Book Title: Rajasthani Hindi Sankshipta Shabdakosh Part 01
Author(s): Sitaram Lalas
Publisher: Rajasthan Prachyavidya Pratishthan

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Page 732
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir नखितंत नवर नखितैत-देखो 'नखतंत' । पु० गुजरात का एक तीर्थ । --लाइका, नायका, नायिका, नखित्र-देखो 'नक्षत्र'। -माळ, माळा='नक्षत्रमाळा । नारी-स्त्री० नगरवधु, वेगा, रही, गरिमका । ---पाळ पु. नखिद-पु० [सं० निषिद्ध] १ वजित कार्य, रोक । २ बुरा कार्य । शहर का रक्षक, कोतवाल । —मारग-१० शहर का ___-वि० १ बजित, रोक लगा हुआ । २ बुरा । राजपथ । -सेठ-पु० नगर का सबसे बड़ा मेठ । राजाओं नखी-वि० [सं० नखिन् ] नखोवाला, नाखून युक्त।-पु० १ निह, ! द्वारा दी जाने वाली उपाधि, ऐमी उपाधि प्राप्त व्यक्ति। चीता । २ नख नामक गंध द्रव्य । नगराध्यक्ष-पु० [सं० नगर-अध्यक्ष] किसी शहर का प्रभारी नखीयुध-देखो 'नखायुध' । अधिकारी, नगर का स्वामी। नखीर-देखो 'नकसीर' । नगरि, नगरी (रू, रौ)-देखा 'नगर' । नखेद नखेध-वि० [सं० न खद| १ जिसे खेद न हो, दुःख रहित, नगवार-पु. १ मकान बनाने के लिये विशेष अवसर पर रखा विरक्त । प्रसन्न । २ बेशर्म, शरारती । ३ कुल्टा। ४ मुर्ख । । जाने वाला प्राधार का पत्थर । -० [सं० निषेध] १ वजन, मनाई, रोक । २ अस्वीकति, गांपति-यो नगति' । इन्कार । ३ निषेधवाची नियम । ४ नियम का अपवाद । | नगाडो-देखा 'नगारो'। -स्त्री० ५ मतक के पीछे संवेदना प्रगट करने की क्रिया नगारखांनी-पु. [फा० नक्कार-खांना] १ नगाड़े रखने का या भाव । स्थान । २ नगाड़े बजाने का स्थान । नखेर-देखो 'नकमोर'। नगारची-पु० [फा० ननकारची] १ राजाओं व सामन्तों के द्वार नखें नख-देखो नक। पर नगाड़े बजाने वाला व्यक्ति। २ उक्त कार्य करने वाला नख्ख-देखो 'नख' । वर्ग, जाति। नख्यत-देखो 'नक्षत्र'। नगारबंद (ध), नगाराबद (बंध) नगारिय-पु. १ राजा या नग-पु० [सं०] १ पर्वत, पहाड़ । २ चरण, पैर । ३ वृक्ष, पेड़। सामंत जिनके द्वार पर नगाड़े बजते हों। २ उक्त प्रकार ४ पुत्र (व्यंग) । ५ सतान, प्रौलाद । ६ मोती। ७ रत्न, का अधिकार प्राप्त वीर । जवाहर । ८ नगीना । ९ इकाई, संख्या। १० अदद । नगारी-स्त्री० १ छोटा नगाड़ा। २ देखो 'नगारची'।। ११ पौध। । १२ सांप । १३ सूर्य । १४ नागौर शहर का नगारो--० [फा० नक्कार] बायें तबले के प्राकार का एक नाम । १५ मात की संख्या*:-बि० अचल, स्थिर । -ज- बड़ा वाद्य । पु० हाथीगज। -जा-स्त्री. पावतो । नेदो। -धर-पु.नगीन-पु. १ प्रवाल, मूगा। २ देखो 'नग'। -वि० श्रेष्ठ, श्रीकृष्ण, हनुमान, गरुड़। -नदनी-स्त्री० पार्वती। उत्तम । गंगा नदी। -नायक-पृ०-पर्वतों का नेता हिमालय। नगीनासाज-पुल का० नगीना-साज] नगीना बनाने वाला या कैलाश पर्वत । --- पति-प. पर्वतराज हिमालय, चन्द्रमा। जड़ने वाला कारीगर । शिव, सुमेरू। ---भिद-पु० पवंत भेदने वाला इन्द्र । | नगीनो-पृ० [फा० नगीनः] १ रत्न, जगहरात। २ राजस्थान नगटाई- देखो 'नकटाई'। का शहर, नागार। नगटो- देखो 'नकटौ' । नगेंद्र-पु० [सं०] पर्वतराज हिमालय । नगण-पु० [सं०] तीन लघु मात्रा का एक गण । नगेम-वि० [स० निस्-गमः] निष्पाप, निष्कलंक । नगणी-स्त्री० एक छंद विशेष । नगेस-पु० [सं० नग-ईश पर्वतों का स्वामी, हिमालय । नगदंती-स्त्री० [सं०] विभीषगा की स्त्री का नाम । नगोड़ो (डौ)-वि० [सं० नक] (स्त्री० नगोड़ी, नगोडी) मगद-पु० [अ० नकद] १ सिबके व मुद्रा के रूप में धन । मुद्रा। । निर्लज्ज, बेशर्म । २ दुराग्रही, हठी। ३ निकम्मा, बेकार । २ सौदा लेते समय किया जाने वाला भुगतान, रोकड़। ४ कम्बख्त, नीच । ४ हतभाग्य । -वि० १ तैयार, भुगतान के लिये प्रस्तुत । २ वर्तमान, नमोदर ( रु, रू)-देखो 'निगोदर'। मौजूद । ३ खास। नगोरो- देखो 'नगारो'। नगर- १ देखो 'लग्न' । २ देखो 'नागौ' । ३ देखी 'नगा'। नगर-देवो 'नगर'। नगमिणप्रभा-पु० [सं० नगमणिप्रभा] सुमेरू पर्वत । नग्गी, नग्न-देखो 'नागौ' । नगरंधकर-पु० [सं०] कात्तिकेय । नन, नग्री-देखो 'नगर'। ..-सेठ ='नगरसेठ' । नगर-पु० [सं०] शहर, कस्बा। -कीरतन-पु० नगर में फिर- नग्रोध-देखो 'न्यग्रोध' । फिर कर किया जाने वाला ईश्वर का कीर्तन। -तीरथ- नधर-पु. देश० बैल की नाथ । For Private And Personal Use Only

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