Book Title: Rajasthani Hindi Sankshipta Shabdakosh Part 01
Author(s): Sitaram Lalas
Publisher: Rajasthan Prachyavidya Pratishthan

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Page 725
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir धो ध्र खळ धौ-: १ देवल । २ धर्म । ३ तट, किनारा । -स्त्री० धौळपूछियौ-पु० [सं० धवन-पुच्छ] १ एक प्रकार का घास । ४ वागी । ५ धरती। २ वह बैल जिसकी पूछ के बाल श्वेत हों। धौक-पु० बर। धौळहर-देखो 'धवळहर'। धोकळ-देखो 'धवल'। धौळा-स्त्री० [सं० धवल] ढोलियों की एक शाखा। धोकळरणी (बी)-क्रि० देश.] १ युद्ध करना, लड़ाई करना । धौळागर (गिर, गिरि)-देखो 'धवळगिरि'। २ ध्वंस करना, नष्ट करना । ३ प्रहार करना, मारना। धौळहार-देखो 'धवळहर' । ४ उत्पात करना, उत्पन्न करना । धौळियो-वि० १ वीर तेजा जाट का एक विशेषण । धौकार-देखो 'धोकार'। २ देखो 'धौळी' धौखळ-देखो 'धू वळ' । धौळेरण-देखो 'धवळे रण'। धौखळणी (बौ)-देखो 'धौकळणौ' (बी)। धौळेहर, धौळंहर-देखो 'धवळहर'। घोड-वि० | देश०] १ रक्षा करने वाला, रक्षक । २ देखो 'दौड़'। धौळी--पु० [सं० धवल] १ एक प्रकार का श्वेत पत्थर । ___ -स्त्री० १ जिद्द, हठ । २ ध्वनि विशेष । २ श्वेत बाल । ३ श्वेत प्रदर, सोम रोग। -वि० (स्त्री० धौड़ य, धौड़ य-पु० वेग। धौळी) १ श्वेत, सफेद । २ देखो 'धवळ'। ३ देखो धोत, धौति (नी)-वि० [सं०] १ धुला हुआ । २ देखो 'धोती'। 'धौळख'। धीप-स्त्री० १ जोश भरी व डरावनी आवाज । २ पातक, | धौल्यौ-पु० [सं० धवल] १ सफेद धव के समान छोटा वृक्ष । भय, रौब । ३ तलवार, खड्ग । ४ धुलाई । २ देखो 'धौळौ' । ३ देखो 'धवळ' । धौपटणी (बौ). धौपट्रषौ (बौ)-क्रि० [देश॰] १ उपद्रव करना, ध्यांन-पू० [स० ध्यान] १ अन्तः करण में उपस्थित करने की लूटना । २ अधिकार या कब्जा करना । ३ खूब खर्च करना। क्रिया या भाव । २ मन व इन्द्रियों को केन्द्रित करने की ४ अानन्द मनाना । क्रिया या भाव । ३ ईश्वर या किसी ईष्ट का एकाग्रचित्त से धौफ-देखो 'धौप'। चिन्तन । ४ चिन्तन, मनन । ५ मानसिक प्रत्यक्ष । ६ खयाल, धौम देखो 'धूम' । विचार, चेतना। ७ दिव्य अन्तर्ज्ञान । ८ बुद्धि, समझ । धौमधुज-देखो 'धूमधज'। ९ प्रगाढ़, चिन्ता । १० स्मृति, याद । ११ मनोयोग से देखने धौमाळ स्त्री० अग्नि, प्राग । व समझने की क्रिया या भाव । १२ योग के पाठ अंगों में धौम्य-पु० [सं०] एक ऋषि । से एक । १३ बहत्तर कलानों में से एक । धौरग-वि० [देश॰] लहु-लुहान व क्षत-विक्षत ।" ध्यांन-जोग-४० [सं० ध्यानयोग] १ वह योग जिसमें ध्यान धौरितक-पु० [सं० धौरितकम्] घोड़े की पांच चालों में मुख्य हो । २ एक तांत्रिक क्रिया। से एक। ध्यान-धारण-पु० स० ध्यानधारिन्] १ शिव, महादेव । धौळ-पु० [देश॰] १ शिर, मस्तक । २ देखो 'धवळ' । २ योगी। ३ देखो 'धौळो' । ४ देखो 'धोळख' । ध्यांनवंत-वि० [सं० व्यानवत् ] जो किसी का ध्यान कर रहा हो। धौल-पु० हाथ के पंजे का भारी प्राघात, थप्पड़ । ध्यांनी-वि० [सं० ध्यानिन्] १ ध्यान लगाने वाला, ध्यान करने धौळक-देखो 'धौळख' । वाला। २ ध्यानयुक्त, समाधिस्थ । धौलक, धौलकी-देखो 'ढोलक' । ध्यांनु-देखो 'ध्यान'। धोळको-खो 'धक'। ध्याग (गि)-देखो ‘धियाग' । भोळख- स्त्री० [सं० धवल ] मकानों पर पुताई करने की श्वेत ध्याणी (बौ)-क्रि० १ ईश्वर या किसी देव का ध्यान मिट्टी । करना, मानना, ईष्ट रखना। २ सेवा-पूजा करना । धौळगिर (गिरि, गिरने)-देखो 'धवळगिर' । ३ देखो 'धारणौ' (बौ)। ___-रांणी="श्रवळगिररांगी' । ध्याता-वि० ध्यान करने वाला। धळजीभौ-पु० सफेद जीभ का बल । ध्यावणौ (बो)-देखो 'ध्यारणौ' (बी)। धौळण-स्त्री० [सं० धवल १ मकान पोतने की श्वेत मिट्टी, ध्यावना-देखो 'धावना' । चूना । २ मकान पोतने की क्रिया । ध्येय-वि० [सं०] १ ध्यान करने योग्य । २ जिसका ध्यान किया धौळणौ (बो)-देखो 'धवळणी' (बौ) । जाय। धौती-स्त्री० [सं० धवल ] गाय । | ध्र खळ-देखो 'धू कळ' । For Private And Personal Use Only

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