Book Title: Rajasthani Hindi Sankshipta Shabdakosh Part 01
Author(s): Sitaram Lalas
Publisher: Rajasthan Prachyavidya Pratishthan

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Page 793
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir नंत्रजगदीस्वर ( ७८४ ) नेस नेत्रजगदास्थर-पु० [सं० नेत्रजगदीश्वर] ईश्वर का नेत्र, सूर्य। नेमी-पु० [सं०] १ चन्द्रमा । २ नियम पूर्वक नित्य कर्म नेत्रजळ-पु० [सं० नेत्रजल] प्रासु, अथ । आदि करने वाला । ३ नियम पर दृढ़ रहने वाला। नेत्रण, नेत्रजोनी-पु० [सं०नेत्रयोनि] १ इन्द्र । २ चन्द्रमा,चांद। ४ देखो 'नेमि' । नेत्रपट्ट-पु० [सं०] एक प्रकार का रेशमी वस्त्र । नेमीसर-देखो 'नेमिनाथ'। नेत्रपालबणी-स्त्री० डिंगल का एक । गीत । नेर-देखो 'नगर'। नेत्रबंध, नेत्रबधण, नेत्रबधी-देखो 'नेतबंध' । नेरउ-देखो 'निकट' । नेत्रबाळी-पु० [सं० बाल] एक क्षुप विशेष । नेरणी-देखो 'नैरणो'। नेत्रभाव-पु० [सं०। संगीत या नृत्य संबंधी, नेत्रों द्वारा प्रगट नेरतियो-वि० नैऋत्य कोण वाला । -पु० नैऋत्य कोण से बहने किये जाने वाले भाव । वाला पवन । नेत्रमंडळ-पु० [सं०] १ नेत्रों का वृत्त घेरा । २ अांख का डेला। नेरू-पु० १ नाखूनों से चीर-फाड़ कर खाने वाला मांसाहारी नेत्रमळ-पु० [सं० नेत्रमल ] नेत्रों से निकलने वाला मेल । एक जानवर । २ एक रोग विशेष । नेत्रमूढ--वि० सं०] मिलित नेत्रों वाला, बन्द नेत्रों वाला। | नेरे-देखो 'नर'। नेत्रवाळौ-देखो 'नेत्रबालौ'। नेलियौ, नेलौ-१ देखो 'नैरणो' । २ देखो 'ने'लो'। नेत्रौ-देखो 'नेतरो'। नेव-पु० [देश॰]१ मकान पा छप्पर का दलुवां भाग। २ देखो नेदारण, (णी)-देखो 'निदाण' । 'न्याव' । ३ देखो 'नव' । नेपत, नेपति, नेपती, नेपत्ति-१ देखो 'नेप' । २ देखो 'नेपथ्य'। | नेवग... देखो 'नेग'। नेपथ्य-पु० [स] १ नृत्य अभिनय आदि के पर्दे के पीछे का नेवगी, (गो)-पु० [स्त्री० नेवगण] १ नाई, हज्जाम । २ देखो स्थान । २ रंग भूमि. रंगशाला। ३ पाव । -करम-पु० 'नेगी। ७२ कलायों मे से एक। -योग-पू०६४ कलाओं में से । नेवर-प० ग्रांख नगत । नेवछावर-देखो 'निछरावळ' । नेपुर-देखो 'नूपुर' । नेवज, (ज्ज)-देखो 'नैवेद' । नेप-पु. स निष्पदनम् १ उपज, पैदावार । २ उत्पत्ति क्षेत्र। नेवतणी, (बौ)-देखो 'निमंत्रणो' (बी)। ३ प्रचुरता, वृद्धि। नेवर-पु० स० नूपुर] १ स्त्रियों के पावों का आभूषण विशेष, नेफादार, नेफेदार-वि० जिसमें नफा लगा हो । पायल । २ घोड़े के पैर में पहनाने का प्राभूषण । ३ घोड़े के पैरों की परस्पर रगड़ से होने वाला रोग विशेष । नेफी-पु० [फा०नेफ:] लहगे, पायजामें आदि में बना, नाड़ा डालने ४ मनुष्य के टखने की हड्डी।। का स्थान । नेवरा -स्त्री. १ सात मात्रामों की एक ताल । २ देखो 'नो' रा'। नेम-पू० सं० नियम] १ व्रत, उपवास । २ संकल्प, प्रतिज्ञा । | नेवरिया-देखो 'नौरा' । ३ व्रत, उपवास का नियम । ४ देखो 'नियम'। ५ देखो नेवरियो-पू०वह घोड़ा जिसके पांव चलते समय परस्पर रगड़ "निमित्त' । ६ देखो 'नेमिनाथ' । खाते हैं। नेमणायत, नेमणियायत-वि० [सं० नियम] दृढ़ प्रतिज्ञ, अपनी गोखो मेवा', बात पर पक्का । नेवलियो, नेवळो, नेवलौ-देखो 'नकुळ' । नेमणो, (बी)-क्रि० [सं० नियमनम् १ निश्चय करना, दृढ़ नेवारी-स्त्री० जुही जाति की एक लता। विचार करना । २ नियम बनाना। ३ गर्भ धारण करना । नेवासी-देखो 'निवासी'। नेमप्रात-पु० [सं० नियमः + प्रातः] दान वीर राजा कर्ण । नेवुर-देखो 'नेवर। नेमा-देखो 'नियम'। नेस, नेसड़ नेसड़ौ,-वि० बना हुआ। नमि--स्त्री० [सं०] १ चक्र की परिधि, पहिए का वृत्त । २ भूमि, | नेसडू, नेसडौ-पु० [सं०निवेश] १ निवास स्थान, घर । २ चारणों घरती। ३ देखो 'नेमिजन' । ४ देखो 'नेमिनाथ' ।। की जागीर का गांव । ३ नगर, शहर । ४ जंगली नेमिजन, (जिन)-पु० [सं०] १ महाविदेह क्षेत्र में होने वाले जानवरों के नुकीले दांत । ५ ऊंट के मुंह के सामने के दांत । २० विरहमानों में से १३ वां । २ नेमिनाथ । ६ असुर, राक्षस । ७ एक प्रकार की तेज शराब। देखो नेमिनाथ पु० [सं० २२] वें तीर्थंकर । (जैन) 'निसा'। For Private And Personal Use Only

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