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निसारण
मुसखो
करना, चला जाना । ५ चलना, विचरना । ६ संचरित होना, नुकती--पु० [अ० नुकत:] १ सुक्ष्म व सारगर्भित बात । २ रहस्य गुजरना । ७ पास से होकर गुजरना । ८ बाहर निकलना, मय विषय । ३ गुढ़ तत्त्व । ४ उक्ति। ५ चुटकला। ६ दोष, राना । ९ प्रदत्त होना, मिलना। १० पार होना । ११ एक अवसर या ममारोह । तरफ से दूसरी ओर जाना । १२ छेद कर या रास्ता बनाकर | नुकरी (री-वि० [अ० नुकर] चांदी के समान श्वेत, सपद । निकलना । १३ प्रयाग या प्रस्थान करना । १४ प्राभासित -पु०१ रावत रंग का घोड़ा, घोड़ी। २ चांदी । ३ टुकड़ा, होना । १५ जन्म लेना, जन्मना । १६ उत्पन्न होना, पैदा खण्ड। होना । १७ प्रकट होना । १८ प्रकाशित होना,उदय होना । | नुकळ नुकल, नुकळी-पु० [अ० नुक्ल ) १ शराब या अफीम सेवन ५९ अचानक उपस्थित होना । २० पहुँचना ।२१ उद्भूत के पश्चात मुह साफ करने के लिये खाया जाने वाला पदार्थ । होना, झरना । २२ अलग होना, पृथक होना । २३ घसी २ देखो 'नकुळ' ।
हई वस्तु का बाहर होना । २४ देखो 'निकळणो' (बी)। नुकसान-१० हानि क्षति । नीसांण-१ देखो 'निसांण' । २ देखो निसारणो' ।
नुकसान जरायत-पु० घास, फूस व तालाबों को हानि पहुंचाने नीसांगची-देखो 'निसांणची' ।
पर लिया जाने वाला दण्ड । नीसांण - देही-देखो 'निसांग - देही'।
नुक्कड़-पृ० [फा० नोक] १ गनी या रास्ते का सिरा, नुक्का । नीसांग - बरदार-देखो 'निसारण- बरदार' ।
२ सीमा, हद, छोर। नीसांरिण-१ देखो 'निमांण' । २ देखो 'निसांगी' ।
नुक्स-पू० [अ० | ऐब, अवगुण । कमी, कसर । नीसाट-देखो निसाट' ।
नुखत, नुखता--स्त्री० [अ० नुम्त ] ऊट का नकल की रस्सा । नीसार-पु०धुपा, धूम्र।
नुखती-देखो 'नुकती'। नीसास, नोसासो-देखो "निस्वास' ।
नुखतौ-देखो 'नुकता'। नोहचइ-क्रि० वि० निश्चय ही।
नुखत्त, नुखत्तौ-देखो 'नुखत, नुखता'। नीहट्टरपो, (बौ)-देखो 'निहट्टगो' (बी)।
नुगट-देखो निगोट'। नोहसणी, (बो)-देखो 'निहमगो' (बी)।
नुगणी-देखो 'निगुण'। नीहार-पु० [मं० १ अधकार, अंधेरा । २ कुहरा । ३ हिम,
नुगरी-वि० [सं० निगुरु] १ जिसने गुरु का ज्ञान न लिया हो। पाला बर्न । योस । ४ स्वप्न, सपना । ५ अवलोकन, दृष्टि- कता । ३ गचोर । पात । ६ मल-मूत्र ।
नुगुण, नुगरणी-देखो 'निगुण' । नीहारणी, (बी)-देखो 'निहारणो' (बौ) ।
नुगुरौ-देखा ‘नगर । नीहारी-पु० [स० निर्हारि] पर्वत की गुफा में किया जाने वाला
नुचरणौ (बी)- [सं० लुचन] १ झटके के साथ बाल आदि अनसन, मरण, संथारा, समान।
उखाड़ने की क्रिया या भाव। २ नोचा जाना, नुचना । नोहाळणी (बौ), नीहालणौ (बो)-१ देखो 'निहारणी' (बी) ।
३चन करना । ४ झटके से खींचना। ५ खरोंचना, २ देखो 'निहाळगौ' (ौ)।
कुचरना। नीहाव-देखो 'निहाव।
नुति, नुती-स्त्री० [सं० तुतिः १ स्तुति, वंदना । २ पूजा, नु-देखो 'नू'।
अर्चना । नुह-देखो 'नख' ।
नुमाइस-स्त्री० [फा० नुमाइश १ प्रदर्शनी । २ दिखावा, प्रदनु-पु० १ राजा जनक, विदेह । २ शरीर । ३ बन, कानन । शंन । ३ सजावट, तड़क-भड़क । ४ दिखावे के लिये रखी
४ बाल । ५ शक्ति, बल । ६ कमजोरी, अशत्तता । ७ प्रशंसा, वस्तुए । -गाह-पु० प्रदणे नी लगाने का स्थान । . तारीफ । ८ पूजा, अर्चना। ९ नोति । १० देखो 'नहीं' ।। नुमाइसी-वि० [फा०] १ प्रदर्शन लायक । २ दिखावटी । ११ देखो 'न'।
। ३ प्रदर्शनी में रखने लायक । नुई-देखो 'नवी'।
नुमु-देखो 'नवम'।
नुल-पु. नेवला, नकूल। नुकताचोरण, (न)-वि० [फा०] दोष ढूढ़ने वाला, छिद्रान्वेषी।
नुसखो-पु. [अ० नुसखा] १ किसी रोग का समाप्त करने के नुकताचीणी, (नी)-स्त्री० [फा०] दोष निकालने की क्रिया या
लिये विभिन्न प्रौषधियों का योग, मिश्रण । २ चिकित्सा भाव, छिद्रान्वेषण ।
की विधि।३ रोगी के लिये चिकित्सक द्वारा बनाया हुमा नुकती-स्त्री० [फा० नखुदी] बेसन का बना बू दी नामक मिष्ठान्न । पत्र. चिट।
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