Book Title: Rajasthani Hindi Sankshipta Shabdakosh Part 01
Author(s): Sitaram Lalas
Publisher: Rajasthan Prachyavidya Pratishthan

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Page 783
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra निस्पक्ष www.kobatirth.org ( निस्पक्ष (ख)- वि० [सं० निष्पक्ष ] १ पक्षपात रहित । २ तटस्थ । सोहने वाला निस्पक्षता विवखतः स्त्री०म० निष्पक्षता ] १ पक्षपात होता तटस्थता ३ स्पष्टवादिता । . निस्पन दिस निष्पन्न | १ पूर्ण पूरा २ समाप्त, पूर्ण निस्प्रभ - वि० स० निष्प्रभ] १ कांति, प्रभाव तेज रहित । VI २ मद धुंधला । ३ प्रणक्त । नियोजन ५००योजन १ प्रयोजन, कारण या मतलब रहिन । २ व्यर्थ निरर्थक | ३ जिसमें अर्थसिद्धि न हो । क्रि० वि० प्रकार से व्यर्थ में । निस्प्राण-वि० [सं० निष्प्राण ] प्रारण रहित मृत । निप्रिय वि० [सं०] निम्बू लोभ या कामना रहित निस्पल वि० [सं० निष्फल] १ फल रहित परिणाम रहित २ उपलब्धि रहित । ३ व्यर्थ, निरर्थक | निस्फोबटाई-स्त्री० जागीरदार व किसान के बीच फसल का प्राधा-प्राधा बंटवारा, विभाजन । وو ३ विरक्त, उदास । ४ पृथक, अलग । धनुरक्त न हो [फा०] एकाकी, धकेला निस्बत निस्बत स्वी० [२०] १ अपेक्षा भाशा मुकाबला | ३ संबंध, लगाव | ४ समता ५ नारी, प्रोरत । ६ देखी 'रिस्वत' । निएका निशिका, निस्व० [सं० निश्रेणी) १ सीढ़ी, जीना २ मुक्ति । ३ खजूर का पेड़ । ४ एक मात्रिक छंद विशेष । ] २ तुलना बराबरी । I निय पु० [सं०] निपलं बदनामी नित्र यस पु० [सं० नि यस ] मोक्ष कल्याण निस्वास - पु० [सं० निःश्वास] १ प्रारण वायु नाक से निकलने का कार्य व्यापार । २ उसास विश्वास । ३ तड़फ, ग्रह । - वि० मृत प्रायः, बेदम । निश्वासन पु० [सं०] निः स्वासन) चौरासी भागनों में से एक। निस्संक वि० [सं० निःशंक] निर्भय, शंका रहित, बेधड़क| निस्संतांन वि० [सं० निःसन्तान ] संतति रहित, नाप्रलाद । निस्संदेह, निस्संस- क्रि० वि० [सं० निः संदेह ] बिना संदेह के, बेशक - वि० १ संदेह रहित । २ पूर्णतया मान्य । निस्सार- वि० [सं०] नि सार] सारहीन, तरवहन निस्सेस - पु० [सं० निःश्रेयस ] मोक्ष, कल्याण (जैन) । - वि० [सं०] निःशेष] सम्पूर्ण समूचा बिना [बचा। निरखत ५०] [४०] विस्तृत ] तलवार के ३२ हाथों में से एक। निरस्वादु वि० [१०] बिना स्वाद का स्वाद रहित निस्स्वारय वि० [सं० निस्वार्थ स्वार्थ] की भावना से रहित। निहंग वि० [सं० निःसंग] १ निर्लिप्त २ वस्त्रहीन नन । 1 , - F ५. जो किसी पर -पु० [देश० ] १ घोड़ा, अश्व । ४ शिव, महादेव । '७ देखो 'नंग' | हिंसा निहाय देखो 'निहंग हिंदी बोर निहस देखो 'निहन' । बलदेखी 'निवळ' निश्चळ | २ आकाश, ग्रासमान । ३ स्वर्ग । ५ पक्षी, खग । ६ घड़ियाल, मगर । -राज-पु० सूर्य । दिल का एक विशेष निज १० [सं०] निपोष नियंतदेव 'निश्चित'। (ब) देखो ''बो निकट, निकंटक देखो 'निस्कंटक' | निरूपदेखी निस्कंप विकरम (मं) - देखो निस्करम'। नांग (मी) १ देसी निमांग' २ देखी 'निकांम' | निकुरं निहकुल ५०० शब्दावाज (वी) निटन] सूत्र दौड़ाना, हांकना । नहर Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir लिहवं, दिहचौ- देखा 'निस्चय' । देखो निसो' (श्री) । निहटणी (बी) 'निहट्टी' तिहाणी (बी) - क करना । २ दमन करना । For Private And Personal Use Only निहाई 1 निहानम्] १ मारना, संहार तरी 'निमंत्रण' (दो) । निहतारच०० वा एक सत्य दोष विशेष हित्त-पु० [सं० विधत्त ] स्थापित करने की क्रिया (जैन) । निहत्थो निथ, निथी - वि० [सं० निःस्त ] १ जिसके हाथ में अस्त्र-शस्त्र न हो, निहत्था २ खाली हाथ । ३ निधन । हिरवाळी (बौ) - क्रि० [देश०] खड्ड में डालकर दबा देना । निहली, निहल्ल - वि० [सं०नि हल्लनम् ] (स्त्री० निहली, निहल्ली ) १ निष्फल, बेकार । २ गतिहीन । निस पी० [देश०] १ प्रहार पोट निसरणी (बौ), निस्पणी (बो) - क्रि० बजना, ध्वनि करना । करना । ४ हंसना । ५ जोश में थाना, जोश खाना । ६ बरसना, बौछार होना । ७ २ गरजना । ३ भयानक प्रावाज चमचमाना, चमकना । ८ वीर गति प्राप्त करना मरना । ९ सहार करना, मारना । १० प्रहार करना । निहारण देखो 'निधान' । निहाई, निहाइ, निहाई-स्त्री० [सं० निघात ] १ प्रहार | २ ध्वनि, आवाज । ३ शोरगुल, हल्ला । ४ स्वर्णकार या लोहारों का प्रइरन । ध्वनि घोष [देश०] १ वाद्य आदि

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