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दातारणी
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( १४५ )
दातारगी दातारी - स्त्री० [सं०] दातृ] उदारता, दानशीलता। दाता - देखो 'दातार' |
दातावरी वि० [सं० दाणी] देने वाली उदारहृदया। -स्त्री० दानशीलता ।
० पागल ।
इन्साफ ।
दादनी- पु० [फा० दादन] देने योग्य ।
दादर, बावरियो पु० १ एक प्रकार का वाच २ देखो 'दादुर' दादरी- पु० १ संगीत में एक ताल, इक ताला । २ देखो 'दादुर' । दादण दादाणी-५०१ दादा का घर, गांव या प्रदेश । २ पिता का ननिहाल । दाबाई - स्त्री० ० उद्दण्डता । वि० दादा के वंश का । दादागिरी - स्त्री० बदमाशी, जोरावरी, उद्दण्डता । दादागुर, दादागुरु, दादागुरू - पु० गुरु का गुरु । दादाभाई पु० बड़ा भाई
दादारंग - वि०
दाति-पु० दान ।
दातिब - पु० [सं० दातव्य ] १ दान, पुण्य । २ देने योग्य पदार्थं । दाती - १ देखो 'दाति' । २ देखो 'दात' । ३ देखो 'दाती' । वातुम देखो 'दांतरण'।
दाती - पु० [सं० दात्र] हसिया ।
दात्र स्त्री० [सं० दातृ, दात्रं ] १ देने वाली । २ हंसिया । दाडियाळ दाचिड़ियाळ, दात्रीड़ीयाळ, दात्रीयाळ ५० [सं० दात्र पाल ] १ सूअर, वराह । २ वराहावतार । दात - पु० [सं० दद्र ] एक चर्म रोग विशेष । स्त्री० [फा०] १ तारीफ, प्रशंसा, वाहवाही २ धन्यवाद ३ग्याय दाधौ राज्यो-वि० दु:खी, संतप्त दग्ध । । बाप पु० [सं०] द्राव] १ वेग २ देखो 'द'।
। ।
।
दादि-१ देखो 'दाद' । २ देखो 'दादी' । दादी स्त्री० पिता की माता सासू-स्त्री० सासु की मासु -सुसरी- पु० श्वसुर का पिता । दरबारियो, दादुरी० [सं० ददुर]
१ मेंढक । २ बादल । ३ शहनाई । ४ पर्वत । ५ दक्षिण भारत का एक पर्वत । वाजउ, वाजी- पु० एक प्रकार का वाद्य विशेष |
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दाध- १ देखो 'दाद' । २ देखो 'दाह' । ३ देखो 'दाघ' । दाजोग - ५० बार तिथि संबंधी पांच योगों में से दूसरा योग 1 दाधरण (बौ) - क्रि० [सं० दग्ध] १ नष्ट होना । २ भस्म होना ।
३ जलना । ४ दग्ध होना, विकृत होना । ५ पीड़ित होना, संतप्त होना । ६ जलाना, भस्म करना । ७ दग्ध करना ८ पीड़ित करना, संतप्त करना । ९ अधिकार करना,
दावी- पु० १ पिता का पिता, दादा, पितामह। २ बड़े भाई का सम्बोधन । ३ वृद्ध पुरुष का सम्बोधन । ४ दादागिरी करने वाला | ५ पण्डित, ब्राह्मण।
दावणी
कब्जा करना ।
दाल- ० संताप कष्ट
दाधावडी पु० एक प्रकार का खाद्य पदार्थ ।
दाचि पु० [सं० दाधीच ] १ एक राजपूत वंश २ एक ब्राह्मण वर्ग ।
दाधीच (चि, ची) - पु० [सं० दधिची] दधिची ऋषि की संतान, एक ब्राह्मण वर्गं ।
दापक - पु० [सं० दर्पक] १ कामदेव । २ दबाने वाला । दापड़ - देखो 'दाफड़' ।
दापटणी (बौ) - क्रि० [सं० दाप्] १ संहार करना, मारना । २ देखो'' (बी) ।
दापणी (बी) क्रि० [सं० दापू] १ संहार करना। २ दवाना
दाबना ।
दापिक- पु० एक राजवंश ।
दापो पु० १ मांगलिक अवसरों पर ब्राह्मणों को बांटा जाने
वाला द्रव्य । २ कन्या के पिता द्वारा वर के पिता को दिया जाने वाला द्रव्य ।
दाफड़ - पु० मच्छर प्रादि के काटने से शरीर पर उभरने वाला
चकता ।
(स्वी० दादुरी) | बाब स्त्री० [१] दबने दबाने की क्रिया या भाव। २ दबाव,
,
एक
बोझ, भार । ३ जकड़न । ४ घास का चौकोर ढेर । ५ बगल कांख । ६ शक्कर और घी का मिश्रण, पथ्य । ७ कलेजे का मांस, कलेजी ८ शराब पीने का प्याला, जाम ।
बात- पु० १ श्रीदादूदयाल । २ दादूपंथी ।
।
दादूदयाल - पु० ० प्रकरकालीन एक प्रसिद्ध निर्गुणी साधु दाबड़ियाँ पु० सिचाई के पानी की नाली के मुंह पर लगाया महात्मा । जाने वाला घास फूस, मिट्टी आदि । दाद्वारी ५० दादूपंथी महात्मायों का निवास स्थान दादूपंथ पु० श्रीदादूदयाल द्वारा चलाया गया सम्प्रदाय । बाबूची ० उक्त सम्प्रदाय का धनुवायी। दादेरी-देखो 'दादां' |
दावड़ी, यावर ० १ कपूर आदि रखने की दिविया २ देखी 'डावड़ी' |
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दाबरणौ (बी) - क्रि० [सं० दमन] १ दबाना, दबाकर रखना ।
२ बोझ भार रखना । ३ प्राचरण व बोलने की स्वतंत्रता न रहने देना । ४ किसी कार्य के लिए मजबूर या विवश करना । ५ विशेष गुण या प्रभाव के कारण तुलना में मंद, फीका या बेअसर कर देना । ६ नीचा दिखाना, मात देना ।