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माविन
नाहलो
नाविन, नाविक--पु० [सं० नाविक] १ नाव चलाने वाला, | नासानुगी-पु० [सं०] नाक के बल चलने वाले प्राणी, जानवर ।
मल्लाह, केवट । २ जहाज का यात्री। ३ जल मार्ग से | नासापुट-पु० [सं०] नाक के अन्दर का पर्दा । यात्रा करने वाला। ४ कर्णधार ।
नासारोग-पु० नाक का रोग । नावी-देखो 'नाई।
नासिक-स्त्री० [सं० नासिक्य) महाराष्ट्र प्रान्त का एक तीर्थ । नास-पु० [सं० नासा] १ नाक, नासिका। २ सूड । ३ चौखट नासिका-स्त्री० [स०] १ नाक, नासा । २ देखो 'नासका'।
का ऊपरी बाजू । ४ सूघने की क्रिया या भाव । नासिराउ, नासिरणी-देखो 'नासो' । ५ सूघने का पदार्थ । [सं० नाश]६ नाश, ध्वंस, बरबादी। नासिरणी (बो)-देखो 'नासरणो' (बी)। ७ लोप, समाप्ति । ८ संहार । ९ मृत्यु, मौत। १० हानि, नासूर-पु० [अ०] मवाद वाला फोड़ा, नाड़ी व्रण । नुकसान । ११ दुर्भाग्य । १२ विपत्ति । १३ त्याग। नासेटू-वि० [सं० नष्टेषिन् ] खोये हुए मवेशी की तलाश १४ असफलता।
करने वाला। नासक-वि० [सं० नाशक] १ नाश करने वाला, मारने वाला। नास्ति-देखो 'नासती'।
२ ध्वस्त करने वाला। -पु० १ दीवार के कोने में चुना नास्तिक-वि० [सं०] धर्म व ईश्वर में प्रास्था न रखने वाला। जाने वाला पत्थर । २ देखो 'नासिका'।
-दरसन, वाद-पु. उक्त भावना पर प्राधारित मत, नासका-स्त्री० [सं० नासिका] १ नाक । २ घ्राणेन्द्रिय । सिद्धान्त । ३ सूचनी, तंबाखू । ४ सूघने की दवा।
| नास्तिकता-स्त्री० [सं०] धर्म व ईश्वर में प्रास्था न रखने की नासकारी-वि० [सं० नाशकारिन्] १ नाश करने वाला। भावना, बुद्धि । २ विनाशकारी ।
नास्ती-देखो 'नासती'। नासण-वि०१ नाश करने वाला। २ भागने वाला। नास्तौ-पु० [फा० नाश्ता] सुबह का अल्पाहार, कलेवा। ३ देखो 'नास'।
नाह-अव्य० १ निषेधात्मक ध्वनि, नहीं । २ देखो 'नाथ' । नासणउ, नासरणी-वि० [सं० नश्] (स्त्री० नासणी) १ दौडने ३ देखो 'नाभि' ।
वाला, भागने वाला। २ नष्ट होने वाला, समाप्त होने नाहकंध (कंधौ)-पु० [सं० नाभि-स्कंध] पहिये की धुरी के वाला । ३ नाश करने वाला, विध्वंसक ।
ऊपर के अवयव । -वि० १ नाभि के समान कंधों वाला। नासरणौ (बी)-कि०१ भाग जाना, दौड़ जाना । २ मिट जाना। २ बलवान, शक्तिशाली। नष्ट होना।
नाहक-क्रि० वि० [फा०] बिना मतलब के, व्यर्थ में, फालतू में। नासत, नासति-१ देखो 'नास्ति' । २ देखो 'नासती'। नाहरण-पु० स० स्नान स्नान, मज्जन । नासतिक-देखो 'नास्तिक' ।
नाहरणो (बौ)-कि० स्नान करना, नहाना । नासती-स्त्री० [सं० नास्ति] १ असत्यता । २ मनाही, इन्कार । नाह-दुनियांण-पु० १ राजा, नृप । २ बादशाह, सम्राट ।
३ अभाव, कमी। -वि० १ बुग, खराब । २ अनुपयुक्त। नाहर-पु० [सं०नखर:] (स्त्री०नाहरी)१ सिंह, शेर । २ चीता । -प्रव्य० नहीं, ना।
३ भेड़िया । ४ योद्धा, वीर । ५ मक्खीमार एक जीव नासतीक-देखो 'नास्तिक'।
विशेष । -वि० दुष्ट, आततायी। नासपती, नासपाती-स्त्री० [तु० नाशपाती] १ मझोले कद का | नाहरकांटौ-देखो 'ना'रकांटो'। फलदार पेड़ विशेष । २ इस पेड़ का फल, सेव ।
नाहर-मस्तक-पु. मयूर के समान नील वर्ण का घोड़ा । नासफरिम-वि० [सं० नाश:-फा० फर्मा] वह जिसकी आज्ञा का
| नाहरसांस-पु० घोड़ों की सांस फूलने की बीमारी। उलंघन होता हो।
नाहरी-स्त्री० मादा सिंह, शेरनी । नासमन-वि० जिसमें समझ न हो, निर्बुद्धि, प्रबोध, मूर्ख । नाहरू, नाहरौ-पु० १ मोट खीचने का रस्सा । २ चमड़े का नासवंती-स्त्री० [सं० नाश] १ घोड़े की नाक के नथूने पर होने टुकड़ा । ३ देखो 'नारू' । ४ देखो नाहर' । वाली भवरी । २ देखो 'नासवान'।
नाहलउ-देखो 'नाथ'। नासवान-वि० [सं० नाशवान्] नष्ट होने लायक, नश्वर । अनित्य।
नाहला-स्त्री० एक म्लेछ जाति । नासा-स्त्री० [सं०] १ नाक, नासिका। २ नासारंध्र, नथना।
नाहलियो, नाहलू-देखो 'नाथ' । ३ घ्राणेंद्रिय । ४ चोंच, तुड। ५ देखो 'नस'। -चर- नाहळी-देखो 'नाळी' । पु० चोंच से खाने वाले, पक्षी ।
| नाहली-पु. १ नाहला जाति का म्लेच्छ । २ देखो 'नाथ' ।
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