Book Title: Rajasthani Hindi Sankshipta Shabdakosh Part 01
Author(s): Sitaram Lalas
Publisher: Rajasthan Prachyavidya Pratishthan

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Page 751
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir नाटकरणी ( ७४२ ) नायावत ९ स्वांग । १० ढोंग, पाखण्ड । -साळा-स्त्री० जहां पर | नातरिया-१ देखो 'नातरायत' । २ देखो 'चौरासिया' । नाटक की व्यवस्था होती है, नाट्यशाला । नातरूनातरौ-देखो 'नातो' । नाटकरणी, नाटकिणी-स्त्री० नाटक या अभिनय करने | नातालाग-पु० विधवा विवाह पर लिया जाने वाला कर। वाली स्त्री। नाती-वि० [सं० ज्ञाती] १ संबंधी, रिश्तेदार । २ जाति का, नाटकी-वि० नाटक करने वाला, नाटक करके जीवन यापन न्यात का। करने वाला । नातेदार-बि० १ रिश्तेदार, संबंधी। २ पुनर्विवाह करने वाली नाटणी (बौ)-१ देखो 'नटणौ' (बी) । २ देखो 'नाटणौ' (बौ)। जाति का। नाटरंभ-देखो 'नाटारंभ' । नाटवसत-स्त्री० एक राग विशेप । नातेलौ-देखो 'नाती'। नाटवाळ-वि० [देश॰] कृपण, कंजूस, सूम । नाती, नात्र, नात्री-पु० [सं० ज्ञाति] ? संबंध, रिश्ता । नाटसल, (सल्ल, साळ)-वि० [सं० नृष्टि-शल्य] १ खटकने व | । २ घनिष्ठता । ३ विधवा स्त्री द्वारा किसी पुरुष से पति के चुभने वाला । २ वीर, योद्धा । ३ बलवान, शक्तिशाली । रूप में किया जाने वाला संबंध, रिश्ता । ४ उक्त कार्य पर -पु० भय, प्रातक। लगने वाला सरकारी कर। नाटार भ, नाटारंभि-वि० [सं० नाट्य-प्रारंभ] नृत्य, नाच। नाथ-पु० [सं०] १ श्रीकृष्ण, गोपाल । २ विष्णु । ३ ईश्वर । नाटी-बि० १ जबरदस्त, बलवान । २ छोटे कद की। -पु० एक | ४ स्वामी, प्रभु, मालिक । ५ पति। ६ रक्षक, संरक्षक । प्रकार का वस्त्र । ७ नेता । ८ पथ प्रदर्शक । ९ राजा। १० मत्स्येंद्रनाथ नाटेसर-पु० [सं० नटेश्वर] १ विष्णु । २ श्रीकृष्ण । ३ ईश्वर ।। द्वारा प्रवर्तित सम्प्रदाय । ११ इस सम्प्रदाय का साधु । ४ नृत्य करने वाला, नर्तक । ५ देखो 'नटेस्वर'। १२ संन्यासी, योगी। १३ एक जाति । १४ इस जाति का नाटौ-वि० [सं०नत] (स्त्री०नाटी) छोटे कद का, ठिगना । बौना।। व्यक्ति । -स्त्री० १५ बैल आदि के नाक में डाली जाने नाटय-पु० [सं०] १ नाटक, अभिनय । २ नटों का कार्य । वाली रस्सी, नकेल । १६ धुरी में पहिया डाल कर गाड़ी ३ नाच, संगीत । ४ चौसठ कलाओं में से एक । लगाई जाने वाली कील । १७ नौ की संख्या * । देखो -अलकार-पु० नाटक का सौन्दर्य बढ़ाने वाला 'नथ'। -अनाथ-पु. अशरण-शरण, ईश्वर । -कढ़ीअलंकार। पु०नाथ निकाला हा बैल आदि। -चिड़िया='चिड़ियानाथ' नाठक-देखो 'नाटक' । -पूत-पु० कामदेव, मदन । -वाळ-वि० नाथ डाला नाठणो, (बो)-देखो 'न्हाठणौ' (बी)। हुअा। अधीन, वशवर्ती। -हर-पु. वृषभ, बैल । हैवान । नाड, नाडकियो, नाडको-देखो 'नाडौं' । नाडकी-देखो 'नाडी'। नाथक-पु० [सं०] स्वामी, राजा। नाडणौ, (बो)-देखो 'नड़णो' (बौ)। नाथरण-वि० १ नाथ डालने वाला। २ वश में करने वाला। नाडिका-स्त्री० एक घड़ी। एक घड़ी का समय । -काळी-पु० श्रीकृष्ण। नाडियो-देखो 'नाडौ। | नाथरणी (बौ)-क्रि० [सं० नाथ्] १ बैल आदि के नाक में नाडी-स्त्री० १ तालाब, जलाशय । २ देखो 'नाड़ी' । छेद कर रस्सी डाल देना। २ काबू में करना, वश में -रोड़='नाड़ीतोड़। करना। ३ किसी वस्तु को छेदकर डोरा डालना। नाडूलो नाडोलो-देखो 'नाडो'। ४ पिरोना, पोना । ५ उद्दण्ड व बदमाशों को सीधा नाडौ-पु. [देश॰] १ छोटा तालाब, पोखर। २ पानी से करना। भरा खड़ा । नाणी (बी)-देखो 'न्हाणी' (बी)। नाथता, नाथत्व-पु० [सं०] प्रभुता, स्वामित्व । नात-देखो 'न्यात'। नाथदवारौ (दुवारी, दूवारी, द्वारौ)-पु० [सं० नाथ-द्वार] नातणी-पु० पानी छानने का वस्त्र, रूमाल, गमछा । उदयपुर के पास, बनास नदी पर बना श्रीनाथजी का एक नातर-पु० [देश॰] रक्त प्रदर। प्रसिद्ध मंदिर । नातरउ-देखो 'नातौ'। नाथावत-पु० [सं० नाथ-पुत्र] १ सोलंकी वंश की एक शाखा नातरायत-स्त्री० १ वह जाति जिसमें स्त्रियों के पुनर्विवाह की व इसका व्यक्ति । २ कछवाहा वंग की एक शाखा व प्रथा हो । २ पुनविवाह करने वाली स्त्री। इसका व्यक्ति । For Private And Personal Use Only

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