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घाक
धांक- स्त्री० १ चिह्न । २ देखो धंक' | धोकण (जौ) क्रि० (at)-fo वाहना । 'वांकळ-देखो 'धू'कळ' | धाख- देखो 'धक' ।
(ब) देखो' (बी)।
[सं०] द्राक्ष, लाक्ष] इच्छा करना,
धांगड़ धांगड़ी-देखो 'दांगडी' ।
धांगौ-पु० एक प्रकार की मवारी, तांगा, रथ ।
धारण १० नाश, विध्वंस
धाणका- स्त्री० [सं०] धनुष] १ राजस्थान की एक पिछड़ी जाति । २ श्वपच, चांडाल
धारणको पु० १ उक्त जाति का व्यक्ति । २ चाण्डाल, हरिजन । धांणा पु० [सं० प्राश्यक] निया नामक पदार्थ जिसकी देती रबी की फसल के साथ होती है। इसके पत्ते व बीज मिर्च मसाले व औषधि में काम में आते हैं । -पंचक-पु० धनिया के योग से बना पांच प्रोषधियों का मिश्रण । - पुराधी-स्त्री० स्त्रियों के हाथ का साभूषण विशेष । धांगी - स्त्री० अत्यन्त गर्म बालू में सेका हुआ अनाज या जौ का दाना ।
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धांक- पु० [सं० धानुष्क] धनुर्धर, धनुष चलाने वाला योद्धा । धांणी - पु० [सं० धान्यक ] धनिया का पौधा या बीजः । प्रांत-देखो 'ध्वांत' ।
वाजी-देखो 'घांच
धांधधिपसु स्त्री० तबले की ध्वनि, तबले का बोल । धांधी- स्त्री० नगाड़े की ध्वनि ।
धांधु स्त्री० १ शीघ्रता, जल्दी । २ तकरार ।
'धानंक- देखो 'धनुस' ।
धांनंकी- देखो 'धानंखी' |
( ७०० )
धांधळि (ळी) - स्त्री० १ अव्यवस्था, गड़बड़ी । २ बखेड़ा, फिसाद ३ विवाद, तकरार । ४ उत्पात, उपद्रव । ५ मनमानी । ६ नियम विरुद्ध कार्य ।
धांधळेबाज - वि० गड़बड़ी करने वाला, मनमानी करने वाला । उपद्रवी
धानंखर- पु० धनुर्धारी योद्धा । धाबी० [सं०] धानृषक] धनिया में प्रवीण धांनंतर - देखो 'धनंतर' ।
देखो'घर धारी 'धनुर'
।
धांत - पु० [सं० धान्य ] अन्न, अनाज, नाज । धनिक देखो 'धनु' |
धांनकी फूल - पु० [सं० पुष्पधन्वा ] कामदेव, मदन । धानख देखो 'धनुस' |
नडियन-देखो 'धन'।
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धाय
धानमंडी स्वी० [सं०] धान्य-मण्डप ] धान (अनाज) के विक्रय का केन्द्र, अनाज - बाजार ।
धनमाळीपु० एक असुर का नाम ।
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यांनी स्त्री० [सं० धानी] १ स्थान जगह २ बांसुरी ३ एक राग विशेष । ४ एक वर्ण वृत्त । ५ एक रंग विशेष । धानुक, धनु | देखो 'धनुम' धर 'धनुसंधर' = । धांनुकी पु० धनुष बनाने वाला ।
धांग्य-पु० [सं०] धान्य] केवल स्वरूप दी जाने वाली गाय
पांच विशिष्ट धानों का एक प्राचीन राजवंश |
मात्र
धेतुस्त्री० [दान
एक दान विशेष । -पंचक-पु० समूह, एक श्रौषधि । -पाळ-पु०
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८
धांम पु० [सं० धामन् ] १ गृह, मकान, घर । २ निवास स्थान । ३ स्थान जगह । ४ देवस्थान, देवालय । ५ तीर्थ स्थान । ६ परलोक बँकुण्ठ, स्वर्ग देह, शरीर तेज प्रकाश । ९ ज्योति, किरण । १० प्राभा, चमक, कांति 1 ११ बल, प्रताप । १२ दल, समूह । १३ दशा, परिस्थिति । १४ चार की संख्या * । उजासी पु० दीपक । धांमजग्र - देखो 'धमगजर' ।
धामण ( णि, रण ) - पु० १ एक प्रकार का घास । २ एक वृक्ष विशेष | ३ एक सर्प विशेष । ४ मांस पकाने की इंडिया । ५ मोल-भाव करने की क्रिया । ६ स्वीकार करने के लिये कोई वस्तु किसी के धागे करने की क्रिया । धांमणी (बौ) - क्रि० १ भेंट यदि सामने रखना, आगे करना, स्वीकारार्थं आग्रह करना । २ निश्चित मोल पर कोई वस्तु मांगना, वस्तु की कीमत ग्रांकना ।
धामधूम - वि० वात विकार से फूला हुआ, वात विकार युक्त । - पृ० १ मार-काट २ युद्ध । ३ वात विकार । ४ देवो'मां'
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धांमनीर - पु० [सं० नीर धाम ] १ समुद्र, सागर । २ सरोवर । धांगी स्त्री० [सं०] धामश्री] एक रागिनी विशेष
धामहर - पु० [सं० धामगृह ] देवल
धांमहरि - पु० [सं० धामहरि | वैकुण्ठ, स्वर्ग
धांमाजागर-देखो 'धमगजर'
धांमिणी-स्त्री० ० कन्या या बहन को दी जाने वाली गाय या भैंस | धमिषौ पु० बहन या भूवा के पास रहने वाला बच्चा या लड़का
प्रांमिय वि० [सं० धार्मिक] धर्माचरण करने वाला धार्मिक धांमौ-पु० चौड़े मुंह का गोल पात्र, बड़ा प्याला । ध-स्त्री० १ बन्दूक आदि के छूटने की ध्वनि । २ आाग की तेज लपटों की ध्वनि । ३ तेज लपटों में जलने की क्रिया ।