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ध्रुवक
( ७१८ )
ध्वेस
११ उत्तर दिशा । १४ पतंग खभा। १५ वृक्ष का तना । | धोह-देखो 'द्रोह'। १६ गत की टेर। १७ समय, युग । १८ ब्रह्मा। भ्रोही-देखो 'द्रोही'। १९ विष्ण । २० शिव । २१ छप्पय छन्द का ५३ वां भेद । ध्रोहौ-वि० द्रोह रखने वाला शत्रु । -वि०१ प्रथम. पहला। २ स्थिर, अचल । ३ एक स्थान ध्वंस-पु० [मं०] नाश, विनाश, हानि, क्षय । पर अटल । ४ सदा एकमा रहने वाला । ५ दृढ़ पक्का । ध्वंसक-वि० [सं०] नाश करने वाला, ध्वंस करने वाला। ६ नित्य । ७ एक*।
ध्वंसन-स्त्री० [सं०] १ विनाश, तबाही । २ नाश करने ध्रवक-पृ० [सं०] १ नक्षत्र की दूरी। २ गीत की टेर। की क्रिया। ३ वृक्ष का तना। ४ खंभा ।
ध्वंसी-वि० [सं० ध्वंसिन ध्वंस करने वाला। ध्रुवकेतु-पु० [सं०] एक प्रकार का केतु तारा।
ध्वज-पु० [सं०] १ देवालय, राष्ट्रीय इमारतों ग्रादि पर ध्रवचरण-पु० [सं०] रुद्रताल के बारह भेदों में से एक।। फहराया जाने वाला झंडा, पताका । २ पताका बांधने की ध्रुवरखौ (बौ)-देखो 'ध्रवगौ' (बी)।
छड़ या दण्ड । ३ राज चिह्न। ४ देव चिह्न। ५ कोई चिह्न ध्रवतारौ-० [सं० ध्र व-तारक] उत्तर दिशा में स्थिर रहने विशेष । (मार्क) ६ प्रसिद्ध पुरुष । ७ स्त्री या पुरुष चिह्न। वाला ताग।
८ पुरुपेन्द्रिय । ६ किसी वस्तु के पूर्व में अवस्थित मकान । ध्रुव-दरसक-पृ० [सं०ध्र वदर्शक] १ मप्तर्षि मंडल । २ कुतुबनुमा,
१० अभिमान, दंभ । ११ ढगण के प्रथम भेद का नाम कपास ।
(15)। १२ फलित ज्योतिष के अनुसार वार व नक्षत्र ध्रुवदरसन-पु० [सं० 5 वदर्शन] विवाह मंबंधी एक संस्कार । संबंधी एक योग। १३ सामुद्रिक शास्त्रानुसार हाथ का ध्रवपद-पु० [सं०] ध्र पद, ध्रुवक ।
रेखा चिह्न विशेष । -चिध-पु० पताका, निशान । -भंगध्रुवमंडळ-पु० [सं० ध्र व-मण्डळ ] सप्तर्षि तागे का समूह । १० नकता। -वांन-वि० ध्वज बाला, पताका वाला। ध्र वसधि-पु० [सं०] एक सूर्यवंशी राजा ।
चिह्न वाला। ध्र 'समध्र स-क्रि०वि० जोर-जोर से । तेजी से ।
ध्वजा-स्त्री० [सं० ध्वज] १ ढगण के पांचवें भेद का नाम । धू-१ देखो 'धू' । २ देखो 'ध्र व' ।
२ देखो 'ध्वज'। ध्रप्र-१ देखो 'धूम' । २ 'धू' । ३ देखो 'ध्रुव' ।
ध्वजादिगणना-स्त्री० [सं०] ज्योतिष की एक गणना विधि । 5 जटी-देखो 'धूरजटी'।
ध्वनि, (नी)-स्त्री० [सं०] १ शब्द, नाद, अावाज । २ गुजन, ध्र बकरणी (बी)-क्रि० टूटना, खण्डित होना ।
रव । ३ शब्दों की अर्थव्यं जना की विशेषता। ४ गूढार्थ । ध्र माळा-स्त्री० मुण्ड माला ।
प्राशय । ५ स्वर । ६ वाजे की ला । ७ बादल की गजेना । भ्रूय-देखो 'धू'।
८ खाली शब्द । ९ शब्द । १० उच्चारण । -ग्रह-पु० भ्रूस-स्त्री० १ काली घटा । २ देखो 'धूस' ।
कान। ध्र सकणी (बी)-क्रि० ढोल आदि वाद्य बजना ।
ध्वस्त-वि० [सं०] १ टूटा-फूटा, खंडित, भन्न। २ नष्ट-भ्रष्ट । ध्र सटपो (बी)-क्रि० ध्वस करना ।
३ गिरा हुअा, च्युन । भ्रू समधू स-देखो 'धूसमधू 'स'।
ध्वांक्ष-पु० [सं०] बार नक्षत्रो मंबंधी एक योग । प्रेठउ, ध्र ठौ-देखो 'धीठ'। (स्त्री० धेठी)
ध्वांत, ध्वांतस-पु० [सं०] १ एक नरक का नाम, तामिस्र । धोरण-पु० मस्तक, शिर।
२ अंपरा । ३ रात्रि, रात। -वर-पु. निशाचर, राक्षस । ध्रोप (फ)-देखो 'धौप'।
-सत्र-पु० ग्राग, अग्नि । सूर्य । चन्द्रमा। दीपक, ज्योति । ध्रोब-देखो 'दोब'।
प्रकाश, उजाला। ध्रोबाठम-स्त्री० [सं० दुर्वा+अष्टमी] भाद्रपद शुक्ला | ध्वांन-पु० [सं० ध्वान] शब्द, आवाज, ध्वनि । अष्टमी।
ध्विज-देखो 'ध्वज'। ध्रोळहर-देखो 'धवळहर'।
| वेस-देखो 'दुस'।
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