Book Title: Rajasthani Hindi Sankshipta Shabdakosh Part 01
Author(s): Sitaram Lalas
Publisher: Rajasthan Prachyavidya Pratishthan

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Page 737
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra नय -पट 'नयनपट' | नयरी - स्त्री० प्रांख की पुतली । नयौ - देखो 'नयन' । नयन, www.kobatirth.org नय पु० [सं०] १ नीति, राजनीति । २ दूरदर्शिता, विवेक । ३ न्याय नीति विद्या । ४ व्यवहार, बर्ताव । ५ समानता । ६ विधि | ७ तौर तरीका ८ मार्ग, राह । ९ मत राय । १० दार्शनिक सिद्धांत विशेष । ११ देखो 'नदी' । १२ देखी 'नै'। नयड़ौ, नयडड, नयडौ, नयडौ- देखो 'निकट' । (स्त्री० नयड़ी ) नयरण, नयरगड़ी- देखो 'नयन' | गोवर 'नवनगोचर ( ७२८ ) नमनड़ी- पु० [सं०] १ ग्रांख, नेत्र, चक्षु । २ नेत्र ज्योति, दृष्टि | -- गोचर - वि० आंख के सामने, सम्मुख । -पटपु० प्रांख की पलक । नयरी- १ देखो 'नगर' २ देखो 'नयर' | 1 नयर (रि) - वि० [सं० निकट ] (स्त्री० नयरी) नजदीक, पास, समीप । पू० १ श्रार्या गीति या स्कंध का एक भेद । २ देखो 'नगर' | नरक, नरकां० [सं० नरकः, नरकम् ] १ शास्त्र, पुराणानुसार यह स्थान वा लोक जहां पापी जीवात्मायों को अपने दुष्कमों की सजा भुगतनी होती है। दोजख २ अत्यधिक । Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir पीड़ा या कष्टदायक स्थान । ३ बहुत गंदा स्थान ४ मल । एक असुर का नाम गति स्त्री० नरक भोगने की दशा - गांगी-वि० नरक में जाने योग्य । चतुरदसी, स्त्री० कार्तिक शुक्ल चतुर्दशी। नरकांतकत पु० [सं० नरकांतकृत ] श्रीकृष्ण । नरकार- देखो 'निराकार' | नरकासुर १० [सं०] पृथ्वी के गर्भ से उत्पन्न एक मुर नरकुटक - ० [सं०] नटकम् ] नाक, नासिका । नरकेसरी - ० [२०] १ सिंह भगवान वाली पापात्मा । नरख देखो 'निरख' । (यो) देवी 'निरखगी' (ब)। नरखयकार - पु० | सं० नरक्षयकर] असुर, दैत्य, राक्षस । नरग- देखो 'नरक' । नरतू २ नरक में गिरने नरगरण - पू० | सं०] फलित ज्योतिष में नक्षत्रों का एक गण । नरगत-१०] [40] मति] १ मनुष्य योनि २ मनुष्य की पाव ढाल. रंग-ढंग । नरगस - देखो 'नरगिस' । नरवियो कोट पु० नाम का खेल विशेष नरगिस पु० [फा०] १ एक पौधा विशेष । २ इस पौधे के सफेद फूल । नरगी - पु० [देश० ] एक प्रकार का वाद्य । नरड़ियाँ, नरौ पु० [देश०] चमड़े या मून की रस्सी नरव० [सं०] नर] सूर्य सिद्धान्त के अनुसार एक प्रकार का शंकु यंत्र । नयसील - वि० [सं० नयशील ] १ विनीत, नम्र । २ नीतिज्ञ । नवसेव - १० [सं०]] वीर नयो-देखो 'नवौ' । नरय-स्त्री० [सं० नरांग] १ नारी स्त्री २ पुरुषका नरंजरण- देखो 'निरजन' । नरजरणी-देखो 'निरंजनी' । नरंद- देखो 'नरेंद्र' । नरम- देखा 'नरम' । 7 डोली । [देश०] खपल की छाजन को रखने वाली थामे लड़ी। नरझर - देखो 'निरभर' । नरज - पु० [देश०] १ बड़ा राजु २ चन्द्रमा, चांद नर-पु० [सं०] [स्त्री० नारी) पुरुष व्यक्ति दम नरजानपु० [सं० [नरन्यान पाली १ २ प्रत्येक जाति के प्राणियों में पुंसत्व गुण व विद्वानर-पु० वाला प्राणी । ३ साहम, पौरूष व बल वाला व्यक्ति, प्राणी । ४ विष्णु। ५ शिव, महादेव । ६ अर्जुन, पार्थ । ७ ईश्वर के अंशावतार नारायण के भाई एक ऋषि । ८ राजा सुवृति के पुत्र का नाम । ९ गय राक्षस के पुत्र का नाम । १० सेवक, दास | ११ जल, पानी । १२ एक राजपूत वंश । १३ दोहा छंद का एक भेद । १४ छप्पय छंद का एक भेद विशेष । १५ प्रार्या गीति या स्कंध का एक भेद । १६ नौवत आदि वाद्य का भारी प्रावाज वाला भाग । वि० १ मादा का विपर्याय, पुंसत्व गुण वाला । २ वीर योद्धा । - श्रासरण-पु० पालकी, डोली । -इंद्र = 'नरेंद्र' | नरजक - पु० [सं० निर्णेजक ] रंगरेज । नरणी-देखो 'निरणों'। नरत - देखो 'निरत' 1 " नरतात १० [सं०] राजा नृपति । नरति स्त्री० [सं० निरुक्तिः] मुधि, खबर । नरतं वि० हल्का छोटा। For Private And Personal Use Only नरतक- पु० [सं० नर्तक ] ( स्त्री० नरतकी) १ नाचने वाला । २ नट । ३ शिव, महादेव । ४ हाथी । ५ राजा । ६ मयूर । नरतकी स्त्री० [सं० नर्तकी नरतन- पु० [सं० न] २ मानवदेह नाचघर । ] नाचने वाली, वेश्या, रंडी । १ नृत्य नाथ [सं० नर-तन] -साळ, साळा स्त्री० नृत्यशाला,

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