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मंग
११ नीयत, उद्देश्य । १२ दृष्टि दोष, कुदृष्टि । -गोचर- | दिव-१ देखो 'द्रव्य' । २ देखो 'द्रव' । पु० देखने लायक । जो देखा जा सके, दिखने वाला। द्रिस्टद्य मन, द्रिस्टद्य मनि-देखो 'ध्रस्टद्युम्न' । ---फळ-पु० ग्रहों का प्रभाव । —मान-वि० अखि बाला । | द्रिस्टांत-देखो 'द्रस्टांत' । दृष्टि वाला । ---वंत-वि० दृष्टा । जानी। सूझवाला । | द्रिस्टि बंध विद्या-स्त्री० [सं० दष्टि बंध-विद्या] नजर बंदी नजर वाला। -वाद-पु०प्रत्यक्ष प्रमाग की प्राधनता वाला | की विद्या । सिद्धान्त । जैनियों के बारह अंगों में से एक । -स्थान-पु० । द्रिस्टियुद्ध-पु० [सं० दृष्टियुद्ध] ७२ कलाओं में से एक । ज्योतिष में कुडली का एक स्थान ।
द्रिस्टिसूळ-पु० [सं० दृष्टिशूल ] नेत्रों का एक रोग । द्रह-पू० [सं० हृद] १ गहरे जल वाला स्थान, दह । २ नदी द्रिस्य-वि० [सं० दृश्य ] १ देखने लायक, देखने योग्य । २ दिखने
या जलाशय का मध्य भाग । ३ नदी के बीच गहरा गड्ढा । वाला, जो सहज ही दिखाई दे। ३ जानने योग्य, जय । ४ ताल, झील, ह्रद।
४ सुन्दर, मनोहर । -पु० १ देखी जाने वाली वस्तु । द्रहद्रहणी (बी)-क्रि० वाद्य का बजना, ध्वनि होना ।
२ दिखने वाला वातावरण । ३ प्राकृतिक सौन्दर्य का स्थल द्रहदहवार-स्त्री० [सं० जयद्रथ वेला] संध्या काल ।
४ मनोरंजक व्यापार, तमागा। ५ नाटक आदि का कोई द्रहब्रहणौ (बी)-क्रि० वाद्य ध्वनि होना, बजना ।
दृश्य । ६ ज्ञात या दी गई संख्या । द्रदद्रहाट (टि)-स्त्री० वाद्य ध्वनि ।
विहंग विहंगसि-स्त्री० ढोल की आवाज । द्रदबट (बट्टां), द्रहबाट, द्रहवट, (वाट)-वि० १ पराजित । द्रीयौ-पृ० ऊंट को पुकारने संबंधी शब्द । २ तितर-बितर । ३ देखो 'दहवाट'।
द्रीवछड़-स्त्री० ढोल आदि की अावाज । द्राक-अव्य० [सं० द्राक्] १ शीघ्र, तुरंत । २ देखो 'दाख' । द्रोह-स्त्री० व द्यों की भयंकर ध्वनि । द्राक्ष, द्राक्षा, द्राख-देखो 'दाख' ।
द्रुग-देखो 'दुरग'। द्राखरणी (बी)-देखो 'दाखणौ' (बौ)।
द्रु-पु० [सं०] १ वृक्ष, पेड़। २ वृक्ष की शाखा । ३ लकड़ी। द्रागड़ी-पु० चोरी या डाका डालने वाला, मीरगानों का दल । ४ लकडी का उपकरण । द्राव-पु० [सं० द्रावः] १ पलायन, प्रस्थान । २ दौड़-भाग। द्रघण-पु० [सं०] १ लोहे का मुग्दर । २ परशु या फरशे ३ देखो 'ध्राव' ।
के आकार का एक शस्त्र । ३ कुठार, कुल्हाड़ी । द्रावक-वि० [सं०] (स्त्री० द्रावकी) १ द्रव रूप में करने वाला। ४ देखो 'दुहिग'।
२ पिघलाने या गलाने वाला । ३ बहाने वाला। ४ लंपट, द्रण, छ रणा, द्र रिण (णी)-पु० [सं० द्रुगं] १ धनुष, कमान । लवार । -पु० १ चन्द्रकान्त मरिण । २ तरल रूप करने २ खङ्ग । ३ बिच्छु । ४ भृगी कीट । ५ धनुष की डोरी। वाला पदार्थ । ३ चोर । ४ चतुर व्यक्ति । ५ सुहागा। ६ करवी। ७ बाल्टी । ८ डोल । 8 कनखजुरा । ६ चुम्बक पत्थर । ७ मोम ।
१० कांतर। द्रावड़, (ड) -देखो 'द्राविड़' ।
द्रत द्रति (ती)-वि० [सं०] १ वेगवान, तेज, फुर्तीला । २ शीघ्रद्रावरण-पु० [सं०] १ भगाने का कार्य । २ द्रवीभूत करने का गामी । ३ भागा हुआ । ४ द्रवीभूत । ५ तरल । ६ बहा
काम । ३ कामदेव के पांच बाणों में से एक । ४ पिघलाने हुआ। -क्रि० वि० जल्दी, तुरन्त, शीघ्र । तेजी से। -पु. का कार्य ।
१ कुछ तेज गति, लय । २ ताल की एक मात्रा का प्राधा। द्राविड़-पु० [सं०] १ द्रविड़ देश का वासी । २ द्रविड़ देश । ३ हल्की शराब । ४ बिच्छू । ५ वृक्ष, पेड़। ६ बिल्ली । द्राविड़गौड़-पु० [सं०] एक राग विशेष ।
---गति-स्त्री० तेजचाल । -वि० शीघ्रगामी। ---गांमीद्राविड़ी-स्त्री० [सं०] १ छोटी इलायची । २ द्रविड़ स्त्री।
वि० शीघ्रगामी । –रासी-स्त्री० घटिया शराब । -वि० द्रविड़ सबंधी।
-विलंबित-पु० एक वर्ण वृत्त । एक ताल विशेष । द्रासक-देखो 'दहसत'।
द्रपद-पु० [सं०] १ उत्तर पांचाल का राजा। २ एक राग । दिग,द्रिगन-स्त्री०१ बहत्तर कलायों में से एक । २ देखो 'द्रग'। ३ देखो 'ध्र पद। दिगपाळ-देखो 'दिग्पाल'।
द्रपदी-स्त्री०१ एक मात्रिक छंद विशेष । २ पांडवों की धर्मपत्नी द्रिठ, Fिठी-देखो 'द्रस्टि' ।
द्रौपदी । द्रिढ़-देखो 'द्रढ़'।
द्र मंडळ (ळि)-देखो 'घ्र वमंडल' । द्रिढ़ता-देखो 'द्रढ़ता' ।
द्र मंग, द्रम-पु० [संन्द्र म] १ वृक्ष,पेड़ । २ स्वर्ग का एक बृक्ष । द्रियाव-देखो 'दरियाव' ।
-पत, पति-पु० कल्पवृक्ष । --पाळ- पृ० पर्वत, पहाड़।
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