Book Title: Rajasthani Hindi Sankshipta Shabdakosh Part 01
Author(s): Sitaram Lalas
Publisher: Rajasthan Prachyavidya Pratishthan

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Page 704
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra धमाळ www. kobatirth.org धमाळ - स्त्री० १ डिंगल का एक छन्द, गीत विशेष । २ होली का गीत विशेष । ३ एक ताल विशेष । ४ एक राग विशेष । ५ एक पौधा विशेष । ( ६९५ ) - धमावरणौ (बी) - देखो 'धमाणी' (बी) । धमासौ-पु० [सं० धन्वयास ] एक प्रकार का कांटेदार छोटा परज-पु० ताम्र, तांबा | धम्मौ-देखो 'धरम' । धय-स्त्री० [सं० ध्वज ] ध्वजा, पताका । धयर- देखो 'धीरज' । धपरठ (ठ) धरा-देखो 'धनराठ' धयवड - पु० [सं० ध्वज-पट ] ध्वज-पट, ध्वजा । धयाग- देखो 'धियाग' । ४ रूई का ढेर । ५ कच्छपावतार ७ देखो 'धड़' । ८ देखो 'धुर' । ९ - पु० लकड़ियों की चहार दिवारी अंधकार | धयो- पु० १ कलह, टंटा । २ कष्टदायक कार्यं । ३ अनिच्छा का कार्यं । ४ ईर्ष्या, द्वेष ५ ऊधम, उपद्रव । धरंमी- देखो 'धरमी' । क्षप, दुलाह । धरड़ स्त्री० वस्त्र फटने या चुनी हुई वस्तुएँ उहने की ध्वनि धमीड़, धमीड़ौ - पु० १ जोर का धमाका । २ मुक्के आदि का धरड़णौ (बौ) - क्रि० १ फटना, विदीर्ण होना । २ ढहना, पड़ना जोरदार प्रहार । ३ भारी वस्तु के गिरने का शब्द । ३ ध्वनि होना । ४ फाड़ना, विदीर्ण करना । ५ ढहाना, पटकना । ६ ध्वनि करना । धमूक- ०१ पूसा, मुनका २ से या मुक्के का प्रहार । । ३ देखो 'धमकी' | घमोड़ देखो 'धमीड़ी। धमोड़णी (ब) क्रि० १ प्रहार करना, चोट करना। २ फूटना पीटना | ३ मारना पीटना ४ डटकर खा लेना । धमोड़ी देखो 'धमोड़ी। धमोळी, धमोळी-स्त्री० १ भादव कृष्णा तृतीया की पूर्व रात्रि में व्रत करने वाली स्त्रियों द्वारा किया जाने वाला भोजन । २ इस अवसर पर कन्या के ससुराल से आने वाला सामान । धम्म- देखो 'धम' । धम्मको १ देखो 'धमाको' । २ देखो 'धमकी' । धम्मचक्क - १ देखो 'धमचक' । २ देखो 'धरमचक्र' । धम्मपुत्र - देखो 'धरमपुत्र' । धम्मळ - देखो 'धवळ' । - = । धम्मळा देवो 'वळा' गिर, गिरी, गिरी 'धवळगिरी' । धम्मस- देखो 'धमस' । धम्मिल्ल - ० [०] केशों की देखी, जुड़ा। धम्मीड़ देखो 'धमीड़' । धम्मीड़ौ - देखो 'धमीड़ी' । धम्मु-देखो 'धरम' पुत 'धरमपुत्र' । घोळी-देखो 'मोळी | घर - वि० [सं०] १ ग्रहण करने वाला, रखने वाला, धारण करने वाला । २ संभालने वाला, थामने वाला । ३ पकड़ने वाला । - ५० १ पर्वत, पहाड़ । २ विष्णु । ३ श्रीकृष्ण Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir धरण ६ एक वसु का नाम । देखो 'धरा' । कोटछाया - स्त्री० अंधेरा, धरजहर पु० [सं०] धर-फा० जल] सर्प सांप । धर-देखो 'धीर' । धरण - वि० [सं०] १ धारण करने वाला वाला, रखने वाला । ३ थामने, पकड़ने वाला । ४ वहन करने वाला। ५ रक्षक - पु०१ एक नाग का नाम । २ खंभा । ३ बांध, पुल । ४ संसार । ५ सूर्य । स्त्री० [सं०] धरणी] ६ नाभि के नीचे की नश जो वास के साथ उछलती रहती है। ७ एक तौल विशेष । ८ स्त्री के स्तन । ९ चावल । १० हिमालय । ११ देखो 'धारण' । १२ देखो 'धारणा' । १३ देखो 'धरणी' । -धर = 'धरणी घर' - नागपु० शिव, महादेव । पीतंबर- पु० ईश्वर, विष्णु 1 घाव पु० [सं०] धररा इन्द्र नागराज, लेषनाग धरणि- देखो 'धरणी' -धर = 'धरणीधर' । २ ग्रहण करने वाला, संभालने , धरणी स्त्री० [सं०] १ पृथ्वी धरती २ नाभि न नाही ४ सेमर का वृक्ष । ५ शहतीर - तळ- पु० धरातल, पृथ्वी तल पर परि धरी- पु० । ईश्वर परमात्मा विष्णु । 1 शिव कच्छप । शेषनाग पर्वत, पहाड़ एक प्रसिद्ध तीर्थ - वि० पृथ्वी को धारण करने वाला । - सुत - पु० मंगल नरकासुर सुता स्त्री० सीता, जानकी । 1 For Private And Personal Use Only धरण ( ) - पु० [सं०] धरणम् ] १ गिरवी रेहन २ धरोहर अमानत । ३ देखो 'धरणो' । धरणी - पु० [सं० धरण] १ शासक या प्रशासक से अपनी मांगें मनवाने के लिये उसके द्वार पर की जाने वाली बैठक । २ उत्सर्ग । ३ सत्याग्रह । ४ किसी देवता के आगे किया जाने वाला अनशन । धरणी (बी) कि० [सं० धरणम् १ रूप बनाना, देह धारण करना । २ प्रारोपित करना । ३ व्यवहार के लिये लेना, काम के लिये रखना । ४ लेना ग्रहण करना । ५ रखना, कहीं पर घर देना । ६ निश्चय करना, निर्धारित करना । ७ महसूस करना, प्रनुभव करना । ८ बैठना, ग्रहण करना ।

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