने पर पदार्थ में होने वाली स्वच्छता । २ इस तरह स्वच्छ हुआ द्रव पदार्थ । ३ तल में बैठी हुई वस्तु । ४ सार, सारांश | नोधनौ-देखो निरधन' | नीधस स्त्री० नगाड़े या वाद्य की ध्वनि । Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir नीधणि, नीधरिणको, नीधणियो, नीधणी - वि० बिना मालिक का लावारिस नोठारी (बौ) - देखो 'निठारणी' (बी) । नीटानी, नीडानीहि देखो 'नीठानीटि'। मीठावणी (यो) देखो 'नासो' बो नोठि, नीठी-देखो 'नीठ' । मीठोनीठ देखो 'नीठांनीड' नीडज - पु० [सं०] पक्षी । नीत १ देखो 'नीयत' २ देखो नीति' ३ देखो 'बेतीधोती' नीपक-पु० [देश०] १ याचक २ कवि पंडित । । । नीतचारी वि० [सं० नीति चारि नीति के अनुसार धार नोतरी (बौ) ० [सं० निस्तरणम् १ पानी या द्रव पदार्थ में घुली वस्तु का दे यान में बैठना २ उक्त किया से द्रव पदार्थ का स्वच्छ होना । रहित होना । नीतवंत, नीतयांन देखो 'नीतिवान'। नोतसास्त्र- देखो 'नीतिमास्त्र' । (a) बजना । २ बाजे बजना । -य [देश०] १ नगाड़े की ध्वनि होना, नोस देखो 'नोस' | नोली (बी) देखो 'नो' (बी)। नोप- देखो 'निप' । । । ३ । नीपजस्त्री० [सं० निष्पादन] १ उपज पैदावार २ उत्पत्ति । मोजणी (बी) क्रि० [सं० निष्यदनम् ] १ उपजना पैदा होना। २ अंकुरित होना। ३ सारहीन होना, तत्त्व ३ उत्पन्न होना । ४ बढ़ना, होना । ५ वृद्धि होना, बढ़ना । ६ पकना । ७ तैयार होना - बडा बनना । For Private And Personal Use Only नोपजायी (बो), नोपजावणी (बी) देखो निपजालो' (बो) नोपण-पु० [सं० लेपनम् ] १ ग्रांगन में गोबर प्रादि का लेपन । २ लेपन क्रिया । २ देखो 'निपुण' । नीवणी (बौ) - क्रि० [सं० लेपनम् ] १ आंगन में लेपन करना, लीपना । २ थोपना । ३ पोतना । ४ देखो'नीपजणी' (बो) ।

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