Book Title: Rajasthani Hindi Sankshipta Shabdakosh Part 01
Author(s): Sitaram Lalas
Publisher: Rajasthan Prachyavidya Pratishthan

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Page 707
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir धराउ धवळधन्यासी योद्धा, वीर । -धर-पु० शेषनाग। पर्वत । विष्णु । धरती-स्त्री० १ हेरानी, परेशानी । २ तंगी। ३ देखो 'धरती' । --धव-पु. राजा, नृप । --धार-पु० शेषनाग । धरोड़, धरोहर-स्त्री० [सं० धरण] १ अमानत, थाती । -धिपति, धीस-पु. राजा, नृप । ईश्वर, विष्ण। २ गिरवी, रेहन । ३ भमानत या गिरवी रखी वस्तु । -नायक-पु० राजा, नृप । -पति, पती-पु० राजा, नृप। धरौ-पु० [सं० धं] १ संतोष । २ तृप्ति । ३ ढोलक प्रादि का --पुत्र-पु० मंगल ग्रह । --विध सण-पु० तलवार । भारी आवाज वाला भाग । भराउ (ऊ)-देखो 'भुराऊ'। धळ-धूधळ-स्त्री० रेतीली भूमि । मरुस्थल । भराज-पू० १ बढ़ई का एक प्रौजार । २ देखो 'धिराज'। । | धव-पु० [सं०] १ पति, स्वामी। २ मनुष्य । ३ सूर्य । धराणौ (बौ)-क्रि० १ रूप बनवाना, देह धारण कराना । | ४ धूर्त व्यक्ति । ५ एक वृक्ष विशेष। ६ कंपन, थर्राहट । २ ग्रागपित कराना। ३ व्यवहार के लिए लिवाना, काम के ७ देखो 'धाव' । लिये रखाना । ४ लिवाना, ग्रहण कराना । ५ रखवाना, धवई-देखो 'धाय' । धरवाना । ६ निश्चित कराना, निर्धारित कराना। धवडी-स्त्री० वीरांगना । ७ महसूस या अनुभव कराना। ८ बैठाना, ग्रहण, कराना। धवरिण (रणी)-१ देखो 'धमण' । २ देखो 'धमरणी' । ९ पास में रखाना, रक्षा में देना । १० स्वीकार कराना। धवरणौ (बौ)-क्रि०१ स्तन पान करना। २ देखो 'धमणो' (बी)। ११ चौकन्ना व सावधान करना । १२ ध्यान दिराना ।। धवभंग-पु० [सं०] पति या स्वामी का अवसान, मृत्यु । वैधव्य । १३ संकल्प कराना, दृढ़ निश्चय कराना। १४ पहनाना, धवर-पू० एक पक्षी विशेष । -वि० उजला, श्वेत धारण कराना । १५ स्थापित कराना । १६ प्रगट कराना। धवरहर-देखो 'धवळहर'। १७ मंलग्न कराना, काम में लगवाना । १८ देखभाल धवराड़रणों (बौ), धवराणी (बौ)-देखो 'धवाणी (बी)। कराना। १९ वहन कराना। २० अवस्थित करना। धवरानळ-पु० सूर्य, भानु । २१ गिरवी या बंधक रखवाना। २२ मजबूती से पकड़ाना, धवरावणी (बौ)-देखो 'धवाणी' (बो) । थमवाना। २३ डींग मरवाना । २४ प्रहार कराना, धवळंग-वि० स० धवल-अंग श्वेत, उज्ज्वल । -पु० १ हंस । मरवाना। २५ वश में कराना, काबू में कराना, रुकवाना। २ प्रासाद, महल । धराधारधारी-पु० [सं०] महादेव, शिव । धवळंगा-स्त्री० एक वर्ण वृत्त । धरापूर-वि० पूर्ण, सम्पुर्ण । धराररण-स्त्री० भूमि, पृथ्वी । धदळ-पु० [सं० धवल] १ बैल, वृषभ । २ हंस । ३ एक लोक धरारूप-वि० पर्वत तुल्य । गीत विशेष । ४ सुभट, योद्धा । ५ छप्पय छंद का एक भेद । धरा-रो-यम-देखो 'धराथंभ' । ६ मांगलिक गायन । ७ देखो 'धमळ' । ८ श्वेत पत्र । ६ एक धराळ-पु. १ स्थलचर प्राणी । २ देखो 'धाराळी' । वृक्ष । -वि० १ श्वेत, उज्ज्वल । २ विशुद्ध, स्पष्ट । ३ देखो 'धुराळ'। ३ सुन्दर । -प्रारोहण-पु० शिव, महादेव । --धुज-पु० धराव-पु० १ पशु,मवेशी। २ पशु धन । ३ देखो 'धाव'। शिव। --पक्ष, पख-पु० शुक्ल पक्ष । हंस। -मंदिर-पु० -वि० मूर्ख। बड़ा भवन । राज्य प्रामाद । -मिण-स्त्री० दीपक । धरावणी-पु० रखवाने या ठहराने की क्रिया या भाव । -हर, हरि-पु० बड़ा भवन । राज्य प्रासाद। मीनार । धगवगौ (बो)--देखो 'धगणी' (बी)। धवळगर, (गिर, गिरी)-१ हिमालय की सर्वोच्च चोटी । धरावू-देखो 'धुराऊ। २ कैलाश पर्वत । ३ हिमालय पर्वत । ४ एक प्रकार की धराही-स्त्री० एक प्रकार की तलवार । तलवार । ५ दुर्गा देवी। -वासिनी-स्त्री० सरस्वती देवी। धरि-अन्य प्रारंभ में। धवळग्रह (ग्रिह, ग्रह)-पु० [सं० धवल गृह] १ चूने से पुता धरिती, धरित्री--देखो 'धरती' । सद भवन । २ देखो 'धवळहर'। धरि-धारण पु० [सं० धुर-धारग] बैल, वृषभ । धवळचित-वि० [सं०] निष्कपट. स्पष्टवादी। धरू-पु० [सं० ध्र पद) १ एक राग विशेष, ध्रुपद ।। धवळणी (बी)-क्रि० [सं० धवलम्] १ उज्ज्वल करना, रा.द २ देखो 'ध्र'। धरेट-स्त्री० [सं० दृष्टि] कुष्टि, नजर । करना । २ चमकाना । ३ प्रकाशित करना । धरेस--पु०म० धरा-ईश] १ राजा, नप । २ शेषनाग । ध वळता-स्त्री० [सं० धवलता] सपं.दी, उज्ज्वलता । ३ ईश्वर । धबळहान्यासी-स्त्री० [सं० धवल-धन्याश्री] एक रागविशेष । For Private And Personal Use Only

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