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नक्षत्रावळी
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----वीथि-स्त्री० शुक्रग्रह द्वारा क्रमशः तीन-तीन नक्षत्रों | नखतावळी-देखो 'नक्षत्रावळी' । को पार किये जाने वाले विभाग या मार्ग का नाम। नखतैत, नखतौ-वि० स० नक्षत्र-पत] मृनक्षत्र में जन्मा, बीथियां नौ है। .-व्यूह-पु० विशिष्ट प्राणियों और भाग्यशाली। पदार्थों के समूह का अधिपति नक्षत्र । ---व्रत-पू० किमी नखप्ती-देखो 'नक्षत्री'। विशिष्ट नक्षत्र के उद्देश्य से किया जाने वाला व्रत। | नखत्र-देखो 'नक्षत्र'। -गग - 'नक्षत्रगण'। -चक्र'नक्षत्र--संधि-स्त्री० पूर्व नक्षत्र मास में से उत्तर नक्षत्र मास में नक'। -प- 'नक्षत्रपति'। -माळ, माळा='नक्षत्रमाळा'। चंद्रादि ग्रहों का संक्रमण । -साधन-पु० नक्षत्र विशेष व --साधन= 'नक्षत्रसाधन'। -सूचक-- 'नक्षत्रसूचक' । ग्रह विशेष का समय जानने की विधि ।-सूचक, सूची-पु० नखत्रमरण-स्त्री० [सं० नक्षत्रमणि सूर्य । माधारण ज्ञान वाला ज्योतिषी। -सूळ-पु० यात्रा के नखत्रावळी-देखो 'नक्षत्रावळी' । लिये निषिद्ध माना जाने वाला योग।
नखत्री- देखो 'नक्षत्री'। नक्षत्रावळी-1बी० मं०] १ नक्षत्रों की पंक्ति, श्रेणी। मखत्रेस-देखो 'नक्षत्रेस'। २ मताईश मोतियों की माला ।
नखानवायो, नखन्यायो-वि० [सं० नम्व निर्वात] मामूली उष्ण, नक्षत्री-पु. [सं० नक्षत्रिन्] १ विष्ण। २ चन्द्रमा। -वि० ___ गुनगुना। भाग्यशाली।
नबिदु-पु० [सं०] नख पर बनाया जाने वाला चिह्न। नक्षत्र स. नक्षत्र स्वर-पु० [सं० नक्षा ? चन्द्रमा, नाद। नखर-पू० [सं०] १ नख, नाखून । २ पंजः ।
नखरादार (बाज)-वि० नखरे वाला। नक्सानवीस-देखो नकसान बीम' ।
नखराळ (ळो)-वि० (स्त्री० नखगळी) १ नखरे करने वाला, नक्सानवीसी-देखो 'नक सानवीमी' ।
नखरेदार । २ दैल-छवीला, शौकीन । ३ बदचलन । नख-T० [सं०] १ मनुष्य के हाथ-पावों की अगुलियों के शिगे। ४ नावन वाला। -पु० सिंह, चीता।
पर तथा कुछ प्राणियों के पजों पर बने नाखून । नावन। नखरेखा-स्त्री० [सं०] नाखून की खरोंच । नवक्षत । २ सीप या घोंघे आदि के मुखावरण का गन्ध द्रव्य । नखरेबाज-वि० [फा०] नखरे वाला, नखराला । ३ कुछ जातियों या वर्गों के वंश। ४ लाल रंग या वर्ण। | नखरेबाजी-स्त्री० [फा०] नखरा करने की क्रिया या भाव । ५ नाखून का घाव, खगेंच । ६ बीस की संख्या । नखरी-पु० [फा० नखर] १ बनावटी हाव-भाव व कियाय । ७ देखो 'नक्षत्र' ! -प्रावध='नखायुध' । -क्षत-पु० २ चंचलता, चुलबुलापन । ३ ऊपरी मन से किया गया नाचन को खरोंच। नख चिह्न। -घात-पु० नातून इन्कार । -वि० १ बुरा, अशुभ । २ खोटा। काटने का प्रौजार । नखाघात। -छोकरणी-स्त्री० नलियो, नखल्यो-पु० १ स्त्रियों के पांव की अंगुलियों का नखछिकनी।
आभूषगा विशेष । २ बढ़ई का एक औजार विशेष । नखचख-देखो नखसिख'।
३ सितार आदि बजाने के लिए अगुलियों में पहनने का नखचूटी-स्त्री० लोहे की बनी चिमटी (मेवात)।
उपकरण विशेष । ४ देखो नख' । नखच्छेद्य-स्त्री० [सं०] ७२ कलाओं में से एक ।
नखविस-पु० [सं० नवविध] १ जिसके नखों में विप हो । नखत-देखो 'नक्षत्र'। -चकर- 'नक्षत्रचक्र' । -जोग= 'नक्षत्र- २ नख की खरोंच से उत्पन्न होने वाला विष ।
योग' । ---जोणी='नक्षत्रयोनि'। -धारी='नक्षत्रधारी'। नखसिख-पु० [सं० नखशिख] १ पांव के नखों से चोटी तक
-दांन= 'नक्षत्रदान' । -नाथ- 'नक्षत्रनाथ' । -बीथी= के अंग । २ पैर से चोटी तक पहनने के वस्त्राभूषण । 'नक्षत्रवीथी'। -माळ, माळा='नक्षत्रमाळा'। --व्यूह= -वि० सब अंगों का। -क्रि०वि० सब अंगों से । 'नक्षत्रव्यूह'। -सूळ='नक्षत्रसूळ' ।
नखसी-देखो 'नकासी'। नखत-नांमी-वि० [सं० नक्षत्र-नामिन्] १ विशिष्ट नक्षत्र में जन्म नखहरणी-स्त्री० [सं०] नाखून काटने का औजार । लेने वाला । २ भाग्यशाली।
नखाघात-पु० [सं०] नख का क्षत, खरोंच, घाव । नखतर-देखो 'नक्षत्र'। -गण='नक्षत्रगरण'। -धारी-- नखाजुध-देखो 'नखायुध'।
'नक्षत्रधारी'। -पुरुस='नक्षत्रपुम्स'। -राज, राय= नखानुराग-स्त्री० [सं०] मेंहदी, महावर । 'नक्षत्रराज'।
नखायुध-पु० सं०] १ जिसके आयुध नख हों, सिंह आदि । नखतवंत-वि० [सं० नक्षत्र-वत्] भाग्यशाली ।
२ नख का शस्त्र । ३ मुर्गा । नयतसमाज-पु० [सं० नक्षत्र-समाज] चन्द्रमा।
। नखि-देखो 'नखी'।
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