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धरम देवी
धरायब
-बीर-वि. धार्मिक विषयों में साहसी। -व्याध-पु० धरमी-वि० [सं० धम्मिन्] १ धर्मात्मा, पुण्यात्मा । २ किसी मिथिला निवासी एक तत्वज्ञानी व्याध । -व्याह= | धर्म या गुण से युक्त । ३ धर्म को मानने वाला। -पु. 'धरमविवाह'। -व्रता-स्त्री० मरीचि ऋषि की पत्नी। १ विष्णु । २ यम। ३ युधिष्ठिर । ४ धर्म का प्राश्रय । -सभा-स्त्री० न्यायालय । धार्मिक कार्यों के लिये । ५ धर्म पर दृढ़ व्यक्ति। आयोजित सभा, बैठक । –साळा-स्त्री० यात्रियों की धरमुरळी-देखो 'मुरळीधर'। सुविधा के लिये स्थान-स्थान पर बने भवन । दान पुण्य के धरमेलौ-पु० धर्म के आधार पर बना पारिवारिक संबंध । लिये चलाया गया सत्र। -सावरणी-पु० ग्यारहवां मनु । धरमोपदेस-पु० [सं० धर्मोपदेश] १ धर्म का उपदेश, धर्म -सासतर, सास्त्र-पु० नीति, प्राचार, सदाचार के नियमों |
सिद्धान्तों की व्याख्या। २ धर्मशास्त्र ।
जानी का ग्रंथ। --सास्त्री-वि० धर्मशास्त्र का ज्ञाता, पंडित ।
धरम्म-देखो धरम'। -सभा : 'धरमसभा'। --सीळ-वि० धर्माचरण करने वाला। -सुभाव-पु० जम्माधिकMART-टेखो परमाधिकाशिकमभा'। तालाब । सरोवर।
धरम्माधिकरणा (गरणा)-देखो 'धरमाधिकर रिणक' । धरमणदेवी- स्त्री० चारण कुलोत्पन्न एक देवी।
धरम्मी-देखो 'धरमी'। धरमांग-पु० [सं० धर्मांग] बगुला । सारस ।
धरर-स्त्री० यन्त्र आदि के चलने की ध्वनि । धरमातमा, धरमात्मा-वि० [सं० धर्मात्मा] धर्म पर दृढ़ रहने | धररा'ट-पु० १ धर-धर् ध्वनि । २ कंपन, थर्राहट । वाला । धर्म के अनुसार प्राचरण करने वाला।
धरवजर-पु० [सं० वज्र-धर] इन्द्र, देवराज । घरमादे (द)-क्रि० वि० धर्म हेतु, धर्म के नाम पर, परोपकार धरवणी (बी)-वि० [सं० ] १ तृप्त करना, अगाना । निमित्त ।
२ पीटना, मारना । ३ रखना । ४ धर-धर ध्वनि करना। घरमादौ-पु० [सं० धर्म] धर्म. पुण्य, दान । -खाती-पु० दान | ५ देखो 'धरणो' (बौ)।
पुण्य में व्यय हेतु निर्धारित रकम । दान पुण्य में खर्च का धरवर-पु० [सं० धरा-वर राजा, नृप । लेखा-जोखा ।
धरवारणी (बो)-कि० तृप्त कराना, अवकाना । २ पिटवाना, धरमाधिक, धरमाधिकरणिक-पु० [सं० धर्माधिकारणक] __ मरवाना। ३ रखवाना । ४ धर-धर ध्वनि कराना।
१ न्यायाधीश । २ न्यायालय, कचहरी। -सभा-स्त्री० ५ दे।। 'धागो' (बौ)। न्यायाधीशों की सभा। धार्मिकों की सभा।
धरसंडौ-देखो ‘धरसूडौ' । धरमाधिकारी-पु० . [स० धर्माधिकारी] १ न्यायाधिकारी। धरसरण (णी)-स्त्री० [सं० धषिणी] १ दुश्चरित्रा, दुष्टा स्त्री।
२ पुण्य खाते का प्रबन्धक । ३ धर्म गज। ४ धर्म की २ वेश्या, रण्डी। व्यवस्था के लिए अधिकृत व्यक्ति ।
धरसधर-पु० [सं० धराधर] पर्वत, पहाड़। धरमाधिगरण-देखो 'धरमाधिकरणिक' ।
धरसुता-स्त्री० [सं० धरा-सुता] सीता । घरमारण-पु० [सं० धर्मारण्य] १ तपोवन । २ गया के अन्तर्गत धरसूडो-पु० बैलगाड़ी का अग्र भाग जो नीचे झुका रहता है। एक तीर्थ । ३ ऋषि आश्रम । ४ पुराणानुसार एक धरह
पर धरहड़णौ (बी), धरहडपो (बौ)-क्रि० १ थर्राना, कांपना।
२ ध्वनि करते हुए हिलना । ३ देखो 'धरहरणो' (बो)।
| धरहर-स्त्री० ध्वनि विशेष । धरमारय-वि० [सं० धर्मार्थ] धर्म के निमित्त, परोपकार
धरहरणौ (बौ)-क्रि० १ बरसना। २ जल प्लावित होना । के लिये।
३ गर्जना । ४ तोप आदि का छूटना ध्वनि करना। धरमावतार-पु० [सं० धर्मावतार] १ धर्मराज का अवतार
५ धड़-धड़ शब्द होना । ६ नगाड़े का बजना । २ युधिष्ठिर । ३ न्यायाधीश। ४ धर्म के मामले में निर्णय
७ देखो धड़हड़णी (बौ) ।। देने वाला अधिकृत व्यक्ति ।
धरांपती-देखो 'धरापति'। धरमासन-पू० [सं० धर्मासन] न्याय का सिंहासन, न्यायाधीश
धरा-स्त्री० [सं०] १ पृथ्वी, भूमि । २ जमीन, भू-भाग । की कुर्सी।
३ मंसार, दुनिया । ४ राज्य, जागीर । ५. गर्भाशय । धरमास्तिकाय-पु० [सं० धर्मास्तिकाय] गति परिणाम वाले । ६ योनि । ७ एक वर्ण बत्त । ---प्रात्मज-पृ० मंगल ग्रह । जीव (जैन)।
-तळ-पु० पृथ्वी की सतह । गतह । लंबा-चौदाई का धरमियौवीर-देखो 'धरमभाई' ।
गुणनफल । भूमि, पृथ्वी। थब, शंभ पृ० राजा, नप ।
पुण्य भूमि।
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