Book Title: Rajasthani Hindi Sankshipta Shabdakosh Part 01
Author(s): Sitaram Lalas
Publisher: Rajasthan Prachyavidya Pratishthan

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Page 760
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir निकुळ ( ७५१ ) निगडित निकुळ-पु० शराब के साथ लिया जाने वाला चर्वण । -वि० निखट्ट-वि० १ इधर-उधर फिरने वाला। २ टिक कर या (स्त्री० निकुळी) बिना कुल या वंश का, निवंशी। जमकर न रहने वाला । ३ निष्क्रिय, निकम्मा । ४ आलसी, निकुळी-पु० १ एक प्रकार का वृक्ष । २ देखो 'नकुळ' । सुस्त। निकुळो-देखो 'निकुळ'। निखरणी (बी)-देखो 'निरखणौ' (बी)। निकूप-वि० [सं०] १ बिना किसी कमी के, परिपूर्ण । २ दृढ़, निखत-वि० १ जबरदस्त । २ देखो 'नक्षत्र'। ठोस । ३ देखो 'निकुप' । निखतंत-देखो 'नखतेत'। निकूळ-देखो 'नकुळ'। निखद-वि० [सं० निषध] १ बुरा, नीच, अधम, निकृष्ट । निकेत (न)-पु० [सं०] १ मकान, घर । २ जगह, स्थान । -पु. १ एक प्राचीन देश । २ इस देश का राजा । ३ एक ३ भण्डार, निधि । ४ निवास स्थान । ५ प्याज । पर्वत का नाम । ४ देखो 'निसाद'। ५ देखो निखेद' । निकेद-पु० युद्ध, संग्राम । | निखदरणौ (बो)-देखो 'निसेधणी' (बो)। निकेय-देखो 'निकेत'। निखध, निखधि-देखो 'निखद'। निकेवळ (ळी)-वि० [सं० निष्कैवल्य] (स्त्री० निकेवळी) निखरणी (बो)-क्रि० [सं० निक्षरणम्] १ स्वच्छ होना, निर्मल १ नितान्त, बिल्कुल । २ अकेला, केवल एक । ३ कार्य, होना । २ प्राभा, कांति या शोभा युक्त होना । ३ सुन्दर उत्तरदायित्व व ऋण से मुक्त, निवृत्त । ४ बंधन मुक्त ।। होना । ४ अच्छी स्थिति या रंगत में पाना । ५ रोग मुक्त । -पु० सात वर्णों का एक छन्द विशेष । निखरब (ब)-वि० [सं० निखर्व] दश हजार करोड़, दश निको-वि० [देश॰] श्रेष्ठ, उत्तम, बढ़िया । खरब। -पु० उक्त मान की संख्या । निक्ख-देखो 'निकस'। निखरौ-वि० [देश॰] (स्त्री० निखरी) खराब, बुरा । नापाक । निक्खेप-देखो 'निक्षेप'। निखल-पु० १ गम्ड़ । २ देखो 'निखिल' । निखाख-देखो 'निसाद'। निक्र-पु० [सं० निकर] समूह । निक्रत-वि० [सं० निकृत] १ कपटी, धूर्त । २ छलिया, ठग । निखात-पु० [सं० खन् व.का.] खजाना, निधि । ३ नीच, अधम, पतित। ४ तुच्छ, प्रोछा। ५ दुष्ट, निखाद-पु. १ लुटेरा, डाकू। २ देखो 'निसाद' । निखार-पु० १ स्वच्छता, निर्मलता। २ कांति, दीप्ति, प्राभा । बदमाश। निखारणी (बो)-क्रि० [सं० निक्षरणम्] १ स्वच्छ करना, निक्रस्ट-वि० [सं० निकृष्ट] १ नीच, अधम, पतित । २ कमीना, निर्मल करना । २ आभा, कांति या शोभा युक्त करना। दुष्ट । ३ घृणित । ४ तुच्छ, शूद्र । ५ मंद । ३ सुन्दरता लाना। ४ अच्छी स्थिति लाना। निक्रस्टता-स्त्री० [सं० निकृष्ट-ता] १ नीचता, अधमाई। निखालस, निखालिस-वि० १ शुद्ध, खालिश, बिना मिलावट २ कमीनापन, दुष्टता। ३ बुराई, खराबी। ४ तुच्छता। __ का। २ स्वच्छ साफ, निर्मल। ५ मंदता। निखिल-वि० [सं०] पूर्ण, संपूर्ण । तमाम, सब, समस्त । निक्षत्री-वि० [सं० नि-क्षत्रिय]१ क्षत्रियत्वहीन । २ क्षत्रियहीन। | निखूती-वि० [सं० नि-क्षुत] निमग्न, मग्न, डूबा हुन । निक्षेप-पु० [सं०] १ छोड़ने की क्रिया या भाव, त्याग । | निखेत, निखेद-वि० [सं० निषेध] १ दुष्ट, पाजी, बदमाश। २ फेंकने की क्रिया या भाव । ३ प्रतिपाद्य वस्तु को | २ पतित, हीन । -पु० रोक, मनाही। समझाने की क्रिया या भाव (जैन)। ४ गिरवी, रेहन । निखेध-वि० [देश॰] १ मूर्ख, गंवार । २ देखो 'निखेद' । ५ पोंछने की क्रिया या भाव । ३ देखो 'निसेध'। निखंग-पु० [सं० निषंग] १ तरकस, तूणीर, भाथा। निखेधणी (बौ)-देखो 'निसेधणो' (बी)। २ तलवार, खड्ग। ३ एक वाद्य विशेष । ४ प्रालिंगन । निखोटौ-वि० [सं० नि-क्षोट] (स्त्री० निखोटी) १ जिसमे खोट ५एकता। ___ न हो, खरा, शुद्ध । २ खालिश, साफ । निखंगी (गौ)-वि० [सं० निषंगिन्] १ तरकसधारी, धनुर्धर । निगड, निगड-पू० [सं० निगड] १ हाथी के पैर के बांधने की २ बाण चलाने वाला। ३ खड्गधारी । ४ शक्तिशाली, जंजीर, बेड़ी। २ एक प्रकार का देव वृक्ष। ३ कैद, बलवान। -पु० [सं० निषंगी] धृतराष्ट्र का एक पुत्र । कारागार, बंधन। निखंड-वि० [सं० निः खण्ड] प्रखण्ड, पूर्ण । निगडित--वि० [सं०] बंधन में डाला हुआ, बद्ध, कैद किया निखकुटी-स्त्री० [सं० निष्कुटी] इलायची । हुया । For Private And Personal Use Only

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