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भूली
बली, बी-देखो 'चुई।
घूँ बौ-पु० १ टीबा, भीडा । २ देखो 'हुई' ।
- १ देखो 'थुई' । २ देखो "थूबो' । ३ देखो 'थुंभ' | मड़ी- देखो 'थुई' |
भली-१ देखो 'ई' । २ देखो 'थोबली' ।
मी- देखो 'ई' |
'मो-देखो 'बी' २ देखो 'ई'।
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। ६२२ )
थु-स्त्री० १ दासी । २ पगड़ी । ३ पराशर । ४ दास । ५ देखो "तू" अव्य० १ घूमने का शब्द २ भर्त्सना सूचक । ध्वनि ।
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थूणी - देखो ''गी' | भूवउ-देखो''।
थूड- पु० [सं० तुंड] १ सूअर का थूथन । २ भुजा का आभू षरण, भुजबंध |
ई - देखो 'ई' |
बूझो ० १ माभूषण, जेवर २ सम्पत्ति, जायदाद ३ ककुद बेईपास देखो 'पद्मावत' । ।
डिल्ला ।
बेगड़ पु० सहारा।
घर - वि० [सं०] स्थूल] १ मोठा बड़ा २ हृष्ट-पुष्ट राक्षस, असुर ४ देखो 'थो'र'।
थूरणी (बौ) - क्रि० [सं० थुर्वणम् ] १ नाश करना, सर्वनाश करना । २ संहार करना, मारना । ३ ध्वस्त या तहस-नहस
करना ।
थूली - स्त्री० १ गेहूं का दलिया । २ इस दलिये का पकाया हुआ
खाद्य पदार्थ । देखो''। चूही देखो 'ई'। थूहो-देखो 'श्री' |
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पु० [सं०] १ देश सेमा, तंबू २ समूह ३ प्रसुर राक्षस ४ साधारणतया इन्द्रियों द्वारा प्रश करने योग्य पदार्थ । गोचर पदार्थ । ५ अन्नमय कोष । ६ पर्वत शिखर । ७ ईख ८ विष्णु। वि० १ जो यथेष्ट स्पष्ट हो । २ नष्ट होने वाला नाशवान । ३ मूर्ख, जड़ । ४ दृढ़, मजबूत । ५ मोटा, स्थूल सूक्ष्म का विपर्याय। ६ मोटा, पीन । 1७ विस्तृत अधिक ८ गाढ़ा मोटा । ९ सुस्त । १० असत्य झूठ । ११ रिक्त, खाली । स० [सं०] स्थूलनासिका ] सुधर कर
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सर्व० १ धाप, तुम
२ देखो 'थे' ३ देखो ''
थे- पु० १ ताल । २ संबोधन । ३ निवास । ४ देखो 'थें' । ५ देखो 'थे' ।
चूक पु० [सं० प्रकृतम्]] १ मुंह से निकलने वाला गाड़ा, बेगड़ो पु० १ कटि मेखला या हार में लगाया जाने वाल
लसीला पानी, नार २ बलगम, संखार, ष्ठीवन
चपटा फूल या चौकी । २ देखो 'थाग' ।
कणी (बी)- कि० [सं० [रकरणम्] १ मुंह से गाढ़ा लसोला पानी गिराना, चूकना २ बलगम निकालने के लिये खांस कर थूकना ।
बेगल, बेथली, बेगली स्त्री० फटे वस्त्र पर लगाई जाने वाली कारी, पैबंद ।
वेगा- पु० एक प्राचीन राजवंश
थेगो - पु० सहारा, आश्रय ।
थेध-पु० १ एक पर एक चुनने की क्रिया, तह, परत २ सहारा
आश्रय ।
थेघल, वेधली- देखो 'थेगल' ।
पेड़, बेब, ई-०१ ताल के बोल २ छोटे बच्चे के नृत्य व । खड़े होने की क्रिया या अवस्था ।
बेकार - go कत्थक नृत्य के बोलों का आधार ।
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थेच- ।
धूथरा, धूपणी पु० [सं० ४] १ सुधर यादि का लंबा मुंह देखो 'बेची' । तुण्ड न २ हाथियों का एक रोग
वि० [सं०] तुभ्यम] १ तुच्छ २ मूर्ख नासमझ ३ छोटे कानों वाला - पु० छोटे कानों वाला बकरा । म- देखो 'शुभ' |
पंपड़ी
थेचाकूटौ वि० मार खाने का प्रादी, पिटने का प्रादी, ढीठ । -पु० १ कुम्भकार का ब्रौजार विशेष २ परेशानी का कार्य ।
थेची - पु०
१ भैंस का एक बार किया गोवर २ किसी पदार्थ का लोंदा । ३ ढेर |
थेट - वि० १ निरा, निपट २ बिल्कुल, एकदम | ३ ममस्त, सब । ४ शुद्ध । ५ वास्तविक, सही । ६ देखो 'डेट' | थेट-लग क्रि० वि० १ अन्त तक । २ परंपरा से, सदा से । टू-क्रि० वि० १ प्रारंभ से, परंपरा से धनादिकाल से २ हमेशा से नित्य से वि० हमेशा निश्व पण बो० [सं० तेस्तीरणम् १ वा - क्रि० ] बाढ़े आधार पर छितराना, थोपना लेपन करना ।
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पदार्थ को किसी २ मल्हम प्रादि का
थेपड़-१ देखो 'थेपड़ी' । २ देखो 'थेपड़ी' । थेपड़की-देखो 'थेपड़ी' ।
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थेपड़ियो देखो 'वेपड़ी।
पड़ी स्त्री० ईंधन के लिये गोबर को थोप कर बनाई हुई मोल टिकिया, उपला ।