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झींट
सी देखो 'भोगी'।
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झट
। । - पु० १ बाल, केश २ देखो 'भ' सोटाळी १० झीरोको, झीरोख, शीरोखो-देखो 'भरोको'
घने वालों वाला ।
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झील सी
झींत झोंथ स्त्री० १ अनाज या कपड़े भर कर पीठ पर लादने
( ५०२ )
झीखणी (बी) - देखो 'भीकरणी' (बौ) ।
झीखा- देखो 'जींका' ।
झोथरी- पु० १ एक प्रकार का घोड़ा । २ देखो 'झींपरी' । झीनातिझीन वि० अत्यन्त बारीक, महीनतम ।
झीखाळणी (बौ) - क्रि० १ खपरैलों को परस्पर रगड़कर महीन पूर्ण बनाना २ पड़ने की तख्ती पर उक्त चूर्ण छितराना । झी स्त्री० [सं० ध्वनि ] १ प्रावाज, ध्वनि । २ देखो 'जीरा' । ३ देखो 'झीरो' |
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झीउ, झीगोडी, झील- वि० [सं० क्षीण] (स्त्री० भीसी) १ जो मोटा न हो महीन, पतला, बारीक । २ हल्का, पारदर्शक ३ मधुर, सुरीला । ४ कर्ण प्रिय । ५ जो स्थूल न हो, छरहरा । ६ कृशकाय । ७ सुकुमार, कोमल, लचीला | ८ । नर्म मुलायम, मृदुल धीमा हल्का, ९ मंद । १० अधिक छितराने से पतली सतह का । ११ जिसमें वेग न हो, धीमा । १२ जो भारी न हो, हल्का । १३ सूक्ष्म । १४ गूढ़ । १५ दुर्गम, कठिन । १६ संकरा, तंग । १७ अगम्य, दुर्बोध । १८ अत्यन्त छोटा । १९ सूक्ष्माणु युक्त । २० जिसमें प्रखरता न हो, क्षीण, मंद । २१ जिसमें उग्रता न हो, सरल, सहज २२ धुंधला । २३ अधिक तरल । २४ फैला हुआ । पु० १ घूंघट निकालने का एक ढंग २ महीन वस्त्र मोरियो पु० एक लोक । । गीत विशेष ।
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की गठरी, बोरा २ कपड़े का एक भोला विशेष । भोपरी, फरी-वि० (स्त्री० भींपरी, भीफरी) जिसके शरीर पर घने बाल हों, घने बालों वाला । झींवर पु० [सं०] धीवर ] मधुवा, मछेरा झोक स्त्री० १ भींखने की क्रिया या भाव, वकवाद । २ शस्त्र प्रहार । ३ शस्त्र प्रहार की ध्वनि । ४ ध्वंस, संहार । ५ युद्ध । ६ वर्षा की झड़ी ।
शोणौ पु० १ दुखः वर्णन, अपना दुःख रोने की क्रिया या शंकार स्वी० ध्वनि हुंकार |
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भाव । २ बकना ।
झोकणौ ( बौ) - क्रि० १ इच्छा करना, लालायित होना, तरसना ।
२ दु:खी होकर पछताना | ३ खीजना । ४ कुढ़ना । ५ न दुःख व्यक्त करना दुखड़ा रोना [६] [स्त्र प्रहार करना । ७ युद्ध करना बकना ।
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झीख- देखो 'भीक' ।
झोरोहर [वि० पूर-र
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सीमर० [सं० धीवर] कहार जाति का एक भेद १ ।
[२] धीवर
झील, झीलड़ी (डौ) - स्त्री० १ कुदरतन बना बड़ा तालाब, सरोवर २ एक छोटा पौधा ।
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झीलो (बौ) - क्रि० १ नदी या तालाब आदि में नहाना । २ पानी में तेरना । ३ डुबकी लगाना । ४ मग्न होना, मस्त होना ।
झोलाली (बी), शीलावणो (बी) क्रि० १ स्नान कराना। २ पानी में तेरने के लिए प्रेरित करना । ३ मग्न या मस्त करना । ४ डुबकी लगवाना । झीवर देखो 'भीमर' ।
होना ।
भाऊ देवो 'तू'भाऊ' ।
सुसार, झुंझारि-देखो 'जू'कार' |
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झुंड - पु० प्राणियों का समूह, गिरोह । झुंपड़ी देखो 'पड़ी' । मुंब-देखो 'ब'
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लाख (यो) - ०१ चिड़चिड़ाना खिलाना २ परेशान
बाली (बौ), झुंबाणी देखो 'झू'बारी' (बी) । 'बो-देखो 'बो' ।
सुकाणी
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(बी), झुंबावरणौ (बौ) -
झुकरण (बौ) - क्रि० [सं० युज् ] १ किसी खड़ी वस्तु का नीचे की ओर मुड़ना, नवना । २ समानान्तर बनी वस्तु का बीच या किसी शिरे से नीचे धंसना, दबना, नीचे की ओर झुकना । ३ नीचे की ओर उन्मुख होना । ४ किसी विशेष दिशा या अक्षांश की ओर उन्मुख होना । ५ बादल, तारे आदि का पृथ्वी के अधिक पास आना या पास दिखाई देना । ६ मजबूर होना हारना, विवश होना । ७ प्रवृत्त होना, मुखातिब होना, रजू होना । ८ तल्लीन होना । ९ ढीला या शिथिल होना १० मंडराना ११ शोभित होना । १२ व्यापक होना. चारों ओर फैलना । १३ हराभरा या सघनता युक्त होना । १४ नत मस्तक होना, विनीत होना । १५ प्रणाम करना १६ मोहित होना । १७ सीधे खड़े रहने की अवस्था में न रहना । कवाई, झुकाई स्वी० १ शुकने की क्रिया या भाव २ इस कार्य की मजदूरी ।
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शुकाली (बौ), काशी (बी) १ किमी बड़ी बातु को नीचे की ओर मोड़ना नवाना । २ समानान्तर बनी वस्तु को नीचे धसाना, दबाना, झुकाना । ३ नीचे की ओर उन्मुख करना । ४ किसी विशेष दिशा या अक्षांश की ओर